Pind Daan In Gujarat: पौराणिक कथा के अनुसार पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंड दान करना हिन्दू धर्म में बेहद ही शुभ कार्य माना जाता है। इस साल श्राद्ध पक्ष यानी पिंड दान 29 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर 2033 तक चलने वाला है।
पिंड दान के शुभ दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों में पिंड दान करने के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं। जैसे- हरिद्वार, अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और प्रयागराज में पिंड दान के लिए कई लोग पहुंचते रहते हैं।
लेकिन गुजरात के में भी एक ऐसी जगह है, जिसके बारे में बोला जाता है कि इस स्थान पर अगर कोई पिंड दान करता है, तो पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस आर्टिकल में गुजरात की उसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं।
गुजरात के द्वारका में होता है पिंड दान (Pind Daan in Dwarka)
जी हां, गुजरात की जिस जगह में पिंड दान करने का जिक्र हो रहा है उसका नाम द्वारका है। गुजरात में मौजूद इस शहर को कृष्ण नगरी के लिए नाम से ही जनता है। गोमती नदी और अरब सागर के किनारे स्थित द्वारका में पिंड दान करने के लिए देश के हर कोने से लोग पहुंचते हैं।
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द्वारका की पौराणिक कथा (What Is The Mystery Of Dwarka)
द्वारका की पौराणिक कथा बेहद ही दिलचस्प है। पौराणिक कथा के अनुसार द्वारका को स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने बसाया था। मान्यता के अनुसार कृष्ण काल में जरासंघ द्वारा प्रजा पर अत्याचार बढ़ाने लगा था। बढ़ते अत्याचार को देखने हुए श्री कृष्ण ने प्रजा को लेकर समुद्र किनारे अपनी एक दिव्य नगरी बनाई, जिसे सब लोग द्वारका के नाम से जानते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार द्वारका भारत के चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक है। द्वारका पिंड दान के लिए देश के टॉप 5 स्थानों में एक माना जाता है। द्वारका में गोमती नदी और अरब सागर के किनारे पिंड दान करने हर रोज हजारों लोग पहुंचते हैं।(इन एक्टिविटीज का द्वारका में लें आनंद)
कहा जाता है कि द्वारका में पिंड दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति मिलती है। अगर यहां कोई सच्चे मन से पिंड दान करता है, तो पूर्वजों की आत्मा स्वर्ग में जाती है।
द्वारका कैसे पहुंचें? (How To Reach Dwarka Gujarat)
देश के किसी भी हिस्से से द्वारका पहुंचना बहुत ही आसान है। इसके लिए आप ट्रेन, हवाई या सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं।
- ट्रेन द्वारा- आप ट्रेन के माध्यम से आसानी से द्वारका पहुंच सकते हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई आदि देश के प्रमुख शहरों से द्वारका के लिए ट्रेन चलती रहती है। आपको बता दें कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि कई शहरों से द्वारका के लिए सीधी ट्रेनें चलती हैं। गुजरात के कई शहरों से भी द्वारका के लिए ट्रेन चलती है।
- सवाई सफर- अगर आप हवाई यात्रा के माध्यम से द्वारका पहुंचना चाहते हैं, तो आप जामनगर हवाई अड्डा पहुंच सकते हैं। जामनगर हवाई अड्डा से टैक्सी, कैब या लोकल बस लेकर आसानी से द्वारका पहुंच सकते हैं। जामनगर से द्वारका की दूरी करीब 126 किमी है।
- सड़क मार्ग- द्वारका गुजरात के लगभग हर जिल से जुड़ा हुआ है। इसके लिए आप जामनगर, भावनगर, अहमदाबाद, पोरबंदर और राजकोट आदि कई शहरों से सड़क द्वारा द्वारका पहुंच सकते हैं।
द्वारका में ठहरने और खाने-पीने की जगहें
द्वारका में ठहरने के लिए सस्ते से सस्ते कमरे आसानी से मिल जाते हैं। इसके लिए आप गोमती होटल, होटल लार्ड कृष्णा, होटल द्वारका, होटल गायत्री और द्वारका गेस्ट हाउस जैसे होटल्स में 700 से लेकर 1000 रुपये के बीच में कमरे बुक कर सकते हैं। आपको बता दें कि ये सभी होटल द्वारकाधीश मंदिर से कुछ ही दूरी पर है। यहां से लोकल टैक्सी या ऑटो लेकर मंदिर और गोमती नदी के किनारे पिंड दान करने पहुंच सकते हैं।
द्वारका में खाने-पीने की जगहों की कमी नहीं है। यहां ऐसे कई होटल और रेस्टोरेंट मिल जाएंगे, जहां आप 100-200 रुपये के अंदर में पेट भरकर खाना सकते हैं। इसके लिए आप अतिथि रेस्टोरेंट, श्रीनाथ होटल, चारमी रेस्टोरेंट, छप्पन भोग रेस्टोरेंट और होटल तीर्थ भी जा सकते हैं।
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Image Credit: shutterstocks
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