चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुकी हैं। अब घर-घर में देवी दुर्गा की उपासना, व्रत और हवन किए जाएंगे। चैत्र के नवरात्रि में जिस तरह व्रत का अपना अलग महत्व होता है वैसे ही हवन का भी महत्व होता है। शास्त्रों में कहा गया है चैत्र की नवरात्रि में ही मां दुर्गा ने भगवान ब्रह्मा को पृथ्वी का निर्माण करने के लिए कहा था। इसके लिए भगवान ब्रह्मा ने हवन किया था। इस लिए नवरात्रि में हवन विशेष महत्व हैं। कुछ मंदिरों में हवन कराते हैं तो कुछ लोग घरों में। कुछहिंदू परिवार में तो नवरात्रि के पूरे 9 दिन तक हवन किया जाता है। धर्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इससे देवी दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं वहीं दूसरे नजरिए से भी हवन के काफी लाभ हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि हवन से आपको क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं।
हवन में आम की लकड़ी, बेल, नीम, पलाश का पौध, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पीपल की छाल और तना, जामुन की पत्ती, अश्वगंधा, कपूर, लौंग, चावल, मुलैठी, बहेड़ा का फल और घी का इस्तेमाल किया जाता है। हवन की इस सामग्री के बिना हवन को अधूरा माना जाता है। इस सामग्री के साथ जब हवन किया जाता है तो आग में पड़ने के बाद इससे धूआं उत्पन्न होता है। राष्ट्री वनस्पति अनुसंधान संस्थान के एक शोध से पता चलता है कि यह धुआं वायु में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं को खत्म करता है। इससे लगभग 94 प्रतिशत जीवाणु खत्म हो जाते हैं, जिससे वातावरण भी शुद्ध हो जाता है। जाहिर है कि अगर आप घर पर हवन करेंगे तो आपके घर का वातावरण अच्छा हो जाएगा।
हिंदू शास्त्रों में होलिका दहन को सबसे बड़ा हवन कहा गया है। फागुन के महीने में हाने वाले इस हवन से वातावरण में घुली अशुद्धियां खत्म हो जाती हैं। एक शोध से पता चलता है कि हवन करने से जो धुआं उत्पन्न होता है वह 30 दिन तक वातावरण में ही रहता है और सभी अशुद्धियों को खत्म करता है। इससे मनुष्य के स्वास्थ पर तो अच्छा असर पड़ता ही है साथ खेती में भी इसके बड़े फायदे हैं। जैसे खेतों में फसल अच्छी उगती है, खेतों में लगने वाले कीटाणुओं का भी नाश होता है। इससे फसल अच्छी हाती है और शुद्ध अनाज, सब्जियां और फल खाने को मिलते हैं। जाहिर है, अच्छे और शुद्ध भोजन से मनुष्य का स्वास्थ अच्छा रहता है।
ऋगवेद में इस बात का जिक्र मिलता है कि हवन के माध्यम से बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। ऐसा भी कहा जाता है कि हवन का धुआं संजीवनी शक्तियों से भरपूर होता है। हवन में गाय के गोबर से बने उपले डाले जाएं और देशी घी डाला जाए तो इसे 94 प्रतिशत जीवाणुओं को नाश हो जाता है और यह सेहत के लिए बहुत लाभदायक है। हवन के धुएं से सांस के रोग, त्वचा के विकार और बुखार आदि सभी कुछ ठीक हो जाता है। हवन में जो आम की लकडि़यों को प्रयोग होता है वह भी लाभकारी गैस उत्पन्न करती हैं और जो वातावरण को शुद्ध करती हैं।
हवन कभी भी मंत्रों के बिना संभव नहीं है। हर तरह के हवन के साथ अलग-अलग मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। इन मंत्रों से निकलने वाली ध्वनि तरंगे घर में सकारात्मकता फैलाती हैं साथ ही हवन मन की एकाग्रता को बढ़ाता है और दिमाग को फोकस होने में मदद करता है। यह एक मेडिटेशन की तरह होता है। एक अन्य रिसर्च के मुताबिक अगर कोई आधे घंटे बैठ कर हवन करता है तो उसके धुएं से टाइफाइड जैसी बीमारी ठीक हो जाती है।
तो अगर, आपको वाकई लगता है कि हवन के लाभ वाकई आपको फायदा पहुंचाने वाले हैं तो आपको भी इस चैत्र नवरात्रि में अपने घर पर हवन जरूर करना चाहिए।
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