World Economic Forum की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में जेंडर गैप को कम करने में अभी लग सकते हैं 131 साल

हाल ही में World Economic Forum की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दुनियाभर में जेंडर गैप को कम करने में अभी 131 साल लग सकते हैं। 

world economic forum report says that it could take another  years to close gender pay gap in hindi

विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दुनिया भर में जेंडर गैप को कम करने में लगभग 131 साल लग सकते हैं। रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, आइसलैंड ने अपने देश में जेंडर गैप को 90 प्रतिशत तक अधिक कम कर दिया है, लेकिन अमेरिका लैंगिक समानता के मामले में विश्व स्तर पर केवल 43वें स्थान पर है। विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, जेंडर गैप को खत्म करना एक सपने जैसा लगता है और इस सपने को पूरा करने में सभी देशों की भागीदारी होना बहुत जरूरी है।

रिपोर्ट में यह बात आई सामने

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ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट के अनुसार, 146 देशों में लैंगिक समानता की जांच की गई है और इसमें पाया गया कि वैश्विक स्तर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में जेंडर गैप 68.4 प्रतिशत कम हो गया है, जो 2022 के 68.1 प्रतिशत स्कोर से 0.3 प्रतिशत अधिक है। विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, जेंडर गैप- अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और राजनीति जैसे क्षेत्रों में समानता को मापता है। विश्व आर्थिक मंच का मानना है कि बेहद धीमी दर से जेंडर गैप कम हर साल कम हो रहा है। इसका प्रभाव हमें सिर्फ एक या दो नहीं बल्कि हर क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है।

हर क्षेत्र में जेंडर गैप को कम करने में लगेंगे इतने साल

विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, पॉलिटिकल क्षेत्र में जेंडर गैप को कम करने में 162 साल लगेंगे वहीं आर्थिक भागीदारी में और आपर्टूनिटी गैप को कम करने में 169 साल लगेंगे, जबकि स्वास्थ्य और सर्वाइवल गैप के लिए कोई स्पष्ट समयरेखा अभी पता नहीं चली है।

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एजुकेशन के क्षेत्र में जल्द कम होगा जेंडर गैप

विश्व आर्थिक मंच ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि एजुकेशन के क्षेत्रों में जेंडर गैप खत्म होने में केवल 16 साल लगेंगे। हालांकि, अभी तक कोई भी देश पूर्ण लैंगिक समानता (जेंडर गैप) तक नहीं पहुंच पाया है, लेकिन आइसलैंड ने लगातार 14वें साल में अपने कुल लिंग अंतर को 91.2 प्रतिशत कम करके शीर्ष स्थान प्राप्त किया है और यह एकमात्र देश है जिसमें 90 प्रतिशत से अधिक फिगर पाया है। आपको बता दें कि शीर्ष पांच देशों में नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन और न्यूजीलैंड हैं जिनका स्कोर 80 प्रतिशत से अधिक है।

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डब्ल्यूईएफ की प्रबंध निदेशक सादिया जाहिदी ने बताया कि, "पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर लैंगिक समानता के लिए बड़ी असफलताएं देखी गई हैं, शिक्षा और वर्कप्लेस में महिलाओं और लड़कियों पर कोविड -19 महामारी के प्रभाव के कारण उनकी प्रगति बाधित हुई, इसके बाद आर्थिक और जीओ पॉलिटिकल क्राइसिस संकट भी आए थे।"

कुछ हिस्सों में हुआ है आंशिक सुधार

विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, "आज, दुनिया के कुछ हिस्सों में आंशिक सुधार देखा जा रहा है, जबकि अन्य में नए संकट सामने आने के कारण गिरावट देखी जा रही है। स्वास्थ्य और शिक्षा में वैश्विक लिंग अंतर पिछले वर्ष में कम हो गया है, फिर भी पॉलिटिकल क्षेत्र पर प्रगति प्रभावी रूप से रुकी हुई है और महिलाओं की आर्थिक स्थिति भागीदारी ठीक होने के बजाय पीछे चली गई है।" रिपोर्ट ने यह भी बताया है कि इन मुद्दों के साथ-साथ, जेंडर पे गैप भी अमेरिका में एक लगातार मुद्दा बना हुआ है।

जेंडर गैप को खत्म करने के लिए सभी देशों को एकजुट होना पड़ेगा और लोगों को यह बात समझनी होगी कि हर क्षेत्र में महिला और पुरुष का बराबर होना बहुत जरूरी है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit-freepik

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