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How the titanic sub drowned

Titanic Submarine: टाइटैनिक का मलबा देखने गई सबमरीन के साथ आखिर क्या हुआ?

टाइटैनिक जहाज को डूबो 111 साल हो चुके हैं, लेकिन वह अब तक चर्चा में है। जिस खबर ने सभी को चौंका दिया है, वो है टाइटैनिक का मलबा देखने गई सबमरीन के डूबने की खबर। आज हम आपको उससे जुड़े कुछ सवालों के जवाब देते हैं। 
Editorial
Updated:- 2023-06-23, 18:19 IST

111 साल पहले दुनिया का सबसे मजबूत कहा जाने वाला जहाज टाइटैनिक सागर में समा गया था। यह वो समय था जब दुनिया ने सबसे बड़ी समुद्री त्रासदी देखी थी। बचपन में मेरे शहर के एक मेले का गेट टाइटैनिक की तरह बनाया गया था। उस समय बहुत बारिश के कारण वह गेट टूट गया था। इस घटना के बाद शहर वालों का कहना था कि टाइटैनिक शापित था इसलिए ऐसा हुआ। अब एक बार फिर ट्विटर पर इस तरह की बातें हो रही हैं। 

टाइटैनिक का मलबा देखने गए 5 अरबपति सागर में समा गए हैं। उनकी सबमरीन को ढूंढने के लिए पिछले चार दिनों से कवायत की जा रही थी, लेकिन अब इस सर्च को रोक दिया गया है। टाइटैनिक के डूबने के 73 साल बाद ही इसके मलबे को ढूंढा जा सका था। तब से लेकर अब तक कई बार लोग इसके मलबे तक जा चुके हैं। 

आखिर क्या थी टाइटैनिक सब?

ओशीन्स गेट (OceansGate) नामक कंपनी ने अपनी एक छोटी पनडुब्बी को सी-टूरिज्म के लिए निकाला था। यह एक फुली-लोडेड सबमरीन नहीं, बल्कि एक छोटा वेसल था जिसे सबमर्सिबल कहा जाता है। इसके कारण इसे 'सब' नाम दिया जाता है। टाइटैनिक को लेकर जिज्ञासा अभी भी है जिसके कारण इस जहाज का मलबा देखने जाने की योजना बनाई गई। इस सब से पैसे वाले लोगों को उस तक पहुंचाया जाना था। 

वैसे इसके पहले सब का टेस्ट हो चुका था। 2022 में कुछ लोगों को इसके मलबे तक ले जाया गया था। इसके बारे में आप ABC न्यूज का इंटरव्यू देख सकते हैं। उस इंटरव्यू में बताया गया है कि किस तरह से 5 में से 2 बार ही सब सक्सेसफुली टाइटैनिक तक पहुंच पाती थी। 

titanic sub

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कब खोई थी सब?

रविवार सुबह (भारत में रविवार रात) टाइटैनिक सब टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए समुद्र के अंदर गई थी। सतह से अंदर जाने के 1 घंटे 45 मिनट तक उसका संपर्क अपने रिसर्च शिप पोलार प्रिंस से उसका संपर्क टूट गया। 

इसके कुछ देर बाद ही कोस्ट गार्ड्स और मरीन एक्सपर्ट्स को सब के बारे में अलर्ट किया गया। हालांकि, तब तक सब की लास्ट लोकेशन ही ट्रेस हो पा रही थी। सर्च अभियान शुरू होते-होते सोमवार सुबह हो गई। नॉर्थ अटलांटिक के केप कॉड के 900 मील पूर्व में यह घटना हुई। 

इस सब का एक टिकट कितने का था?

इस सब में यात्रा करने के लिए एक टिकट 250000 डॉलर  यानी लगभग 2 करोड़ 3 लाख रुपये का था। इस सब में कंपनी के सीईओ के साथ-साथ पाकिस्तान का सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक शहजादा दाऊद और उनका बेटा सुलेमान भी शामिल थे। 

आखिर क्यों सर्च के लिए समय की थी पाबंदी?

टाइटैनिक सब के सभी सुरक्षा समाधानों को मिलाकर भी उसमें सिर्फ 96 घंटों का ऑक्सीजन था। इस लिए अंतरराष्ट्रीय लेवल पर इतनी बड़ी सर्च की जा रही थी।  

titanic sub wreckage

सर्च में सबसे पहले क्या सामने आया? 

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट की तरफ से यह बताया गया था कि सब जहां से गायब हुई थी वहां एक बहुत ही तेज ध्वनि सुनाई दी थी जिसका पता सोनार तकनीक से कनाडाई विमान ने लगाया था। इस ध्वनि को कई घंटों तक सुना जाता रहा।  

इस आवाज का मतलब था कि कहीं ना कहीं सब के साथ कोई दुर्घटना हुई है।  

क्या है लेटेस्ट जानकारी? 

यूएस कोस्ट गार्ड्स ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि नॉर्थ अटलांटिक में सब के कुछ पुर्जे मिले हैं। इसका मतलब सब में कोई इम्प्लोजन (Implosion) हुआ है। यही कारण है कि उन्होंने सभी 5 व्यक्तियों के मारे जाने की सूचना दी है।  

क्या होता है इम्प्लोजन? 

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक जब इम्प्लोजन होता है तब 1500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से बाहरी ढांचा अंदर की ओर मुड़ता है। यह वैसा ही है जैसा असर किसी गुब्बारे के हवा निकलने पर होता है। यह इतनी तेजी से होता है कि पूरा एक सेकंड भी नहीं लगता। ऐसे में सब के अंदर मौजूद कंसन्ट्रेटेड गैस अपने आप आग में बदल जाती है। ऐसा माना जा रहा है कि जो लोग सब के अंदर होंगे उनका शरीर कुछ क्षणों के अंदर ही आग और प्रेशर से नष्ट हो गया होगा।  

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किस कारण होता है इम्प्लोजन? 

समुद्र के नीचे बहुत गहरा दबाव होता है। 3500 मीटर नीचे दबाव इतना होता है जैसे आपके ऊपर बुर्ज खलीफा की बिल्डिंग रख दी गई हो। नई तकनीकों से सबमरीन या उसके जैसे सबमर्सिबल वेसल्स को प्रेशर झेलने के लिए बनाया जाता है। अंदर बैठे लोगों को वेसल के अंदर मौजूद प्रेशर से सुरक्षित रखा जाता है। पर अगर गलती से भी बाहरी ढांचे को कुछ हुआ, तो बाहर का प्रेशर अंदर बैठे लोगों को एक सेकंड से भी कम में कुचल देगा। टाइटैनिक सब के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।  

टाइटैनिक फिल्म के डायरेक्टर जेम्स कैमरून का बयान 

जेम्स के मुताबिक उन्हें पहले से ही आभास हो गया था कि कुछ गलत हुआ है। फिल्म 'टाइटैनिक' के लिए जेम्स 33 बार असली टाइटैनिक के मलबे को देखने जा चुके हैं। उनके इंटरव्यू का एक क्लिप ट्विटर पर वायरल हो रहा है। उनके मुताबिक टाइटैनिक सबमरीन जहाज के मलबे तक पहुंचने से पहले ही ब्लास्ट हो गई होगी। हालांकि, वैज्ञानिकों की अलग-अलग थ्योरी  है, लेकिन जेम्स अपने एक्सपीरियंस से इसके बारे में बता सकते हैं। जेम्स के मुताबिक समुद्री सतह से 3500 मीटर नीचे कम्युनिकेशन और नेविगेशन दोनों ही बंद हो गए थे। उनके मुताबिक किसी सबमरीन में ऐसा तभी होता है जब एकदम से कोई घटना हुई हो। तभी उन्हें आभास हो गया था कि सबमरीन डूब चुकी है। जेम्स का यह वायरल क्लिप आगे देखें... 

 अब जब पूरी दुनिया को पता चल चुका है कि सब के साथ क्या हुआ इसे लेकर अलग-अलग थ्योरी सामने आ रही है। इस सब के डूबने से दुनिया भर में शोक का माहौल है।  

 

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