हमारे आसपास कुछ ऐसे पेड़ या पौधे मौजूद रहते हैं, जिनका इस्तेमाल भारतीय औषधि में वर्षों से किया जाता रहा है। जैसे-नीम पेड़, तुलसी का पौधा आदि ऐसे हजारों पेड़-पौधे हैं जिनका उपयोग घरेलू दवाओं के लिए किया जाता रहा है। इन्हीं में से एक है मंजिष्ठा का पौधा। एक सामान्य घास-फूस और लकड़ी की तरह दिखाई देने वाला मंजिष्ठा कई बीमारी का निवारण है। जड़ी-बूटी में इस्तेमाल किया जाने वाला यह सेहत के साथ-साथ सुंदरता के लिए कई महिलाएं आज भी इस्तेमाल करती हैं। आयुर्वेद में कहा जाता है कि इसके तने, पुष्प और जड़ ये तीनों चीज़ों का इस्तेमाल एंटी-वायरल आदि के लिए किया जाता है। यह लकड़ी अधिकतर पहाड़ी और घने जंगलों में पाई जाती है। इसका पाउडर भी हेल्थ से लिए सही होता है। आइए जानते हैं इसके फायदे के बारे में।
मौजूदा समय में अगर पूरा विश्व किसी चीज से डरा हुआ है, तो है कोरोना बीमारी से। इस महामारी में अधिकतर लोगों का राय है कि जितना अधिक आपका इम्यूनिटी स्ट्रांग रहेगा आप उतना ही अधिक कोरोना महामारी से सुरक्षित रहेंगे। ऐसे में इम्यूनिटी को स्ट्रांग करने के लिए इस आयुर्वेदिक लकड़ी का सेवन किया जा सकता है। कहा जाता है कि एल्कलॉएड, कार्डियक ग्लाइकोसाइड्स जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर में घुलकर इम्यूनिटी को स्ट्रांग करते हैं। इसके लिए कई लोग काढ़ा बनाकर भी सेवन करते हैं।
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आयुर्वेद में कई पौधों के चूर्ण है जिन्हें आज भी कई लोग पेट की समस्या को दूर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। जैसे आंवला का चूर्ण, तुलसी का चूर्ण आदि चूर्ण का उपयोग पेट की समस्या के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह मंजिष्ठा के चूर्ण का भी इस्तेमाल पेट के कीड़ों से परेशान रहने वालों के लिए रामबाण समझा जाता है। कहा जाता है कि इसमें मौजूद औषधीय गुण पेट से कीड़ों को बाहर निकाल देते हैं। इसके लिए चाय या गरम पानी में मिक्स करके सेवन कर सकती हैं।
कहा जाता है कि एक जड़ी-बूटी के रूप में मंजिष्ठा त्वचा की खूबसूरती बढ़ाने के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक पौधा है। कहा जाता है कि चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ चेहरे पर पड़े दाग धब्बे आदि को जड़ के खत्म कर देता है। कई महिलाएं आज भी इसके चूर्ण को पेस्ट के रूप में बनाकर चेहरे और त्वचा पर इस्तेमाल करती हैं, ताकि चेहरा निखर सके। कई लोगों का यह भी मानना है कि यह ब्लड प्यूरीफाई करने में भी मदद करता है।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंजिष्ठा और इसके चूर्ण को एंटी-वायरल समस्या को दूर करने के लिए सही समझा जाता है। इसलिए कई जानकार यह राय देते हैं कि बुखार के समय में इसका काढ़ा बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह शरीर में बुखार उत्पन्न करने वाले वायरस को खत्म करते हैं और बुखार को शांत भी। बुखार के साथ-साथ दांतों की परेशानी के लिए भी इसे इस्तेमाल किया जाता है। कई लोग दांत दर्द की समस्या को दूर करने के लिए इसके चूर्ण को टूथपेस्ट के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
हालांकि, अगर आपको कोई स्किन संबंधी समस्या है तो एक बार डॉक्टर से ज़रूर सलाह लेनी चाहिए। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें, और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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