अक्सर हम अपने हाथों पैरों को सजाने के लिए कुछ विशेष गहनों का इस्तेमाल करते हैं। ये गहने पैरों की खूबसूरती को बढ़ाने के साथ कई अन्य कारणों से भी शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। जब बात शादी के बाद पहने जाने वाले गहनों की हो तो सबसे प्रमुख बिछिया और पायल होती हैं।
पायल की आवाज न सिर्फ घर के लोगों में सकारात्मक प्रभाव डालती है बल्कि हमारे लिए कई अन्य तरीकों से भी लाभदायक है। पायल की बात करें तो ज्योतिष में हमेशा चांदी की पायल ही पहनने की सलाह दी जाती है।
दरअसल पैरों में कोई भी सोने का आभूषण नहीं पहनना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सोने के आभूषण आपके लिए धन हानि का कारण बन सकते हैं। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें पैरों में सोने की पायल न पहनने के पीछे के ज्योतिष कारणों के बारे में और इससे होने वाले नुकसान के बारे में।
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार सोने को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि यदि पैरों में पहने जाने वाले पायल, बिछिया जैसे गहने सोना धातु के बने होते हैं तो इन्हें पहनने से माता लक्ष्मी का अपमान होता है।
चूंकि सोना धातु में माता लक्ष्मी का वास होता है, इसलिए इसे कमर के नीचे के हिस्से में पहनने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं। ऐसा करने से आपके घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। चूंकि सोना भगवान् विष्णु की प्रिय धातु है इसलिए इसे पैरों में न पहनने की ही सलाह दी जाती है।
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पैरो में सोने के आभूषण न पहनने का एक और कारण ये भी है की सोने के आभूषण पैरो में गर्मी बढ़ाते है। कमर के ऊपर स्वर्ण के आभूषण और कमर के नीचे चांदी के आभूषण पहनने से शरीर का तापमान संतुलित बना रहता है। यदि आप शरीर के सभी अंगों में सिर्फ सोने के गहने पहनेंगी तो शरीर का तापमान बढ़ने से कई बीमारियां हो सकती हैं। वहीं सोने और चांदी दोनों के बने आभूषण धारण करने से आपका शरीर कई तरह की परेशानियाें से बच सकता है।
यदि पायल की बात करें तो आपको हमेशा चांदी धातु से बनी पायल ही पैरों में पहननी चाहिए। इस धातु से बनी पायल शरीर के तापमान को संतुलित करती है। चांदी धातु शरीर को शीतल बनाए रखती है।
इसी वजह से यह तापमान को नियंत्रित करती है। चांदी को चंद्रमा की धातु भी माना जाता है। इसलिए शरीर में चांदी धारण करने से चंद्रमा की स्थिति अच्छी बनी रहती है और शरीर को ऊर्जा मिलती है। कमर के ऊपर सोना और पैरों में चांदी के गहने पहनने से ऊर्जा सिर से पैरों की तरफ और पैरों से सिर की तरफ फ्लो होती है और कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
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पैर के जिस हिस्से में पायल पहनी जाती है ज्योतिष में उस स्थान को केतु का स्थान माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि केतु को हमेशा शीतल बनाए रखना जरूरी है। अगर केतु में शीतलता नहीं होती है तो उसका नकारात्मक प्रभाव शरीर पर पड़ने लगता है।
इसी वजह से केतु को शांत करने के लिए चांदी की पायलपहनने की सलाह दी जाती है। यह धातु शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के साथ शरीर को भी शक्ति प्रदान करने में मदद करती है।
सोने के गहने पैरों में न पहनें। अगर आप पायल पहनना पसंद करती हैं तो चांदी की पायल ही पहनें।
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