EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का उद्देश्य प्राइवेट पर गवर्नमेंट सेक्टर के कर्मचारियों रिटायरमेंट के बाद आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देता है। EPFO के तहत प्रोविडेंट फंड, इंश्योरेंस और पेंशन जैसे फायदे मिलते हैं। भारत में प्राइवेट और ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले लोगों को EPFO के बारे में पता ही होता है। यह एक सरकारी संस्था है लेकिन, इससे फंड सरकार नहीं देती है। EPFO जितनी भी सुविधाएं देती है उसके लिए सालों तक कर्मचारियों को अपनी हर महीने की सैलरी का 12 परसेंट इसमें जमा करना होता है। कर्मचारियों के साथ-साथ कंपनी की तरफ से भी इतनी ही राशि EPF में जमा की जाती है।
EPFO के इसी फंड से रिटायरमेंट के बाद हर महीने कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा मिलती है। अगर व्यक्ति चाहे तो वह अपना पूरा फंड एक बार में या रिटायरमेंट से पहले किसी इमरजेंसी सिचुएशन में भी निकाल सकता है। क्या आप जानते हैं EPFO एक नहीं, बल्कि 7 तरह की पेंशन देता है। जी हां, ज्यादातर लोगों को लगता है कि EPFO में केवल रिटायरमेंट के बाद ही पैसा मिलता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्हें जानकारी नहीं होती है कि ईपीएफओ 7 तरह की पेंशन सुविधाएं देता है। आइए, यहां जानते हैं EPFO कौन-कौन सी तरह की पेंशन कर्मचारियों को ऑफर करता है।
कितनी तरह की पेंशन देता है EPFO?
रिटायरमेंट पेंशन
रिटायरमेंट पेंशन को Superannuation पेंशन के नाम से भी जाना जाता है। इस स्कीम में अगर कोई एम्पलाई 10 साल या उससे ज्यादा समय तक, EPFO में निवेश करता है और 58 के बाद रिटायर हो जाता है। तब उसे रिटायरमेंट पेंशन की सुविधा मिलती है। हालांकि, पेंशन कितनी मिलेगी यह पूरी तरह से फंड में कितना पैसा है उस पर निर्भर करता है।
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अर्ली पेंशन
58 साल के बाद रिटायरमेंट लेने वाले कर्मचारियों को EPFO की तरफ से हर साल 4 फीसदी पेंशन बढ़ाकर मिलती है। वहीं, अगर आप 58 साल से पहले रिटायरमेंट लेते हैं, तो आपको पेंशन तो मिलेगी लेकिन हर साल 4 फीसदी घटाकर दी जाएगी। EPFO की अर्ली पेंशन स्कीम में 50 के बाद पैसे के लिए क्लेम किया जा सकता है लेकिन, इस स्थिति में हर साल 4 फीसदी घटाकर पेंशन मिलती है।
विधवा या बाल पेंशन
अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है, तब EPFO की तरफ से उसकी पत्नी और बच्चों को पेंशन स्कीम का फायदा मिलता है। कर्मचारी की मौत की स्थिति में पेंशन कंट्रीब्यूशन का 10 साल वाला नियम भी लागू नहीं होता है। जी हां, अगर किसी व्यक्ति ने एक साल भी EPFO में निवेश किया है और उसकी मौत हो जाती है, तब मृतक की पत्नी और बच्चे पेंशन के हकदार होंगे। हालांकि, बच्चे केवल 25 साल की उम्र तक ही EPFO पेंशन के हकदार होंगे। 25 की उम्र के बाद उनकी पेंशन बंद कर दी जाएगी।
माता-पिता को पेंशन
इसे नॉमिनी पेंशन के नाम से भी जाना जाता है। अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है और उसकी कोई पत्नी या बच्चा नहीं है तो उसके नॉमिनी को पेंशन की सुविधा मिलती है। अगर कर्मचारी ने माता-पिता को नॉमिनी बनाया है तो पेंशन की सुविधा उन्हें मिलती है। वहीं, अगर पिता की मौत हो जाती है तो कर्मचारी की मां पूरी उम्र के लिए पेंशन की हकदार होती है। हालांकि, इसके लिए फॉर्म 10 डी भरना होता है।
अनाथ पेंशन
अगर कर्मचारी के साथ उसकी पत्नी की भी मृत्यु हो जाती है, तब ऐसी स्थिति में उनके बच्चों को 25 साल की उम्र तक पेंशन की सुविधा मिलती है। 25 साल के बाद ऐसा मान लिया जाता है कि बच्चा अब खुद कमा सकता है और अपने खर्चे उठा सकता है।
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दिव्यांग पेंशन
EPFO की इस स्कीम में अगर कोई कर्मचारी किसी दुर्घटना में दिव्यांग हो जाता है और काम करने की स्थिति में नहीं रहता है, तो वह पेंशन का हकदार हो जाता है। दिव्यांग पेंशन में किसी तरह की उम्र सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
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Image Credit: Herzindagi and Freepik
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