अब ‘ताज’ का दीदार करने के लिए आपको 1000 रुपये तक का भी टिकट लेना पड़ सकता है। हां, आप सही सुन रही है। ‘ताज’ का दीदार करने के लिए अब आपको जल्द ही नए नियम अपनाने होंगे।
ताजमहल का नाम सात अजूबों में सबसे पहले नम्बर के रूप में दर्ज है। क्या आप कभी इस खूबसूरत जगह पर घूमने गए हैं। अगर नहीं, तो हम आपको बता देते हैं कि अब ताज की सैर करना इतना आसान नहीं है। इसके लिए आपको थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ताजमहल के संरक्षण के लिए कुछ कदम उठाने जा रहा है। इन नए नियमों में वहां आने वाले टूरिस्टों की संख्या हर दिन 40,000 सीमित करना और हर टूरिस्ट के लिए 17वीं सदी के मुगल स्मारक के परिसर में अधिकतम तीन घंटे घूमने की समय सीमा तय करना शामिल है।
संस्कृति सचिव रविंद्र सिंह ने हाल ही में एएसआई के अधिकारियों, आगरा जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें यह फैसला लिया गया।
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40,000 की भीड़ में भी अगर देखना हो ‘ताज’
मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि टिकटों की ब्रिकी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों 40,000 की संख्या पर रोक दी जाएगी। इसके अलावा यह भी तय किया गया कि जो लोग पूरे ताजमहल के साथ मुख्य तहखाने को भी देखना चाहते हैं, उनके लिए 100 रुपये का टिकट होगा। वहीं जो लोग तहखाने को नहीं देखना चाहते उनके लिए 50 रुपये का टिकट होगा जो फिलहाल 40 रुपये का है।
सुबह से दोपहर 12 बजे तक 20,000 लोग ताजमहल देख सकेंगे और वहीं दूसरी पाली में 12 बजे से शाम तक 20 हजार लोग ताज का दीदार कर सकेंगे।
विदेशी टूरिस्टों के लिए टिकट की कीमत 1000 रुपये है वहीं जो भारतीय 40,000 की संख्या पार होने के बाद भी ताजमहल देखना चाहते हैं, वे 1000 रुपये का टिकट खरीदकर ताजमहल देख सकते हैं।
ऐसा बताया जा रहा है कि पीक सीजन में ताजमहल देखने आने वालों की संख्या 60-70 हजार तक पार कर जाती है।
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यहां आपको ‘ताज’ से जुड़ी एक और खास खबर बता दें कि साल 2017 में यूपी टूरिज्म की बनाई गई बुकलेट में ताजमहल को जगह नहीं दी गई थी। उत्तर प्रदेश टूरिज्म डिपार्टमेंट ने 32 पेज का ‘उत्तर प्रदेश पर्यटन- अपार संभावनाएं’ (Uttar Pradesh Paryatan– Apaar Sambhavnaayein) नाम से बुकलेट जारी किया था जिसमें विश्व के सातवें अजूबे ताजमहल को शामिल नहीं किया गया था।
वैसे हर साल यूपी में उत्तर प्रदेश टूरिज्म डिपार्टमेंट की एक आधिकारिक बुकलेट बनती है जिसमें यूपी के हर बड़े टूरिज्म प्लेस के बारे में लिखा जाता है और साथ ही उस जगह की फोटो भी छापी जाती है। हर साल की तरह 2017 में भी यूपी टूरिज्म ने बुकलेट बनवाई गई थी लेकिन उसमें ताज को इस 32 पेज की बुकलेट में जगह नहीं दी गई थी।
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