Basant Panchami: पीले रंग का वास्‍तु में है बड़ा महत्व, 5 तरीकों से करें प्रयोग

पीले रंग को वास्‍तु में बहुत अधिक महत्व दिया गया है। इस रंग का प्रयोग आप जीवन में किस प्रकार कर सकती हैं, जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल। 

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हिंदू धर्म में अलग-अलग रंगों को अलग-अलग देवी देवताओं और धार्मिक महत्व से जोड़ा गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लाल, पीला, हरा और नीला रंग सबसे विशेष होता है।

वास्‍तु शास्‍त्र में भी इन रंगों के महत्व पर कई बातें बताई गई हैं। इस वर्ष 26 जनवरी को बसंत पंचमी का पर्व देश भर में मनाया जाएगा। इस पर्व पर विशेष तौर पर पीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं।

बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा का विधान है, मगर इस बार बसंत पंचमी के दिन गुरुवार पड़ रहा है और गुरुवार के दिन के स्वामी श्री हरि नारायण विष्णु भगवान हैं और पीला रंग उन्हें अति प्रिय है।

इसलिए बसंत पंचमी के दिन इस बार पीले रंग का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाएगा। वास्‍तु शास्‍त्र में भी पीले रंग को अति महत्‍वपूर्ण बताया गया है क्योंकि यह रंग ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक होता है। हमने इस विषय पर उज्‍जैन की पंडित एवं ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा से बात की। पंडित जी बताते हैं, 'पीला रंग आपको एक अलग तरह की ऊर्जा देता है। यह बृहस्पति, विष्णु और सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है।'

तो चलिए पंडित जी से जानते हैं वास्‍तु में पीले रंग का महत्व और इसका प्रयोग कैसे किया जाना चाहिए।

पीले रंग की दिशा

पीले रंग की वही दिशा होगा, जो बृहस्पति ग्रह की होगी। इसलिए घर के उत्तर पूर्व दिशा में पीले रंग का प्रयोग करना वास्‍तु के हिसाब से बेहतर माना गया है। इस दिशा में मंदिर बनवाना शुभ माना गया है और बेस्‍ट होगा कि आप इस दिशा में भगवान कुबेर की पीले रंग की मूर्ति रखें।

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सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक

अगर आप घर के पूर्व दिशा की दीवार पर पीला रंग करवाती हैं, तो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा (नेगेटिव एनर्जी दूर करने के लिए वास्तु उपाय) ही नजर आती है। वैसे इस दिशा के स्वामी इंद्रदेव होते हैं, मगर इस दिशा का देवता सूर्य देव को माना गया है, इसलिए इस दिशा में आपकी बालकनी होती है, तो वास्तु के हिसाब से अच्छा रहता है। आप इस दिशा की दीवार को पीला कराती हैं तो दीवार पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें आपके जीवन को सकारात्मकता से भर देती हैं।

घर के मुख्य दरवाजे पर पीला रंग

घर के मुख्य दरवाजे पर आप पीले रंग का बंधनवार या या फिर रंगोली बना सकती हैं। पीले रंग का बंधनवार और रंगोली श्री हरि विष्णु को घर में आने का न्यौता देना होता है। इतना ही नहीं, देवी लक्ष्‍मी को भी गेंदे के पुष्प अति प्रिय होते हैं। ऐसे में भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्‍मी को भी आप प्रसन्न कर सकते हैं।

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पीले रंग के वस्त्र

गुरुवार के दिन पीले रंग के वस्त्र भी धारण करने चाहिए। ऐसा करने से वास्तु के हिसाब से चीजें सकारात्मक होती ही हैं, साथ ही ज्‍योतिष शास्‍त्र के आधार पर यदि आपकी कुंडली में गुरु दोष है तो वह भी इससे दूर हो जाता है। आपको बता दें कि देवी सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है और गुरु से ही हमें ज्ञान प्राप्त होता है। इसलिए इस दिन आप अपने गुरु को नमन करें और उन्हें पीले रंग के पुष्‍प जरूर भेंट करें।

पीले रंग का भोजन

आप गुरुवार के दिन पीले रंग का भोजन जरूर ग्रहण करना चाहिए। आप पीले चावल की घर या फिर पीले पुलाव आदि का सेवन कर सकते हैं। इतना ही नहीं पीली चीजों का दान करने से भी आपको बसंत पंचमी के दिन बहुत लाभ प्राप्त होगा। इस आप पीले रंग पढ़ाई लिखाई की वस्तुओं का बच्‍चों में दान कर सकती हैं, ऐसा करने से आपके ज्ञान में भी वृद्धि होगी।

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