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Shardiya Navratri 2020: शुरू करें मां दुर्गा के स्‍वागत की तैयारियां, जानें शुभ मुहूर्त

17 अक्‍टूबर से शारदिय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। पंडित जी से कलश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त और देवी दुर्गा की पूजा करने की सही विधि आप भी जान लें। 
Editorial
Updated:- 2020-10-15, 19:00 IST

साल भर में 4 नवरात्रि आती हैं, हिंदू धर्म में सभी का अलग-अलग महत्‍व होता है। इनमें से 2 गुप्‍त नवरात्रि होती हैं। चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि को हिंदू परिवार में धूम-धाम से मनाया जाता है। खासतौर पर शारदीय नवरात्रि को बहुत ही शुभ माना गया है। शारदीय नवारात्रि के नौ दिन लोग बेहद उत्‍साह के साथ देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। 

साल भर के इंतजार के बाद एक बार फिर से शारदीय नवरात्रि का त्‍यौहार आ गया है। लोगों ने भी देवी दुर्गा के स्‍वागत की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। इस बार नवरात्रि कब से शुरू हो रही हैं और कलश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त क्‍या है, यह जानने के लिए हमनें उज्‍जैन के पंडित एवं ज्‍योतिषाचार्य मनीष शर्मा से बात की और जाना कि देवी दुर्गा का आगमन इस बार कैसे होगा और किस दिन किस देवी की पूजा करने से शुभ फल प्राप्‍त होंगे। 

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Kalash Sthapana Vidhi Muhurat

कलश स्‍थापना शुभ मुहूर्त 

इस बार शारदीय नवरात्रि 17 अक्‍टूबर से शुरू हो रही हैं। यादि आप घर पर कलश स्‍थापना करती हैं तो इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात:काल 6:27 बजे से 10:13 बजे तक है। 

कैसे करें नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा

शुभ मुहूर्त में कलश स्‍थापना करने के बाद देवी दुर्गा का विधिवत पूजन करने से शुभ फल प्राप्‍त होते हैं। चलिए पंडित जी से जानते है देवी दुर्गा की पूजा करने की सही विधि क्‍या है- 

  • सबसे पहले एक लकड़ी के पाटे या चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और फिर देवी दुर्गा की तस्‍वीर या मूर्ति रखें। 
  • इस बात का ध्‍यान रखें कि जिस पाटे या चौकी पर मां की तस्‍वीर रखी है, उसी पाटे पर कलश स्‍थापना भी की जाए। 
  • आप सोने, चांदी या मिट्टी से बने कलश को स्‍थापित कर सकती हैं। चाहें तांबे से बने कलश की स्‍थापना भी की जा सकती है। 
  • कलश स्‍थापना के वक्‍त आम के पत्‍ते कलश पर जरूर लगाएं। कलश के ऊपर नारियल रखें। 
  • देवी दुर्गा पर लाल रंग का दुपट्टा चढ़ाएं और साथ ही पान, सुपारी, रोली, सिंदूर, फल और फूल भी अर्पित करें। 

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  • आप नवरात्रि के 9 दिन देवी जी के आगे अखंड दीपक भी जला सकती हैं। 
  • दिन में चार बार देवी दुर्गा की आरती करें और उन्‍हें भोग लगाएं। 
  • आप चाहें तो पूरे 9 दिन घर पर हवन भी कर सकती हैं। शास्‍त्रों में हवन करना शुभ (हवन का महत्‍व जानें) माना गया है। 
  • नवरात्रि के आखिरी दिन देवी जी को विसर्जित कर दें। साथ ही कलश में भरे पानी का पूरे घर में छिड़काव करें। 

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मां दुर्गा की सवारी 

मां दुर्गा के जब वाहन की बात आती हैं तो जहन में सिंह की तस्‍वीर उभर आती है। मगर हर वर्ष नवरात्रि के अवसर पर जब मां दुर्गा पृथ्‍वी पर आती हैं तो उनकी सवारी विशेष होती है। पंडित मनीष शर्मा बताते हैं, ' मां दुर्गा के वाहन अनेक हैं। इस वर्ष देवी दुर्गा घोड़े पर सवार हो धरती पर पधारेंगी। वैसे तो मां दुर्गा हर व्‍यक्ति को उसके आचरण और कमग्‍ के मुताबिक ही फल देती हैं। मगर नवरात्रि के अवसर पर मां दुर्गा की सवारी भविष्‍य में होने वाली विशेष घटनाओं की ओर भी संकेत करती है। हर साल मां दुर्गा अलग वाहन पर आती हैं। ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार यदि मां दुर्गा का पृथ्‍वी पर आगमन शनिवार के दिन होता है तो मां घोड़े पर सवार हो कर आती हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि शनिवार के दिन है। इसलिए मां का अगमन घोड़े पर होगा। जब ऐसा होता है तो इसके फल मानव जाति के लिए शुभ नहीं होते हैं।' इतना ही नहीं, इस बार मां दुर्गा के वापिस लौटने की सवारी भैंस होगी, यह भी शास्‍त्रों में अशुभ ही माना गया है। 

 

नवरात्रि के नौ दिन नौ देवियों की पूजा 

17 अक्टूबर, शनिवार- मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना, प्रतिपदा 

18 अक्टूबर, रविवार - मां ब्रह्मचारिणी पूजा, द्वितीया 

19 अक्टूबर, सोमवार- मां चंद्रघंटा पूजा, तृतीया

20 अक्टूबर, मंगलवार- मां कुष्मांडा पूजा, चतुर्थी

21 अक्टूबर, बुधवार - मां स्कंदमाता पूजा, पंचमी

22 अक्टूबर, गुरुवार- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा, षष्ठी

23 अक्टूबर शुक्रवार - मां कालरात्रि पूजा, सप्तमी 

24 अक्टूबर, शनिवार- मां महागौरी दुर्गा पूजा, अष्टमी 

25 अक्टूबर, रविवार- मां सिद्धिदात्री पूजा, नवमी  

 

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Image credit: Freepik, Arunachal observer

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