Hemkund Sahib Yatra पर जाने का बना रहे हैं प्लान, तो यात्रा से जुड़ी जरूरी जानकारी पढ़ लें यहां

हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए यात्रियों को लगभग 20 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। इस यात्रा को टट्टू या पालकी से भी पूरा किया जा सकता है।
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श्री हेमकुंड साहिब, सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है। उत्तराखंड में स्थित श्री हेमकुंड साहिब की पवित्र यात्रा के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है। 25 मई 2025 से इस यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। लेकिन भक्तों के लिए इस यात्रा को आसान बनाने के लिए भारतीय सेना के जवान बर्फ की मोटी परत को साफ करने का काम कर रहे हैं। दरअसल, श्री हेमकुंड साहिब तक जाने वाला रास्ता 6 से 7 फीट बर्फ से ढका हुआ है। इसलिए, पैदल यात्रा पर निकलने वाले लोगों के लिए यात्रा साफ करना जरूरी है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको हेमकुंड साहिब यात्रा से जुड़ी जानकारी विस्तार से बताएंगे।

श्री हेमकुंड साहिब से जुड़ी जरूरी जानकारी (Hemkund Sahib Yatra Important Information)

Hemkund Sahib Yatra Important Information

  • श्री हेमकुंड साहिब लगभग 15,000 फुट से ऊपर की ऊंचाई पर स्थित है। इसलिए, यहां की यात्रा शारीरिक रूप से सही लोग ही पूरा कर पाते हैं। यह एक फेमस गुरुद्वारा है, जिसके प्रति सिखों की गहरी श्रद्धा है। हर साल यह यात्रा शुरू होती है, जिसमें लाखों भक्त दर्शन के लिए जाते हैं।
  • हेमकुंड साहिब, ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। इस यात्रा की शुरुआत ऋषिकेश से की जा सकती है। जिसमें आपको शुरू में बस और कैब की सुविधा मिलती है।
  • हर साल, इस हेमकुंड साहिब के रास्ते में पड़ने वाली बर्फ को साफ करने का काम भारतीय सैनिक लेते हैं। उन्हें भक्तों के लिए सेवा का यह काम करना गर्व महसूस करवाता है।
  • ऊंचाई पर स्थित होने की वजह से यहां हमेशा बर्फ पड़ी रहती है। तापमान कम होने की वजह से यहां लोगों को पैदल यात्रा करने में परेशानी होती है। इसलिए, यहां शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को जाने से मना किया जाता है।

श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा कहां से शुरू होती है? (Hemkund Sahib Travel Guide)

Hemkund Sahib Travel Guide

  • इस यात्रा की शुरुआत ऋषिकेश से होते हुए गोविंदघाट तक जाती है। गोविंदघाट, ऋषिकेश से लगभग 275 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हाल ही, में गोविंदघाट पुल के गिरने की खबर ने भक्तों को चिंता में डाल दिया था। हालांकि, फिर से यह रास्ता तैयार किया जा रहा है। यहां आप 30 टन क्षमता वाले वैकल्पिक पुल का निर्माण हो रहा है। उम्मीद है कि इसका काम यात्रा शुरू होने से पहले तक पूरा कर लिया जाएगा।
  • गोविंद घाट तक रास्ता अच्छा है। इसके बाद लगभग 13 किमी की दूरी पर स्थित घंगारिया गांव तक भी पहुंचने में आपको परेशानी नहीं होगी। यहां पर एक और गुरुद्वारा स्थित है, जहां लोग आराम करते हैं और रात गुजारते हैं। यहां पर होटल और कैंप की सुविधा है, जहां आप रात गुजार सकते हैं।
  • गोविंद घाट से निकलने के बाद श्री हेमकुंड साहिब तक आपको लगभग 20 किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
  • हेमकुंड साहिब यात्रा के दौरान आप गोविंदघाट से घांघरिया तक हेलीकॉप्टर ले सकते हैं। लेकिन इसके बाद आपको पैदल ही चलना पड़ेगा। अगर पैदल नहीं चल सकते हैं तो पालकी में जा सकते हैं।
  • इसी साल हेमकुंड साहिब रोप-वे प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी मिल गई है।
  • यह एकधार्मिक यात्राहै।

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image credit- freepik

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