हमारे शरीर में थायरॉयड की समस्या बहुत आसानी से हो सकती है और ये न सिर्फ हार्मोनल लेवल पर बल्कि कई लंबी चलने वाली बीमारियों के लिए भी ये जिम्मेदार हो सकता है। गले में मौजूद तितली के शेप का ये ग्लांड शरीर की लगभग सभी मेटाबॉलिक एक्टिविटीज को सपोर्ट करता है। थायरॉयड डिसऑर्डर न सिर्फ किसी सूजन की तरह दिख सकता है जिसे किसी भी ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती बल्कि ये बढ़कर कैंसर का कारक भी हो सकता है।
थायरॉयड की समस्या को हम अक्सर वजन से लेकर देखते हैं, लेकिन ऐसी अन्य समस्याएं भी हैं जो थायरॉयड की वजह से होती हैं। अन्य शब्दों में कहा जाए तो थायरॉयड बढ़ा होने का संकेत तब मिल जाता है जब शरीर में ये समस्याएं होने लगती हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इन संकेतों के बारे में जानकारी दी है। डॉक्टर दीक्षा से जब हमने बात की तो उनका कहना है कि, 'थायरॉयड के संकेतों को नजरअंदाज़ करना सही नहीं है। ये लंबे समय में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।'
थायरॉयड ग्लांड का सबसे अहम काम है मेटाबॉलिज्म लेवल को ठीक से चलाना और अगर मेटाबॉलिजम ठीक नहीं होगा तो खाना पचने में दिक्कत होने लगेगी।
थायरॉयड ग्लांड मेटाबॉलिज्म प्रोसेस को ठीक कर खाने को पचाकर उसे एनर्जी में बदलते हैं और यही एनर्जी शरीर में इस्तेमाल होती है। ऐसे में एनर्जी लेवल में कमी भी थायरॉयड का एक लक्षण हो सकता है।
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थायरॉयड ग्लांड की मदद से शरीर में जरूरी मिनरल्स जैसे आयरन, कैल्शियम आदि एब्जॉर्ब होते हैं और अगर ये ठीक से काम करे तो ही हेयर ग्रोथ होती है नहीं तो बालों की समस्याएं होती हैं।
ये थायरॉयड हार्मोन्स के ऊपर नीचे होने का सबसे अहम संकेत माना जाता है। थायरॉड इम्बैलेंस की वजह से बहुत वजन बढ़ता है या घटता है।
मेंस्ट्रुअल साइकिल में गड़बड़ी भी थायरॉयड इम्बैलेंस का एक संकेत माना जा सकता है। थायरॉयड मेंस्ट्रुअल साइकिल को सही रखने के लिए भी जिम्मेदार होता है।
अगर आपका थायरॉयड बढ़ा या घटा है तो आपको प्रेग्नेंट होने में भी समस्या हो सकती है। इसे बैलेंस करके ही आप सही तरह से कंसीव कर सकती हैं।
थायरॉयड अगर गड़बड़ा गया है तो हमारे शरीर का तापमान भी कम या ज्यादा हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि आपको बहुत ज्यादा कफ और कोल्ड की समस्या हो जाए। अक्सर थायरॉयड इम्बैलेंस में शरीर का तापमान गिरता है।
थायरॉयड ग्लांड ही हमारे शरीर के पल्स रेट को ठीक रखने की कोशिश करता है और यही कारण है कि जब ये गड़बड़ाता है तो दिल की धड़कन भी ऊपर नीचे होने लगती है।
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थायरॉयड लेवल्स के कारण हमें मूड स्विंग्स होते हैं। हम तनाव में रह सकते हैं, एंग्जाइटी, डिप्रेशन आदि बढ़ सकता है यानि अगर हमारी मानसिक हेल्थ ऊपर नीचे हो रही है तो ये भी थायरॉयड का एक संकेत हो सकता है। इसका कारण है कॉर्टिसोल जो थायरॉयड के कारण ऊपर-नीचे होता है।
अगर आपको थायरॉयड की समस्या शरीर के अन्य हार्मोन्स को डिसबैलेंस भी कर सकती है। टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरोन और कॉर्टिसोल आदि हार्मोन्स भी थायरॉयड के कारण डिसबैलेंस हो जाते हैं।
डॉक्टर दीक्षा का कहना है कि अगर आपको इनमें से कोई समस्या है तो आप अपने थायरॉयड लेवल्स को चेक करवा सकती हैं। ऐसे में आपके थायरॉयड की समस्या सही समय पर पता चल जाएगी और आपको इसका इलाज करने के लिए समय मिलेगा।
अगर आपको भी ऐसा कुछ हो रहा है तो डॉक्टर से एक बार बात जरूर करें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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