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Akshaya Tritiya Shubh Muhurat 2025: शुभ कार्यों की पूर्ति के लिए अबूझ मुहूर्त, जानें कब है अक्षय तृतीया और क्या है शुभ समय एवं महत्व

Akshaya Tritiya Muhurat 2025: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के रूप में महापर्व के तौर पर मनाया जाता है। धर्म शास्त्रों और ज्योतिष में इस तिथि को अबूझ माना गया है।
Editorial
Updated:- 2025-04-29, 16:30 IST

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के रूप में महापर्व के तौर पर मनाया जाता है। धर्म शास्त्रों और ज्योतिष में इस तिथि को अबूझ माना गया है। यानी कि किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य के लिए यह दिन पूरे साल में सबसे ज्यादा लाभकारी है और इस दिन कोई भी नया काम करने या कुछ भी नई खरीदारी करने के लिए शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साल कब पड़ रही है अक्षय तृतीया, क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

अक्षय तृतीया 2025 कब है? (Akshaya Tritiya 2025 Kab Hai?)

Akshaya Tritiya 2025 Kab Hai

अक्षय तृतीया का पर्व वर्ष 2025 में 29 अप्रैल, मंगलवार के दिन को शाम 5:31 बजे आरंभ होगी और 30 अप्रैल, बुधवार के दिन को दोपहर 2:12 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि को मान्यता देने के कारण अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल को मनाया जाएगा।

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अक्षय तृतीया 2025 शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat)

Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat

30 अप्रैल को सूर्योदय सुबह 5:58 बजे और सूर्यास्त शाम 6:50 बजे होगा। पूजा के लिए सबसे उत्तम समय सुबह 5:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक रहेगा। इस दौरान लगभग साढ़े छह घंटे का विशेष मुहूर्त मिलेगा, जिसमें पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:21 बजे से 5:09 बजे तक रहेगा और यह भी विशेष रूप से पुण्य फलदायी समय होता है स्नान एवं दान के लिए।

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अक्षय तृतीया 2025 महत्व (Akshaya Tritiya 2025 Mahatva)

Akshaya Tritiya 2025 ka Mahatva

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना गया है, यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए विशेष मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। अक्षय शब्द का अर्थ है, जिसका कभी क्षय न हो। इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य, दान, खरीदारी या निवेश, स्थायी फल प्रदान करता है।

इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अवतार लिया था। अक्षय तृतीया पर पूजा-पाठ, दान और व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है, और माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।

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अक्षय तृतीया के दिन कौन सा रंग पहनना चाहिए? 
अक्षय तृतीया के दिन पीला या सुनहरा पहनना चाहिए।
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