चैत्र नवरात्रि का आरंभ 13 अप्रैल से हो गया है। मान्यतानुसार नवरात्रि के इन पावन दिनों में माता दुर्गा की आराधना की जाती है और भक्तजन माता को प्रसन्न करने हेतु बहुत से कार्य करते हैं। लेकिन कई बार भक्तों के द्वारा किए गए कुछ कार्यों का उल्टा असर होता है और वो माता की कृपा पाने से भी वंचित रह जाते हैं।
आइए एक्सपर्ट ,नियति बाई आरती की फाउंडर (एस्ट्रोलॉजी, टैरो कार्ड्स, स्प्रिचुएलटी, न्यूमिरोलॉजी, मेडिटेशन, वास्तु एक्सपर्ट) डॉक्टर आरती दहिया से जानें कि नवरात्रि के शुभ 9 दिनों में माता रानी की उपासना कैसे करें और मां दुर्गा को प्रसन्न करने हेतु कौन से कार्य करें और कौन से कार्य करने से बचें।
इन दिनों में मां को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन व्रत और पूजा पाठ करते है। नवरात्रि के इन पावन दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों मां के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करने से घर में सुख शांति बनी रहती है और मां सभी मनोकामनाएं पूरी करती है। इसलिए माता को प्रसन करने के लिए भक्तों को यहाँ बताए काम करने चाहिए -
यदि संभव हो तो मां दुर्गा को प्रासन्न करने हेतु कलश स्थापना करें। इसमें नारियल जिसमें कलावा बंधा हो, कलश के ऊपर रखें और कलश में स्वास्तिक बनाएं। मां का कलश उतरपश्चिम दिशा में रखना बहुत फलदायक होता है। इसके साथ किसी प्याले में ज्वारे उगने के लिए रखें। जब नवें दिन ज्वारे अच्छी तरह से उग जाएं तब इन्हें घर के हर एक कोने पर रख दें। ये घर की सुख समृद्धि का प्रतीक होते हैं। कलश के साथ माता की तस्वीर या मूर्ति की स्थापना घर के उतरपूर्व दिशा में करनी चाहिए।
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यदि इस दौरान आप नौ दिनों का उपवास रखती हैं तो आपको मां दुर्गा को प्रसन्न करने हेतु दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में खुशहाली आती है। यदि आप नौ दिनों का उपवास नहीं रखती हैं तब भी सुबह और शाम की पूजा के दौरान अच्छे मन से दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। पूजा में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित करें और .माँ की अखंड ज्योति दक्षिणपूर्व की दिशा में रखना घर के लिए लाभदायक होता है।
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माता को प्रसन्न करने के लिए सुबह और शाम दीपक अवश्य प्रज्ज्वलित करें व घर के सभी लोग मिलकर माता की आरती करें। आरती के साथ पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें और सभी को प्रसाद वितरित करें।
नवरात्रि के दौरान लहसुन, प्याज़ और मांसाहार ना का सेवन पूर्णतया वर्जित होता है इसलिए ऐसा करने से बचें। घर के जिन लोगों का उपवास नहीं है वो भी ऐसे भोजन का सेवन न करें। मादक पदार्थों जैसे शराब ,तम्बाकू , सिगरेट आदि से पूरी तरह से दूरी बनाएं।
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नवरात्रि के दौरान बाल नहीं कटवाने चाहिए, साथ ही पुरुषों को शेव करने से बचना चाहिए और नाखून काटने से भी परहेज करना चाहिए। खासतौर पर यदि आपका उपवास है तो ये काम भूलकर भी न करें। इसके अलावा व्रत के दौरान सिलाई और बुनाई जैसे कामों से भी दूरी बना लेनी चाहिए।
ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों ने घर में मां दुर्गा की अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की है, वो घर में ताला ना लगाएं और ना ही घर को अकेला छोड़ें। ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा नवरात्रि के दौरान घर के प्रत्येक कोने में वास करती हैं और यदि घर को अकेला छोड़ा गया तो मां अप्रसन्न हो जाती हैं।
मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। काले रंग के वस्त्र धारण करके माता की पूजा अर्चना करने से और मंदिर में प्रवेश करने से मां रुष्ट हो जाती हैं। इसलिए पूजन के दौरान लाल या पीले वस्त्र धारण करें।
व्रत रखने वाले लोगों को बेल्ट, चप्पल-जूते, बैग जैसी चमड़े की चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। चमड़े का इस्तेमाल करके पूजा करने या व्रत रखने से पूजन का संपूर्ण फल नहीं मिलता है।
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Image Credit: freepik ,pintrest and unsplash
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