Employees Provident Fund Rule: कर्मचारी पेंशन योजना एक तरह की रिटायरमेंट स्कीम है, जिसमें यूजर्स को प्रति माह एक निश्चित राशि जमा करनी होती है। इस तरह 60 साल पूरे होने के बाद, व्यक्ति को रिटायर होने पर हर महीने एक निश्चित राशि पेंशन के तौर पर दी जाती है। नौकरी करने वाले सभी कर्मचारियों के जेहन में पीएफ को लेकर कई सारे सवाल होते हैं। रिटायरमेंट के बाद EPFO से कितनी पेंशन मिलेगी? इसका कैलकुलेशन कैसे होता है? क्या पीएफ से पैसा निकालने वालों को भी रिटायर होने पर पेंशन मिलती है? इससे संबंधित नियम क्या हैं? आदि कई सारे सवाल अक्सर लोगों की क्वेरी होती हैं। पर आज हम आपको पीएफ निकालने वाले कर्मचारी के रिटायर होने पर क्या होता है, इस बारे में बताने वाले हैं। तो चलिए इस बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
अगर आपके मन में भी पीएफ को लेकर यह सवाल है, तो आपको बता दे कि इसका जवाब हां है। दरअसल, पीएफ से पैसा निकालने वाले भविष्य निधि संगठन (EPFO) के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को भी रिटायर होने पर पेंशन मिलती है। हालांकि, इसके लिए कर्मचारी को कम से कम 10 साल तक नौकरी करनी होती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि यदि आपने नियमित रूप से पीएफ में योगदान दिया है, तो आप रिटायर होने के बाद पेंशन पाने के हकदार हैं। भले ही आपने बीच-बीच में कुछ राशि पीएफ से निकाली हो।
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EPFO में प्रति माह बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा जमा करना होता है। इसमें से 8.3 फीसदी हिस्सा PF अकाउंट में और 3.67 प्रतिशत हिस्सा EPF स्कीम में जमा होता है। आपको बता दें कि EPF स्कीम में जमा राशि मैच्योर होने के बाद पेंशन के तौर पर दी जाती है। अगर कोई व्यक्ति 50 साल का हो गया है, तो वह EPF खाताधारक पेंशन के लिए क्लेम कर सकता है।
ऐसे में यदि कोई व्यक्ति 58 साल से पहले पेंशन को लेकर क्लेम करता है, तो हर साल 4 फीसदी की कटौती होगी। रिटायरमेंट के बाद EPF फंड में जमा राशि का 75 फीसदी हिस्सा एकमुश्त मिलता है। वहीं, 25 फीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर प्रति माह मिलता है। बात पेंशन के कैलकुलेशन की करें तो इसकी गणना करने के लिए एक फॉर्मूला है और वह है- औसत सैलरी x पेंशनेबल सर्विस/70
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अगर कर्मचारी EPFO में हर महीने योगदान करता है तो 10 साल नौकरी करने के बाद पेंशन पाने का हकदार माना जाता है। हालांकि, पेंशन पाने के लिए निर्धारित उम्र 58 साल रखी गई है, लेकिन किसी केस में कर्मचारी चाहें तो 50 साल बाद भी पेंशन ले सकते हैं। यदि वक्त पूरा होने से पहले या 50 की उम्र के बाद ही पेंशन के लिए क्लेम करते हैं, तब उन्हें कटौती के साथ पेंशन मिलती है।
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