सोरायसिस से ना हों परेशान, इन आयुर्वेदिक टिप्स का लें सहारा

अगर आप इन दिनों सोरायसिस की समस्या से जूझ रही हैं तो इसके उपचार के लिए इन आयुर्वेदिक तरीकों का सहारा ले सकती हैं।

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सोरायसिस एक ऐसी स्किन से जुड़ी समस्या है, जिसे शुरुआत में लोग नजरअंदाज करते हैं। लेकिन जब समस्या बहुत अधिक बढ़ जाती है, तब वह इसे उपचार करने का प्रयास करते हैं। यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें स्किन पर एक लाल रंग की परत बन जाती है। यह किसी चकत्ते की तरह नजर आती है। आमतौर पर, स्किन पर यह धब्बे मुख्य रूप से कोहनी, घुटने, खोपड़ी और पीठ के निचले हिस्से पर दिखाई देते हैं। हालांकि, यह स्किन के किसी भी हिस्से पर दिखाई दे सकते हैं।

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सोरायसिस वास्तव में एक ऑटोइम्यून डिसीज है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कारण होता है। यह स्किन से जुड़ी समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। कुछ लोग सोरायसिस के उपचार के लिए एलोपैथी का सहारा लेते हैं, लेकिन इससे कभी-कभी विपरीत असर भी नजर आ सकता है। ऐसे में अगर आप चाहें तो कुछ आयुर्वेदिक तरीकों का भी सहारा ले सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में बीएलके मैक्स हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक मेडिसिन डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टेंट प्रोफेसर डॉ. रजनी सुषमा आपको कुछ ऐसे आसान आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बता रही हैं, जो सोरायसिस के उपचार में प्रभावी हो सकते हैं-

तुरई के पत्तों का रस आएगा काम

अगर आप सोरायसिस के कारण परेशान हैं तो ऐसे में तुरई के पत्तों को इस्तेमाल करके देखें। इसके लिए आप एक छोटा चम्मच तुरई के पत्तों का रस लें। इसमें एक चम्मच घृतकुमारी का गूदा और आधा चम्मच नारियल का तेलडालकर अच्छी तरह मिक्स करें। ध्यान रखें कि सभी चीजें आपस में अच्छी तरह मिल जाएं। अब इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं।

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नीम की छाल को करें इस्तेमाल

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नीम की छाल को आयुर्वेद में बेहद ही गुणकारी माना गया है। इसकी एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज कई तरह की स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में सहायक है। आप भी नीम की छाल के पाउडर को सोरायसिस के उपचार के लिए इस्तेमाल करें। इसके लिए नीम की छाल का पाउडर लें और इसमें आवश्यकतानुसार जैतून का तेल डालकर मिक्स कर लें। अब आप इस पेस्ट को स्किन के प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।

गंधक का करें इस्तेमाल

शुद्ध गंधक भी सोरायसिस के उपचार में सहायक हो सकती है। इसके इस्तेमाल के लिए आपको बस इतना करना है कि आप शुद्ध गंधक के पाउडर को दूध के साथ मिक्स करें। आप आवश्यकतानुसार पाउडर व दूध लें ताकि इसका एक स्मूद पेस्ट बन जाए। अब आप इस पेस्ट का इस्तेमाल प्रभावित स्थान पर करें।

गिलोय का रस होगा प्रभावी

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आयुर्वेद में गिलोय को बेहद ही प्रभावशाली जड़ी-बूटी माना गया है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट अप करने में मददगार है। चूंकि, सोरायसिस का एक मुख्य कारण कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता को माना गया है। ऐसे में गिलोय का इस्तेमाल करना बेहद लाभकारी हो सकता है। इसके इस्तेमाल के लिए आप गिलोय के रस या पाउडर में आधा छोटा चम्मच मंजिष्ठा चूर्ण और दूध को मिक्स करें। अब आप इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।

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तो अब आप स्किन पर मौजूद इन धब्बों से परेशान होने के स्थान पर इन आयुर्वेदिक तरीकों को अपनाकर देखें और अपने एक्सपीरियंस हमारे साथ फेसबुक पेज पर अवश्य शेयर करें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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