शादी के बाद महिलाएं क्यों बदलती हैं अपना सरनेम? सामाजिक दस्तूर या फिर पर्सनल च्वॉइस, जानें कहां से शुरू हुआ था यह सिलसिला

शादी के बाद लड़कियां अपना सरनेम बदलती है, इस बात को हम बाइ डिफॉल्ट जानते हैं और मानते भी हैं। लेकिन ऐसा क्यों है और क्या यह महिलाओं की अपनी मर्जी है या फिर एक सामाजिक कायदा, जिसे बस फॉलो किया जा रहा है, चलिए जानते हैं।
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हमारे समाज में या हमारे आस-पास कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें हम पीढ़ियों से जानते हैं और मानते आए हैं। इनमें से कई चीजें ऐसी भी हैं, जिनके पीछे का कारण हम नहीं जानते हैं लेकिन बस क्योंकि शायद उन चीजों को हमने सभी को सालों से या यूं कहें हमेशा से मानते देखा है इसलिए बाइ डिफॉल्ट हम भी उन्हें मान रहे हैं। यूं तो शेक्सपियर ने कहा था, 'What's in a name?'यानी नाम में क्या रखा है लेकिन असल में कहीं न कहीं अपने नाम और सरनेम से हम सभी का खास जुड़ाव होता है और यह हमारी पहचान भी होता है। शादी के बाद लड़कियां अपना सरनेम बदल लेती हैं, यह बात हम सभी जानते हैं। हालांकि, आज के वक्त में काफी लड़कियां शादी के बाद भी पति का नहीं, बल्कि पिता का सरनेम ही लगाती हैं और कई लड़कियां हाइब्रिड सरनेम भी यूज करती हैं। लेकिन, सवाल यह है कि क्या शादी के बाद लड़कियों के लिए पति का सरनेम लगाना जरूरी है...क्या यह महिलाओं की अपनी मर्जी है या फिर एक ऐसा सोशल ट्रेंड या कायदा है, जिसे बस हम फॉलो कर रहे हैं और यह चलन शुरू कहां से हुआ था, चलिए आपको कुछ दिलचस्प जानकारी देते हैं।

शादी के बाद पति का सरनेम क्यों लगाती हैं लड़कियां?

why women change surame after marriage


सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि किसी भी कानून के अनुसार, शादी के बाद महिलाओं के लिए पति का सरनेम लगाना जरूरी नहीं है। भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है, जो शादी के बाद किसी महिला को अपने पति का सरनेम लगाने के लिए बाध्य करें। यह असल में हमारे पितृसत्तामक समाज की देन है और सालों से इसे इसी तरह फॉलो किया जा रहा है। महिलाओं को हमेशा एक जिम्मेदारी के तौर पर देखा गया और पहले के वक्त में उन्हें अपनी अलग पहचान देने की जरूरत नहीं समझी जाती है। आपको बता दें कि ऐसा सिर्फ भारत में नहीं है। साल 2016 में हुए एक सर्वे के अनुसार, लगभग 90 प्रतिशत ब्रिटिश महिलाएं शादी के बाद अपने पति का सरनेम लगाती हैं। वहीं, अमेरिका में यह आंकड़ा लगभग 70 प्रतिशत है। बता दें कि महिलाओं के अपने पति का सरनेम लगाने की परंपरा असल में वेस्टर्न देशों के पितृसत्तात्मक इतिहास से उपजी है। ऐसा बताया जाता है कि ब्रिटेन में यह चलन फ्रांस से आया है।

आज के वक्त में काफी महिलाएं नहीं बदल रही हैं अपना सरनेम

changing of surname after wedding
आज के वक्त में महिलाएं पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं। ऐसे में काफी चीजों में बदलाव आ रहा है और यह भी एक कारण है कि महिलाएं आजकल शादी के बाद अपना सरनेम बदलना पसंद नहीं कर रही हैं। बड़ी-बड़ी अभिनेत्रियों से लेकर आस-पास भी आप कई ऐसी लड़कियों को देखेंगे, जो शादी के बाद भी अपने पिता के सरनेम का इस्तेमाल कर रही हैं। असल में इसमें कोई बुराई नहीं है क्योंकि सरनेम बदलने का आपकी शादी..पति के लिए प्यार या फिर किसी भी और चीज से कोई लेना-देना नहीं है। यह केवल परंपराओं का खेल है और पूरी तरह से आपकी पसंद पर निर्भर करता है कि आप इसे अपनाना चाहती हैं या नहीं।

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Image Credit: Freepik, Shutterstock

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