क्यों सैलरी से PF के नाम पर कटता है पैसा? जानें पेंशन लेने के लिए कितने साल की नौकरी है जरूरी?

प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों की सैलरी से हर महीने PF कटता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है और पेंशन लेने के लिए कितने साल की नौकरी करना जरूरी होता है? अगर नहीं, तो आइए इस बारे में यहां जानते हैं। 
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प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले PF के बारे में अच्छी तरह से जानते होंगे। अब जानें भी क्यों ना, क्योंकि हर महीने PF के नाम पर उनकी सैलरी से पैसा जो कटता है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर सैलरी से हर महीने PF के नाम पर पैसा क्यों काटा जाता है। तो इसका सीधा-सा जवाब है कि PF इसलिए काटा जाता है, जिससे आपको रिटायरमेंट के बाद आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े।

PF यानी प्रोविडेंट फंड को आसान भाषा में समझें तो यह एक तरह का इन्वेस्टमेंट है जिसका फायदा रिटायरमेंट के बाद उठाया जा सकता है। हालांकि, प्रोविडेंट फंड के लिए केवल एम्पलाई ही नहीं, एम्पलॉयर भी अपना शेयर देता है। यह तो बात हो गई कि सैलरी से PF के नाम पर पैसा क्यों कटता है और उसका क्या फायदा हो सकता है। लेकिन, आखिर यह पैसा हमें कब और किन शर्तों के साथ मिल सकता है यह जान लेना भी जरूरी है। आइए, यहां जानते हैं कि कितने साल की नौकरी और किन नियमों को पूरा करने के बाद PF का पैसा या पेंशन मिलती है।

कितने साल की नौकरी के बाद मिलती है पेंशन?

how many years job necessary for PF pension

EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की तरफ से EPS यानी एम्पलाई पेंशन स्कीम चलाई जाती है। इस स्कीम में हर महीने सैलरी से कटने वाला पैसा एक PF अकाउंट में जमा होता जाता है, जिसे जरूरत पड़ने पर या रिटायरमेंट के बाद पेंशन के तौर पर लिया जा सकता है। अब सवाल उठता है कि EPS की पेंशन के लिए कम से कम कितने साल की नौकरी करना जरूरी होता है।

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EPFO के नियमों के मुताबिक, कम से कम 10 साल नौकरी करने वाला व्यक्ति ही रिटायरमेंट के बाद पेंशन का हकदार होता है। वहीं, EPFO के तहत पेंशन पाने के लिए व्यक्ति की उम्र कम से कम 58 साल होनी चाहिए। इसी के साथ EPFO का मेंबर और इसी के साथ नियमित योगदान होना चाहिए।

EPFO के नियमों के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति की नौकरी 9 साल 6 महीना या उससे ज्यादा रही है, तो उसे 10 साल के बराबर देखा जाता है। वहीं, अगर नौकरी 9 साल 5 महीना या उससे कम है तो उसे 9 साल के बराबर ही माना जाता है। ऐसी स्थिति में EPFO अकाउंट होल्डर्स को पेंशन नहीं मिलती है। हालांकि, वह अपना पैसा निकालकर इस्तेमाल जरूर कर सकते हैं।

कितनी मिलती है EPF में पेंशन?

how epfo pension calculates

EPF में पेंशन आपकी सैलरी और उससे होने वाली कटौती पर निर्भर करती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, साल 2014 में केंद्र सरकार ने EPFO में न्यूनतम पेंशन 1 हजार रुपये प्रति महीना तय की थी। हालांकि, इसे बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग की जा रही है।

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कैसे होती है पेंशन कैलकुलेट?

प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों की सैलरी में से हर महीने बेसिक आय+DA का 12% कटता है और PF के अकाउंट में जमा हो जाता है। वहीं, एम्पलॉयर का 8.33% शेयर कर्मचारी पेंशन योजना यानी EPS और 3.67% EPF में जाता है। वहीं, अगर किसी व्यक्ति का नौकरी में गैप होता है, तो उसका असर पेंशन पर नहीं पड़ता है। क्योंकि, नियमों के मुताबिक, कुल मिलाकर व्यक्ति की 10 साल की सर्विस होनी चाहिए। अगर 10 साल की सर्विस नहीं होती है, तो आपको पेंशन नहीं मिलेगी। हालांकि, आप जब चाहे अपना पैसा PF अकाउंट से निकाल सकते हैं। (क्या PF से पैसा निकालने के बाद भी मिलती है पेंशन?)

पीएफ क्यों हर महीने सैलरी से कटता है और पेंशन के लिए कितने साल की नौकरी करना जरूरी है, यह तो आप समझ ही गए हैं। हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।

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Image Credit: Freepik and Herzindagi

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