मोबाइल फोन्स का आविष्कार जब से हुआ है तब से हमारी जिंदगी बहुत ज्यादा बदल गई है। जब तक लैंडलाइन फोन्स हमारी जिंदगी का हिस्सा थे तब तक हम बाहर घूमने जाने से लेकर परिवार के साथ ज्यादा समय बिताने तक बहुत कुछ किया करते थे, लेकिन अब मोबाइल फोन्स हमारे लिए ज्यादा जरूरी साबित हो रहे हैं। मोबाइल फोन्स की बात करें तो इन्होंने कम्युनिकेशन के मामले में एकदम क्रांति ला दी है। वैसे तो मोबाइल के आने से एक बात और हुई है कि हम अपने खुद के नंबर के अलावा और किसी का मोबाइल नंबर ही याद नहीं रख पाते।
एक दो को छोड़कर सभी नंबर हमारे फोन की मेमोरी में सेव रहते हैं। एक तरह से देखा जाए तो अब जब मोबाइल नंबर याद रखने की स्थिति नहीं है तो हम उनपर शायद ध्यान भी नहीं देते हैं। मोबाइल नंबर 10 डिजिट के होते हैं और भारतीय कंट्री कोड +91 से शुरू होता है। पर क्या कभी आपने ये सोचने की कोशिश की है कि कोई भी मोबाइल नंबर कभी 0, 1, 2, 3, 4 या 5 से क्यों नहीं शुरू होता है?
अरे, अब ध्यान आया कि मैं किस बारे में बात कर रही हूं? वाकई भारत में मौजूद कोई भी मोबाइल नंबर इन डिजिट्स से शुरू नहीं होता है और उनकी शुरुआत बस 9, 8, 7 या 6 से ही होती है।
इसे जरूर पढ़ें- भूलकर भी इन जगहों पर न रखें अपना स्मार्टफोन
इसके पीछे का एक लॉजिक है जिसके बारे में अधिकतर लोग जानते ही नहीं हैं।
क्या आपने कभी किसी इमरजेंसी नंबर को देखा है? सरकारी सुविधाओं के या इमरजेंसी से जुड़े नंबर हमेशा 1 से ही शुरू होते हैं। कोई भी टोल फ्री नंबर 1800 से शुरू होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इसके बारे में याद रहे और लोग ये समझ पाएं कि ये इमरजेंसी नंबर है। यही कारण है कि किसी भी मोबाइल नंबर की शुरुआत 1 से नहीं होती है।
अब बारी आती है 2, 3, 4 और 5 की जो हमेशा लैंडलाइन से जुड़े रहते हैं। लैंडलाइन नंबर अलग-अलग राज्यों और जोन्स से होते हैं और इसलिए कम से कम 4 अंक उनके लिए रिजर्व रखे जाते हैं। यही कारण है कि कोई भी मोबाइल नंबर उससे जुड़ा नहीं हो सकता और इन नंबरों को अलग ही रखा जाता है। इन नंबरों के आगे स्टेट और एसटीडी कोड लगता है।
इसे जरूर पढ़ें- अपने स्मार्टफोन की लाइफ बढ़ाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स
जहां तक 0 की बात है तो अगर आपको याद हो तो इसे हमेशा STD कोड के तौर पर यूज किया जाता है। ये लैंडलाइन नंबरों के साथ इस्तेमाल होता है और इसलिए हमेशा इसे मोबाइल नंबर से अलग रखा जाता है। हालांकि, कई लोग मोबाइल नंबर के आगे 0 भी लगाते हैं, लेकिन उसकी जरूरत नहीं होती।
अगर हम सारे डिजिट्स को मोबाइल नबंर में इस्तेमाल करने लगेंगे तो ये बहुत मुश्किल होगा कि हम किसी एक नंबर को पहचान पाएं। इसलिए ये जरूरी है कि उन्हें अलग रखा जाए। आपको कितने नंबर याद हैं? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
अगर ये स्टोरी आपको अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य नॉलेज से जुड़ी स्टोरीज पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।