how did jau aka barley originate know its relation with maa lakshmi and significance

कैसे हुई जौ की उत्पत्ति? जानें क्या है इसका माता लक्ष्मी से संबंध

हिंदू धर्म में जौ का उपयोग कई यज्ञों और हवनों में एक महत्वपूर्ण सामग्री के रूप में किया जाता है। इसे देवताओं को अर्पित किया जाता है। साथ ही माता लक्ष्मी और मां दुर्गा की पूजा में भी जौ का विशेष महत्व है। अब ऐसे में जौ का माता लक्ष्मी से क्या संबंध है और इनकी पूजा में जौ क्यों इतना महत्वपूर्ण है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-05-12, 15:30 IST

प्राचीन काल से ही जौ का उपयोग यज्ञ और हवन जैसी धार्मिक अनुष्ठान में महत्वपूर्ण रूप से होता आया है। इसे देवताओं को अर्पित किया जाता है और माना जाता है कि इससे यज्ञ सफल होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इतना ही नहीं, पितरों की शांति और तृप्ति के लिए किए जाने वाले श्राद्ध कर्म में भी जौ का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जौ अर्पित करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है।

कई तीर्थ स्थलों पर श्राद्ध के दौरान जौ के पिंड दान किए जाते हैं। आपको बता दें, जौ को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कई धार्मिक अनुष्ठानों में इसका उपयोग मंगल कामना के लिए किया जाता है। इतना ही नहीं जौ का उपयोग माता लक्ष्मी के साथ-साथ मां दुर्गा की पूजा में विशेष रूप से होता है।

अब ऐसे में सवाल है कि माता लक्ष्मी की पूजा में जौ इतना जरूरी सामग्री माना जाता है और इसका श्री से क्या संबंध है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

माता लक्ष्मी की पूजा में जौ क्यों है महत्वपूर्ण

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जौ को समृद्धि, प्रचुरता और धन का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी की पूजा में जौ चढ़ाने से घर में धन और धान्य की कभी कमी नहीं होती है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, जौ को सृष्टि की पहली फसल माना जाता है। इसलिए, इसे देवी-देवताओं को अर्पित करना शुभ माना जाता है। आपको बता दें, जौ धान्य लक्ष्मी का स्वरूप है। इसलिए इनकी पूजा में जौ बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। जौ के बिना माता लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है।

जौ को समृद्धि का माना जाता है कारक

ज्योतिष शास्त्र में जौ को समृद्धि का कारक माना जाता है। जौ के बीज नए जीवन को जन्म देते हैं। इसलिए कई पारंपरिक रीति-रिवाजों में नए कार्यों की शुरुआत या शुभ अवसरों पर जौ का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। जौ को धन और धान्य का प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जौ सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर माात लक्ष्मी को जौ विधिवत रूप से चढ़ाया जाए तो व्यक्ति को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है।

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ज्योतिष शास्त्र में जौ का महत्व

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धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि जब ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना कर रहे थे तो उन्होंने सबसे पहले जौ की फसल उत्पन्न की। इसलिए इसे और भी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। जौ को माता अन्नपूर्णा का प्रतीक माना जाता है, जो भोजन और पोषण की देवी हैं। शुक्र ग्रह के लिए शुक्रवार को लाल वस्त्र में जौ लपेटकर तिजोरी में रखने और बच्चों को दान करने से आर्थिक तंगी दूर हो सकती है।

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Image Credit- HerZindagi

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