पूजा में आखिर क्यों नहीं होता भैंस के दूध का इस्तेमाल?

पूजा-पाठ से लेकर हवन-अनुष्ठान तक गाय का दूध प्रयोग में लाया जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि आखिर कोण भैंस का दूध पूजा में वर्जित है।
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पूजा में दूध का इस्तेमाल किया जाता है। हवन-अनुष्ठान के दौरान तो विशेष रूप से दूध प्रयोग में लाया जाता है। वहीं, शिवलिंग के अभिषेक में भी दूध का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी एक बात पर गौर किया है। हम चाहे खुद दूध लाएं या फिर किसी हवन के दौरान पंडित जी से मंगवाएं, पूजा में गाय का ही दूध लाया जाता है। कभी भी आपने नहीं सुना होगा कि पूजा में भैंस के दूध का इस्तेमाल किया जा रहा हो। आइये जानते हैंज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि आखिर क्यों पूजा में भैंस के दूध का प्रयोग वर्जित है।

पूजा में क्यों नहीं किया जाता भैंस के दूध का प्रयोग?

puja mein bhens ke doodh ko kyu nahi rakha jata hai

पूजा में भैंस के दूध के वर्जित होने और गाय के दूध के ही इस्तेमाल के पीछे तीन कारण हैं जिनका उल्लेख धर्म शास्त्रों में मिलता है। पहला कारण यह है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है। ऐसे में अगर पूजा में गाय के दूध का इस्तेमाल किया जाता है तो यह इस बात का प्रतीक है कि पूजा के दौरान सभी देवी-देवताओं का वास उस समय उस पूजा में मौजूद है और उनकी कृपा भी व्यक्ति को प्राप्त हो रही है।

दूसरा कारण यह है कि भैंस का संबंध यमराज से माना गया है। यूं तो यमराज का वाहन भैंसा है लेकिन भैंसे का भी जन्म एक भैंस के माध्यम से ही होता है। ऐसे में भैंस के दूध का इस्तेमाल पूजा में करने का अर्थ है साक्षात यमराज का आवाहन करना जो कि किसी भी धार्मिक कार्य के दौरान शास्त्रों में सख्त रूप से माना किया गया है। भैंस के दूध का पूजा में प्रयोग करने से यमराज की दृष्टि व्यक्ति और उसके परिवार पर पड़ जाती है।

puja mein bhens ke doodh ki kyu manahi hai

तीसरा कारण यह है कि भैंस के दूध को जल समान और गाय के दूध को अमृत समान शास्त्रों में बताया गया है। गाय के दूध का इस्तेमाल करने से जहां एक ओर पूजा में कोई दोष उत्पन्न नहीं होता है तो वहीं, भैंस के दूध को पूजा में प्रयोग करने से ग्रह शांत हो जाते हैं और ग्रहों का दुष्प्रभाव व्यक्ति के जीवन में दिखने लगता है। करियर से लेकर स्वास्थ्य तक हर एक क्षेत्र में व्यक्ति को कष्ट सहन पड़ जाते हैं और संकट घेर लेते हैं।

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image credit: herzindagi

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