जब बात मुगलों की आती हैं तो लोग ताज महल या फिर लाल किले को याद करने लग जाते हैं। मगर इन दोनों इमारों के अलावा भी मुगलों ने कई दूसरी नायाब इमारतों को बनवाया था जिनमें से एक है देश के दूसरे मुगल बादशाह हुमायूं का मकबरा। जी हां, दिल्ली स्थित यह मकबरा बेहद खूबसूरत है और इसकी खूबसूरती को और भी ज्यादा निखारने के लिए अब इसे रात में रौशन करने का काम किया जा रहा है। यानि दिन में सूरज की रौशनी तो रात में एलइ्रडी की रौशनी में इसकी खूबसूरती को निहारा जा पाएगा। खैर आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप हुमायूं का मकबरा देखने जा रही हैं तो किन बातों का ध्यान रखें।
पहले से पढ़ कर जाए हिस्ट्री
ताज महल और लाल किले के बारे में तो देश का बच्चा बच्चा जानता है मगर हुमायूं टोम्ब के बारे में लोग जानते तो हैं मगर इसके इतिहास को जाने बगैर यहां आने से आप केवल इसकी खूबसूरती को निहार सकेंगी समझा नहीं पाएंगी। हुमायूं का मकबरा आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया संरक्षित इमारत है। साथ ही यह यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में भी शामिल है। हुमायूं के मकबरे का निर्माण उनकी पहली पत्नी हाजी बेगम ने करवाया था। यह सन् 1572 में बनकर तैयार हुआ था। इसे भारत का पहला गार्डन मकबरा माना जाता है। साथ ही इसमें पहली बार बड़े पैमाने पर लाल सैंड स्टोन पत्थर का इस्तेमाल किया गया था।
कई मुगलों के हैं मकबरे
बेशक इस टोम्ब को हुमायूं का मकबरा कहा जाता है। मगर, यहां आपको कई मकबरे देखने को मिलेंगे। कुछ पर आपको नाम लिखा मिल जाएगा तो कुछ पर नहीं। फिलहाल आप यहां आएं तो नाई का मकबरा, ईसा खान की मस्जिद और मकबरा, अरब सराया, नीला गुंबद और बू हलीमा का मकबरा जरूर देखें। इन सभी पर आपको मुगल काल की नायाब कला की परछाईं नजर आएगी।
करवा सकती हैं फोटोशूट
आपको जानकर हैरानी होगी कि जहां लगभग सभी एतिहासिक इमारतों पर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं मिलती वहीं हुमायूं टोम्ब में आकर आप फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी भी कर सकती हैं। अगर आप के घर पर किसी की शादी होने वाली है तो यह जगह प्री वेडिंग शूट के लिए बहुत ही अच्छी है। इसके लिए आपको बस एक बार हुमायूं टोम्ब के निगरानी कर रहे अधिकारियों की परमीशन लेनी होगी।
खाना-पीना
हुमायूं टोम्ब आ रही है तो इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको टोम्ब में एंट्री लेने के बाद कोई भी खाने पीने का सामान नहीं ले जाने दिया जाएगा। इतना ही नहीं अगर आप अपनी पानी की बॉटल ले जा रही हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि खाली बॉटल को हुमायूं टोम्ब के परिसर में यूं ही फेक देने पर आप पर जुरमाना लग सकता है। इसलिए वहां लगी डस्टबीन का ही यूज करें।
जरूर जाएं निजामुद्दीन दरगाह
अगर आप हुमायूं टोम्ब घूमने का प्लान बना रही हैं तो आपको टोम्ब से कुछ ही दूरी पर स्थित निजामुद्दीन दरगाह जरूर जाना चाहिए क्योंकि इस दरगाह का भी अपना ही अलग इतिहास है। कहा जाता है निजामुद्दीन गुलाम वंश के समय काफी फेमस पीर बाबा थे और उनके गुजर जाने के बाद यह दरगाह यहां बनाई गई थी। इस दरगाह को दिल्ली की फेमस जगहों में से एक गिना जाता है। यहां आकर आप पीर बाबा के दर्शन कर सकती हैं। साथ ही नॉनवेज के शौकीन दरगाह के बाहर मौजूद होटल्स में नॉनवेज का मजा ले सकते हैं।
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