how to use jau in puja.

पूजा-पाठ में जौ का क्या उपयोग और महत्व है?

जौ एक पवित्र अनाज है, जिसका उपयोग रसोई के साथ-साथ पूजा-पाठ के स्थान पर भी किया जाता है। हवन सामग्री से लेकर भोग बनाने तक, कई चीजों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-06-18, 16:24 IST

जौ का उपयोग हमारी रसोई से लेकर कई सारी औषधि तक इसका इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि जौ का उपयोग न सिर्फ खाने पीने के लिए किया जाता है, बल्कि इसका उपयोग पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए भी किया जाता है। जौ का न सिर्फ खाने-पीने की चीजों में महत्व है, बल्कि ऐसी बहुत सी धार्मिक अनुष्ठान है जो जौ के बिना अधूरी है। बता दें कि नवरात्रि में जौ का बहुत महत्व है, जौ बोने के बाद ही नवरात्रि के नव दिनों की पूजा शुरू होती है। इसके अलावा हवन सामग्री में भी जौ के दाने का महत्व बताया गया है। ऐसे में चलिए आज जौ के धार्मिक महत्व के बारे में जानते हैं।

ब्रम्हा का स्वरूप है जौ

significance of jau aka barley in puja

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जौ को ब्रम्हा देव का स्वरूप माना गया है। सदियों से पूजा पाठ के बाद हवन के दौरान जौ से बनी हवन सामग्री से आहुति देने की परंपरा है। हवन के लिए तैयार की गई सामग्री जौ के बिना अधूरी है। पूजा पाठ के दौरान जौ का उपयोग ही इस अनाज के महत्व को बताता है।इसे भी पढ़ें: बोध गया में है मां सरस्वती की अनोखी प्रतिमा, जानें क्या है मान्यता 

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जातक के तरक्की से जुड़ा है नवरात्रि के जौ का बढ़ना

नवरात्रि के पहले दिन जौ बोने की परंपरा है, ऐसे में इस सदियों पुरानी परंपरा को आज भी कायम रखा गया है। बता दें कि जौ बोने वाले लोगों का मानना है कि नवरात्रि का जौ जैसे-जैसे बढ़ता है, उसके जीवन में आगे उसी तरह तरक्की और उन्नति मिलेगी। इसके अलावा यदि नवरात्रि का जौ सड़ जाता है या अच्छे से बढ़ नहीं पता है, तो उसे जातक के लिए अच्छा नहीं माना गया है। हरियाली से भरपूर हरा-भरा जौ मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक है।

इन चीजों के लिए भी जाती है जो का उपयोग

What is the significance of Jau in Navratri ()

नवरात्रि और हवन सामग्री के अलावा जौ का उपयोग किसी भी विशेष पर्व या अवसर पर दान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। जौ का दान करने वाले जातक को बहुत बड़ा दानी का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा जौ का यह दान सभी दानों में विशेष है। 

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जौ का उपयोग पितृ देव और पीपल के पेड़ में जल देने के लिए भी उपयोग किया जाता है। साथ ही पिंड दान करते वक्त भी काले तिल के साथ सफेद जौ का उपयोग किया जाता है। 

 

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Image Credit:  Freepik

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