साउथ एक्स में मौजूद छोटे और बड़े खान के मकबरे में मिलेगा सब कुछ 

आपने यकीनन छोटे मियां और बड़े मियां फिल्म तो देखी होगी, लेकिन क्या आपने छोटे और बड़े खान का मकबरा देखा है। अगर नहीं, तो आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 

 
tomb of bade and chote khan

इसमें दो राय नहीं है दिल्ली को कब्रों का शहर कहा जाता है। यहां कई ऐसे ऐतिहासिक मकबरे और स्मारक मौजूद हैं, जिनकी अपनी अलग कहानियां और इतिहास है। इन्हीं में से एक है बड़े और छोटे खान का मकबरा। यह मकबरा दिल्ली के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों से दूर एक छिपी हुई धरोहर है। जो आज की भीड़भाड़ और व्यस्त जीवन से अनजान, खामोशी से खड़ा है।

यह मकबरा भले ही बहुत प्रसिद्ध न हो, लेकिन इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व बेहद खास है। इसलिए हम आपको इस मकबरे से जुड़े इतिहास और कहानी के बारे में बताएंगे, जिसे जानने के बाद यकीनन आपका भी मन करेगा।

बड़े और छोटे खान कौन थे?

Who was Bade Khan and Chote Khan

बड़े और छोटे खान की असली पहचान और उनके जीवन के बारे में इतिहास में बहुत कम जानकारी मिलती है। यह माना जाता है कि वे दोनों मुगलों के दरबार से जुड़े थे और अपने समय के महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। कई विद्वानों का मानना है कि बड़े और छोटे खान शायद सैन्य अधिकारी थे, जिन्होंने मुगल शासन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

हालांकि, इस मकबरे से जुड़े कई सवाल आज भी अनुत्तरित हैं, क्योंकि इसके बारे में कोई ऐतिहासिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं।

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मकबरे का स्थान और संरचना

बड़े और छोटे खान का मकबरा दिल्ली के हौज खास इलाके के पास स्थित है। यह क्षेत्र पहले से ही अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है, जहां हौज खास का किला और ऐतिहासिक इमारतें भी स्थित हैं। यह मकबरा एक शांत और हरियाली से घिरा हुआ स्थान है, जहां लोग रोजमर्रा की हलचल से दूर आकर इतिहास की गोद में कुछ पल बिता सकते हैं।

मकबरे की संरचना मुगलकालीन वास्तुकला की बेजोड़ खूबसूरती को दर्शाती है। इसमें लाल बलुआ पत्थर औरसंगमरमर का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। मकबरे का गुंबद मुगल वास्तुकला का एक विशिष्ट उदाहरण है, जो इस युग की अद्वितीय कारीगरी को दर्शाता है। मकबरे की दीवारों पर जटिल नक्काशी की गई है, जो मुगल शिल्पकारों की उत्कृष्ट कला को दर्शाती है।

वास्तुकला और डिजाइन

Where is the tomb of Khan

बड़े और छोटे खान के मकबरे की वास्तुकला में मुगल शैली की स्पष्ट झलक देखने को मिलती है। इसका गुंबद काफी आकर्षण है, जो ऊंचाई में बड़ा और भव्य है। मकबरे की दीवारों पर पत्थर की नक्काशी की गई है, जिसमें सुंदर इस्लामी पैटर्न और फूलों की आकृतियां उकेरी गई हैं।

मकबरे के चारों ओर खुला आंगन है, जहां पत्थर के रास्ते और छोटे-छोटे गार्डन बने हुए हैं। इन गार्डनों में लगे पेड़-पौधे और हरियाली मकबरे की सुंदरता को और बढ़ाते हैं। मकबरे के अंदर दोनों कब्रें स्थित हैं। बड़े खान की कब्र अपेक्षाकृत बड़ी और ऊँची है, जबकि छोटे खान की कब्र थोड़ी छोटी है।

इतिहास रहा है बहुत रोचक

यह अंतर ही इनके नाम बड़े और छोटे खान का संकेत देता है। मकबरे के चारों ओर एक दीवार बनी हुई है, जो इसे सुरक्षित और संरक्षित करती है। हालांकि, मकबरे की वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व है, फिर भी यह मकबरा वर्षों से उपेक्षा का शिकार रहा है।

इतिहासकार और पुरातत्वविद इस मकबरे के महत्व को समझते हैं, लेकिन आम जनता के बीच इसकी जानकारी बेहद कम है। इस ऐतिहासिक स्थल का संरक्षण और प्रचार-प्रसार ना होने के कारण यह मकबरा धीरे-धीरे अपनी चमक खोता जा रहा है।

वर्तमान में मकबरे की स्थिति उतनी अच्छी नहीं है जितनी होनी चाहिए। दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं, और कई जगहों पर पत्थर उखड़ने लगे हैं। अगर समय रहते इस मकबरे का संरक्षण नहीं किया गया, तो यह ऐतिहासिक धरोहर एक दिन पूरी तरह नष्ट हो सकती है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और अन्य संबंधित संस्थानों को इस मकबरे के संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए।

पर्यटन स्थल बन सकता है यह मकबरा

Where is the tomb of Khan in hindi

बड़े और छोटे खान का मकबरा पर्यटन के लिए अच्छा मकबरा बन सकता है। दिल्ली में हुमायूं का मकबरा, कुतुब मीनार, और लाल किला जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के अलावा, इस तरह के कम प्रसिद्ध लेकिन महत्वपूर्ण स्थलों को भी शामिल किया जाना चाहिए। अगर इस मकबरे का उचित रखरखाव किया जाए, तो यह इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो सकता है।

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इसके आसपास के क्षेत्र में लोग इतिहास की अनमोल धरोहर के साथ सुकून और शांति का अनुभव कर सकते हैं। दिल्ली जैसे शहर में जहां जीवन बहुत तेज गति से चलता है, ऐसे स्थानों का महत्व और बढ़ जाता है, जहां लोग कुछ पल ठहर के इतिहास के साथ खुद को जोड़ सकते हैं।

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Image Credit: Freepik

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