पानी पर तैरता जहाज आखिर क्यों नहीं डूबता? जानें रोचक तथ्य

आपने कई बार पानी वाले जहाज में सफर किया होगा, मगर क्या आपको पता है कि यह बहते पानी में चलता कैसे है और यह डूबता क्यों नहीं है? अगर नहीं तो आइए जानते हैं।  

 
ships do not sink in water in hindi

वो देखो....पानी के ऊपर जहाज चल रहा है.. यह जुम्ला आपने भी बोला होगा। बचपन में तो पानी पर जहाज देखने की खुशी अलग ही होती थी। जहां हम पानी से भरा तालाब देखते थे, बस वहीं कागज की कश्ती चलाना शुरू कर देते थे। कितना मजा आता था जब कश्ती अपना सफर तय करती थी, खैर। हालांकि, खुशी के साथ कई सवाल भी होते थे कि कैसे जहाज पानी के ऊपर कैसे चलता है और अपना रास्ता कैसे तय करता है।

पानी में रास्ता कैसे ढूंढा जाता है? कैसे पता चलता है कि कहां जाना है? जहाज में कौन-सा तेल डाला जाता है? हालांकि,जब हम जहाज में बैठते हैं तो हमारे सवालों के जवाब खुद ही मिल जाते हैं। ऐसे में अगर कुछ पता नहीं चल पाता वो है कि जब एक जहाज पानी में डूबता कैसे नहीं है। अगर आपको भी नहीं पता तो यह लेख आपके काम आ सकता है।

आखिर क्यों नहीं डूबता जहाज?

ships do not sink in water ()

कोई भी नाव या जहाज पानी में नहीं डूबते, जबकि नॉर्मल लौहे की वस्तु पानी में अगर फेंक दी जाए तो वह डूब जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये आर्कीमिडीज के सिद्धांत को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं और इसी आधार पर काम करते हैं। देखिए बहुत सिंपल-सा फंडा है।

जब हम पानी में लोहे की कोई वस्तु डालते हैं, तो वो अपने भार के बराबर जल को हटाती हुई नीचे जाती है। जबकि जहाज के अंदर जो हवा होती है, वह पानी की तुलना में बहुत कम घनी होती है। यही चीज इसे पानी में डूबने नहीं देती।

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क्या है आर्कीमिडीज सिद्धांत?

आसान शब्दों में समझने की कोशिश की जाए, तो आर्किमिडीज का सिद्धांत कहता है कि पानी में डूबी किसी वस्तु पर ऊपर की ओर लगने वाला कुल बल वस्तु द्वारा हटाए गए पानी के भार के बराबर होता है। (पायलट को रास्ता कैसे पता चलता है)

यानी तैरते हुए पिंड का वजन उसके डूबे हुए भाग द्वारा विस्थापित तरल के वजन के बराबर होता है। इसलिए, एक जहाज पानी में तैरने में सक्षम होता है क्योंकि उसका वजन उसके द्वारा हटाए गए पानी के वजन के बराबर होता है।

पानी वाला जहाज समुद्र में कैसे चलता है?

Ships interesting facts

हर जहाज को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि इसका इंजन, प्रणोदित्रों, पैडल व्हील, मशीनों और प्रोपेलर पानी के दवाब को ऊपर करके गति प्रदान करता है, जिससे जहाज को हवा मिलती है और यह आगे बढ़ता है। हालांकि, किसी भी जहाज में प्रोपेलरों की संख्या इसके आकार पर निर्भर करती है, पर ज्यादातर जहाज में प्रोपेलर चार होते हैं।

टाइटैनिक जहाज कौन-से समुद्र में डूबा था?

जब यह हादसा हुआ था तब टाइटैनिक जहाज 41 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से इंग्लैंड के साउथम्पटन से अमेरिका के न्यूयॉर्क की ओर बढ़ रहा था। मगर अचानक तीन घंटे के अंदर 14 और 15 अप्रैल 1912 को अटलांटिक महासागर में यह जहाज डूब गया था।

इस हादसे के बाद कनाडा से 650 किलोमीटर की दूरी पर 3,843 मीटर की गहराई में जहाज दो भागों में टूट गया था और दोनों हिस्से एक दूसरे से 800 मीटर दूर हो गए थे।

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उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको जहाज से जुड़े कुछ और अमेजिंग हैक पता है, तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

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Image Credit- (@Freepik)

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