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भारत के इस शहर को क्यों कहा जाता है महलों का शहर

भारत के गांव और शहरों को उनके खासियत और सांस्कृतिक चीजों को देखते हुए उसे एक खास नाम उपाधि के तौर पर दिया जाता है। ऐसा ही कोलकाता का एक नाम है महलों का शहर कहा जाता है।  
Editorial
Updated:- 2024-09-03, 17:45 IST

कोलकाता को "महलों का शहर" (City of Palaces) कहा जाता है और इसके पीछे कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारण हैं। महलों का शहर के साथ-साथ कोलकाता को खुशियों के शहर का भी उपाधि प्राप्त है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि कोलकाता को महलों का शहर क्यों कहा जाता है और यहां कौन-कौन से प्रमुख महल है।

ब्रिटिश वास्तुकला और औपनिवेशिक विरासत:

Kolkata architecture

कोलकाता, जो पहले कलकत्ता के नाम से जाना जाता था, ब्रिटिश भारत की राजधानी थी। ब्रिटिश शासन के दौरान, शहर में कई भव्य और विशाल इमारतें बनाई गईं, जिन्हें महलों की तरह डिजाइन किया गया था। इनमें से कई इमारतें आज भी खड़ी हैं और शहर की पहचान हैं।

प्रमुख इमारतें:

  • विक्टोरिया मेमोरियल: विक्टोरिया मेमोरियलसंगमरमर की इमारत ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया के सम्मान में बनाई गई थी। इसका वास्तुशिल्प अद्भुत है और यह एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी है।
  • राइटर्स बिल्डिंग: यह इमारत ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के लेखकों के कार्यालय के रूप में काम करती थी और इसका डिजाइन ग्रीक और रोमन स्थापत्य शैली से मेल खाता है।
  • मार्बल पैलेस: राजा राजेंद्र मलिक द्वारा 19वीं सदी में निर्मित यह पैलेस अपनी संगमरमर की वास्तुकला और अति सुंदर आंतरिक सजावट के लिए पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।

राजा-रजवाड़ों के महल:

Kolkata history

ब्रिटिश युग से पहले और उसके दौरान, कोलकाता कई भारतीय राजा-रजवाड़ों का भी निवास स्थान था। इन राजाओं ने अपने रहने के लिए महल और हवेलियों का निर्माण किया, जिनमें से कई महल आज भी मौजूद हैं।

उदाहरण:

राजा नबकृष्ण देव का राजभवन, यह भव्य महल बंगाली राजाओं के शाही जीवन शैली का प्रतीक है।

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सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र:

कोलकाता हमेशा से एक प्रमुख सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र रहा है। यहाँ की समृद्धि और सांस्कृतिक संपन्नता ने कई धनी व्यवसायियों और अभिजात वर्ग (Aristocrat class) को आकर्षित किया, जिन्होंने अपने निवास स्थान के रूप में महलों की तरह भव्य घरों का निर्माण किया।

विविधता और वास्तुकला:

Kolkata tourism,

कोलकाता के महलों की वास्तुकला में यूरोपीय, मुगल और बंगाली शैलियों का मिश्रण है। यह विविधता और शानदार निर्माण कार्य इसे "महलों का शहर" उपनाम प्रदान करते हैं।

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साहित्यिक और सांस्कृतिक महत्व:

  • कोलकाता भारतीय साहित्य और कला का केंद्र रहा है। यहाँ के कई साहित्यकारों, कवियों और कलाकारों ने अपने निवास को महलों की तरह सजाया और इसे साहित्य और कला के प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल बनाया।
  • इन सभी कारणों से कोलकाता को "महलों का शहर" कहा जाता है। शहर की वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर इसे इस उपाधि के योग्य बनाते हैं।

 

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Image Credit: Freepik, Wikimedia, kolkata tourism

 

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