अगर आप किसी ऐसी स्थिति में फंस गई हैं जब चलती ट्रेन में आपके साथ कोई छेड़खानी कर रहा है तो आप बिना देरी करें इंडियन रेलवे की वुमेन सेफ्टी से जुड़े टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकती हैं। यह टोल फ्री नंबर है 182। इस हेल्पलाइन को और भी ज्यादा मददगार बनाने के लिए इंडियन रेलवे इस टोल फ्री नंबर को वेटिंग की समस्या निजात दिलाना चाहती है।
इस हेल्पलाइन से सुरक्षा की मांग की शिकायत दर्ज कर कार्रवाई का फीडबैक भी दिया जाएगा। 182 टोल फ्री नंबर पर कॉल करते ही वेटिंग की समस्या से भी निजात मिलेगी। यानी जियो फेंसिंग सिस्टम पर आधारित हेल्पलाइन तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने में मददगार होगी।
चलती ट्रेन में महिलाओं के साथ किसी तरह की अप्रिय घटना की स्थिति में महिला 182 नंबर पर फोन कर सुरक्षा मांग सकती हैं। अब इस सुविधा को और बेहतर करने के लिए कंट्रोल सेंटर पर फोन कनेक्शन की संख्या बढ़ा दी जाएगी। फिलहाल 4 लाइन होने के कारण कॉल वेटिंग में चला जाता है लिहाजा अब इसे 4 से बढ़ाकर 8 किया जाएगा।
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इसका फायदा यह होगा कि फोन की घंटी बजते ही कंट्रोल सेंटर में तैनात कर्मी शिकायत दर्ज कर सकेंगे। इसके अलावा महिला हेल्पलाइन नंबर पर फोन करते ही शिकायतकर्ता के मोबाइल पर मामला दर्ज करने का मैसेज भेज दिया जाएगा। इससे शिकायतकर्ता को भरोसा हो जाएगा कि चलती ट्रेन में उन्हें जल्द ही सुरक्षा मिलने वाली है। जियो फेंसिंग सिस्टम आधारित कंट्रोल सेंटर सभी 68 रेल मंडलों में स्थापित किए गए हैं। दिल्ली और हावड़ा रेल मंडल में दो-दो कंट्रोल सेंटर स्थापित किए गए हैं। इसका फायदा यह होगा कि जिस रेल मंडल में शिकायत मिलेगी वहां के सुरक्षाकर्मी तुरंत महिला तक सुरक्षा पहुंचा पाएंगे।
साल 2015 से 2016 में कुल 6526 शिकायतें रेलवे को मिली थीं। साल 2016 से 2017 में कुल 11400 शिकायतें रेलवे को मिली थीं और साल 2017 से 2018 में कुल 1607 शिकायतें रेलवे को मिली थीं।
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