घुमक्कड़ी का अपना एक अलग ही मजा होता है। घुमक्कड़ी के दौरान नई जगहों पर घूमते हुए हमें किताबी दुनिया से अलग अपनी आंखों से जीवन की वास्तविकता को देखने का मौका मिलता है। संत ऑगस्टीन ने भी एक बार कहा था कि दुनिया एक किताब की तरह है और जो लोग यात्रा नहीं करते, वह सिर्फ एक ही पन्ना पढ़ पाते हैं। ऐसे में जीवन की किताब को पढ़ने के लिए आपको अपने घर से, अपने शहर से बाहर कदम रखना ही होता है। घुमक्कड़ी की एक अहमियत यह भी है कि वह डर के उस ढांचे को तोड़ती है, जो हमारे मन के भीतर कहीं बसा होता है। इस लिहाज से अगर देखा जाए तो महिलाओं के लिए सोलो ट्रैवलिंग का एक अलग ही महत्व है।
वैसे जब महिलाओं के घूमने की बात आती है तो वह अमूमन अपने परिवार व रिश्तेदारों के साथ ही ट्रैवलिंग करती हैं। सोलो ट्रैवलिंग के बारे में वह सोचती भी नहीं है। लेकिन वास्तव में हर महिला को जीवन में कम से कम एक बार तो सोलो ट्रैवलिंग करनी ही चाहिए। आपको शायद पता ना हो लेकिन अकेले घूमने से कई फायदे मिलते हैं। तो चलिए आज हम आपको उन फायदों के बारे में ही बताते हैं। इन्हें जानने के बाद आप भी सोलो ट्रैवलिंग जरूर करना चाहेंगी-
बढ़ता आत्मविश्वास
अमूमन महिलाओं की दुनिया उनके घर व कामकाज की जगह तक ही सीमित होती है। ऐसे में सोलो ट्रैवलिंग के बारे में सोचकर पहले आपको एक झिझक हो। लेकिन जब आप एक बार घर से दूर अकेले कुछ वक्त बिताती हैं तो ऐसे में आपके भीतर एक आत्मविश्वास पैदा होता है। आप पहले से अधिक मजबूत बनती हैं और आपको यह अहसास होता है कि आप जीवन में आने वाली किसी भी मुसीबत का डटकर मुकाबला कर सकती हैं।
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खुद का ख्याल रखना
महिलाएं यूं तो हर किसी का बेहद अच्छी तरह ख्याल रखती हैं, लकिन खुद के मामले में वह अक्सर लापरवाही बरतती हैं। सोलो ट्रैवलिंग उन्हें खुद का ख्याल रखना सिखाता है। दरअसल, सोलो ट्रैवलिंग वास्तव में काफी एडवेंचर्स होती है। भले ही आप एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रैवल कर रही हों या फिर एक देश से दूसरे देश में। उस दौरान आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और आप मन ही मन खुद को इस बात के लिए तैयार भी कर लेती हैं। इतना ही नहीं, सोलो ट्रैवलिंग के दौरान आपको खुद का ख्याल स्वयं ही रखना होता है।
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स्ट्रेस बस्टर
सोलो ट्रैवलिंग वास्तव में एक स्ट्रेस बस्टर की तरह काम करती है। वैसे तो ट्रैवलिंग करने में काफी मजा आता ही है, लेकिन सोलो ट्रैवलिंग किसी भी महिला के लिए स्ट्रेस बस्टर होता है। शुरूआत में अकेले घूमने की बात पर भले ही आपको थोड़ी झिझक हो, लेकिन बाद में आपका सारा तनाव दूर हो जाता है। दरअसल, जब आप कुछ वक्त सिर्फ और सिर्फ खुद के साथ बिताती हैं तो आपको स्वयं को एक्सप्लोर करने का मौका मिलता है। साथ ही सोलो ट्रैवलिंग के दौरान कोई भी आपसे यह नहीं कहता कि आपको क्या करना है और क्या नहीं।
सोलो ट्रेवल में आपको अपने घूमने का शेड्यूल किसी दूसरे के साथ नहीं बनाना पड़ता। अगर आपको समुद्र के तट पर बैठकर अगर लहरों को देखना अच्छा लग रहा है तो आप बिना किसी की परवाह किए घंटों वहां खुद के साथ वक्त बिता सकती हैं। कोई आपसे वापिस होटल रूम में लौटने के लिए नहीं कहेगा। इस तरह अगर आप काम की भागदौड़ और परेशानियों से बेहद तनावपूर्ण हैं तो आपको सोलो ट्रैवलिंग पर निकल जाना चाहिए।
Image Courtesy: media.nomadicmatt.com, akm-img-a-in.tosshub.com, i.insider.com, www.keyshotels.com
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