एक बनारसी से ही जानिए, सर्दियों में क्यों घूमने जाना चाहिए बनारस

बनारस अपने आप में एक अनोखा शहर है। इसके इतने रंग और रूप हैं कि लिखने और समझने के लिए सदियां कम पड़ जाएं। अगर बनारस को थोड़ा सा भी समझना हो तो एक ठेठ बनारसी ही यहां के बारे में बता सकता है।

why should you visit Varanasi big

बनारस अपने आप में एक अनोखा शहर है। इसके इतने रंग और रूप हैं कि लिखने और समझने के लिए सदियां कम पड़ जाएं। अगर बनारस को थोड़ा सा भी समझना हो तो एक ठेठ बनारसी ही यहां के बारे में बता सकता है।

वैसे मैं भी बनारसी हूं, एकदम ठेठ बनारसी। बनारस की बात आते ही जेहन में कई फिल्मों की झलकियां सामने दिखती हैं। उनमें से एक है 'रांझणा'। फिल्म राझणां के कुंदन की ही तरह मेरा बचपन भी गंगा घाटों पर बड़े-बड़े सपने देखते, खेलते-कूदते और मस्ती करते बीता है। मैंने भी यहां वो सारे मौसम देखें हैं जो शहर को ही नहीं बल्कि जिंदगी को भी खुशनुमा बना देते हैं। इस शहर से अगर आप अपनी लाइफ को relate करेंगे तो कुछ अलग ही पाएंगे।

राजधानी एक्सप्रेस से भी तेज भागती जिंदगी को एक पल ठहर के समझना हो तो जनाब आइए गंगा किनारे। यहां आकर आपको महसूस होगा कि जिंदगी इतनी भी बोझिल और उलझी हुई नहीं है। इसमें थोड़ा ठहराव है, उतार-चढ़ाव है, मस्ती, सुकून और नशा है।

इस शहर की सबसे खास बात ये है कि यहां आने वाला हर एक अजनबी इससे दोस्ती करके जाता है। यहां की कुछ खास चीजें हैं जिसे मैंने महसूस किया है, जिसे जानकर आपको जरूर इच्छा होगी कि एक बार इस शहर में घूमना तो बनता ही है। तो चलिए एक ठेठ बनारसी अपनी भावनाओं के जरिए इस शहर से आपको मिलवाने जा रही हूं।

why should you visit Varanasi

Image Courtesy: Pxhere

असि घाट, सपनों का सौदागर

बनारस के बारे में तो एक बात हर किसी को पता होगी कि यहां की population से ज्यादा यहां घाट और मंदिर हैं। हर गली के मोड़ पर एक मंदिर जरूर मिलेगा।

अगर घूमने निकले हैं तो इस घाट को अपनी लिस्ट में सबसे अंत में रखें क्योंकि जनाब यहां आप अपने सपनों से सौदा कर जाएंगे। इस घाट पर आकर बेजान लोग भी बड़े-बड़े ख्वाब देखने लगते हैं। वहीं कुछ लोग जिनके ख्वाब बड़े होते हैं वो सब कुछ भूलकर इसकी मनमोहक छवि में रंग जाना चाहते हैं।

यहां रोज सुबह-शाम गंगा आरती और रात तक लोगों की चौपाल लगी रहती है। मेरी फेवरेट जगहों में से एक असि घाट इसलिए है क्योंकि फोटोग्राफी करने के लिए ये एक बेस्ट ऑप्शन है। इस घाट पर आपको हर एक देश के लोग मिल जाएंगे।

यही वजह है कि घाटों की सैर कराने वाले नाविकों को इंग्लिश से लेकर तमिल तक लगभग हर एक भाषा आती है। यहां सीखने वालों के लिए बहुत कुछ है। गरीबी और अमीरी actually में होती क्या है, मैंने यहीं से समझा है। अगर आप हुक्का पीने की शौकीन हैं तो जनाब ये जगह हुक्का वालों के लिए फेमस है।

अगर गंगा के पानी में पैर डूबोकर लहरों की धुन सुनना हो और हवाओं से बातें करनी हो तो असि घाट आइए। मैं challenge के साथ कहती हूं आपको यहां से प्यार हो जाएगा।

Read More: कार्तिक पूर्णिमा पर इन जगहों पर स्नान करने से पूरी होती है मन्नत

दशाश्वमेध घाट, शिव भक्तों का ठिकाना

असि घाट से दशाश्वमेध घाट की दूरी लगभग 3 किमी है। मैं हूं बनारसी इसलिए इस दूरी को आंखें बंद करके पैदल ही तय करना मेरे लिए बहुत आसान है। अगर आप बाहर से घूमने आएं हैं तो शायद इस दूरी को तय कर पाना आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो।

अगर आपको भरपूर मजे के साथ लोगों से मिलने, उन्हें जानने और तस्वीरें लेने का शौक है तो आप पैदल ही जाएं। लेकिन सावधान रहें क्योंकि जेब कतरों से इस रास्ते पर आप चाह कर भी नहीं बच पाएंगी।

भस्म लगाकर कुछ साधू-संत और अवगड़ बाबा आपको डरा भी सकते हैं। यहां भीख मांगने वाले तब तक आपका पीछा करेंगे जब तक आप उन्हें कुछ दे न दें। इस रास्ते पर लोगों की भीड़ के अलावा अलग-अलग variety की गायों का झूंड भी अपने गले में चमेली के फूलों की माला पहने आपका स्वागत करती मिलेंगी। इन सब चीजों का मजा लेना है तो असि घाट से दशाश्वमेध घाट पैदल ही चले आइए। अगर आप भगवान शिव के सच्चे भक्त हैं तो सोचिए मत इस घाट पर आपको भगवान शंकर मिल सकते हैं।

मणिकर्णिका घाट, जिंदगी की सबसे कड़वी सच्चाई

जिंदगी और मौत दोनों से एक साथ मिलना हो तो इस घाट पर जरूर आइए। अगर मौत से डरते हैं तो यहां आकर वो डर गायब हो जाएगा। एक ओर जहां कुछ खूबसूरत घाट लोगों को जिंदगी जीना सीखाते हैं वहीं लोग मर-मिटने के बाद भी इन्हीं घाटों से मिलने आते हैं। मणिकर्णिका घाट उन्हीं घाटों में से है जहां लोग मरने के बाद आते हैं अपनी जिंदगी का हिसाब-किताब निपटाने।

फिल्म ‘मसान’ के किस्से इसी घाट के हैं। मैंने इस घाट पर अकेले देर रात तक बैठ कई जिंदगियों को धुमिल होते देखा है और धुएं की तरह उड़ जाते देखा है।

why should you visit Varanasi inside

Image Courtesy: Pxhere

घाटों के बारे में बात करते-करते जमाने बीत जाएंगे। अब यहां की कुछ और जगहों पर नजर डाल लेते हैं...

गोदौलिया, girls फेवरेट spot

भई सच्ची बता रहे हैं, अगर आपको सस्ती और अच्छी शॉपिंग करनी हो तो सरोजनी और चांदनी चौक भूल जाइए क्योंकि आपको बनारसी रंग मिलेगा वो भी आपके मन चाहे दाम पर। हर उम्र की लड़कियों और औरतों के लिए शॉपिंग करने का बेस्ट ऑप्शन गोदौलिया है। सतरंगी चुन्नी यहां की फेमस है। लड़कियों के मन को ये जगह जरूर भाती है। सबसे बड़ी बात है कि ये मार्केट दशाश्वमेध घाट के किनारे ही बसी है।

Read More: दुनिया के सातवें अजूबे को भूल, इन दो नई जगहों को बनाया यूपी टूरिज्म का हिस्सा

बीएचयू, ड्रीम यूनिवर्सिटी

बीएचयू के बारे में लिखना बेहद मुश्किल है। यूं कहिए यहां की हवाओं में एक अलग ही नशा है। इस कैंपस में एंट्री करते ही दिमाग और दिल में एक धुन बजने लगती है। मैने अपनी पढ़ाई यहीं से की है इसलिए मैं इस कैंपस को बेहद करीब से जान पाई।

कुछ लोग यहां entrance सिर्फ घूमने के लिए ही देते हैं। कैंपस ही इतना बड़ा और खूबसूरत है कि ना घूमने वाला इंसान भी यहां आकर घूमने का शौक अपनी hobby list में शामिल कर लेगा। इस कैंपस की खूबसूरती बढ़ाने में कुछ जगहों का खास role है। जैसे भारत कला भवन, मधुबन, art faculty और इस सारी जगहों को खास बना देता है VT. जी हां Viswanath Temple.

विश्वनाथ मंदिर, हर किसी का फेवरेट place

बनारस आकर यहां नहीं आए, मतलब बनारस को जाना ही नहीं। कुल्हड़ वाली चाय और कोल्ड कॉफी का स्वाद यहां आकर जरूर चखिए। यह मंदिर BHU कैंपस के अंदर ही है। बनारस ऐसे ही नहीं सांस्कृतिक नगरी है। इस मंदिर को एक बार गौर से निहार लो तो मन तरोताजा हो जाता है। भगवान शिव की भव्य मूर्ति इस मंदिर की शान है। Festive season जैसे शिवरात्री और सावन में अगर यहां आएंगे तो पूरा बनारस केसरिया नजर आएगा।

ये तो रही जगहों की बातें, अब आइए जानते हैं बनारसी खाने के बारे में..

why should you visit Varanasi inside

कहां का पान है फेमस?

‘खई के पान बनारस वाला, खुल जाए बंद अक्ल का ताला’ इस गाने के बोल बनारस के पान की खासियत बताने के लिए काफी है। बनारस का नाम जुबां पर आते ही सबसे पहले ‘बनारसी पान’ की तस्वीर सामने आ जाती हैं। विदेशी टूरिस्ट भी एक बार इसका स्वाद जरूर चखते हैं। ‘गुलकंद वाला पान’ हर किसी की पहली पसंद है।

कहां की लस्सी है फेमस?

बनारसी लस्सी भी यहां की पहचान है। बनारस का ‘पहलवान लस्सी’ वाला बहुत फेमस है। इंडिया घूमने आए विदेशी इसका स्वाद जरूर चखते हैं। बनारस में एक जगह है ‘चौक’ इस इलाके की कचौड़ी गली में ‘ब्लू लस्सी’ के नाम से एक दुकान है। यहां आपको सेब, केला, अनार, आम और रबड़ी समेत हर फ्लेवर की लस्सी मिल जाएगी।

कहां कीपूड़ी-सब्जी और जलेबी है फेमस?

कद्दू की सब्जी-पूड़ी और साथ में गरमागरम जलेबी बनारस की पहचान है। लंका पर स्थित ‘चाची की दुकान’ पूड़ी-सब्जी के लिए मशहूर है। इसका स्वाद चखने के लिए लोग सुबह से ही दुकान पर जमा हो जाते हैं।

कहां कीकुल्हड़ वाली चायहै फेमस?

रस में कुल्हड़ में चाय पीने का अलग ही मजा है। यहां मिट्टी की सोंधी-सोंधी खुशबू वाले कुल्हड़ में चाय पीने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। वैसे तो चाय पीने के लिए दुकानों पर हमेशा ही भीड़ लगी रहती है लेकिन सर्दियों में लोग वहीं पर ही डेरा जमा लेते हैं। हां एक और बात, चाय का असली मजा लेना है तो बाबा विश्वनाथ मन्दिर जरूर जाना। भोले बाबा की कसम मजा ना आ जाए तो कहना।

सुबह की खिलखिलाती रौशनी तो हर दिन ही एक नई उम्मीद देती है लेकिन यहां के गंगा घाटों की लहरें और गली, चौराहों की गुमसुम, खामोश रातें भी जिंदगी जीने का सलीका सीखा जाती हैं। तो ये था एक ठेठ बनारसी का अनुभव। अगर आपको वाकई जिंदगी का मजा लेना है तो बैग पैक कीजिए और निकल चलिए बनारस की सैर करने।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP