आखिर क्यों हावड़ा पुल रात 12 बजे हो जाता है बंद? नहीं चलती कोई ट्रेन

यह ब्रिज न सिर्फ अपनी खूबसूरती को प्रस्तुत करता है बल्कि लोगों के बीच मुख्य आकर्षण का केंद्र भी है जिसे देखने विदेशों तक से पर्यटक आते हैं। पर क्या आपको इसके 12 बजे बंद होने का कारण मालूम है? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं। 

 
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कोलकाता ऐसा शहर है जहां की खूबसूरती हर किसी को पसंद आती है। मैं मान ही नहीं सकती कोई यह कह दे कि उसे कोलकाता शहर पसंद नहीं है। क्या आप कभी कोलकाता गए हैं? अगर नहीं गए तो एक बार जरूर घूमने जाएं क्योंकि कोलकाता घूमने के लिए आपको बहुत मजा आने वाला है। अगर आप कोलकाता घूम चुके हैं, तो यकीनन आते-जाते आपने हावड़ा पुल जरूर देखा होगा।

यह ब्रिज न सिर्फ अपनी खूबसूरती को प्रस्तुत करता है बल्कि लोगों के बीच मुख्य आकर्षण का केंद्र भी है जिसे देखने विदेशों तक से पर्यटक आते हैं। पर क्या आपको मालूम है कि यह पुल ठीक रात के 12 बजे बंद कर दिया जाता है? लेकिन ब्रिज को रात 12 बजे ही क्यों किया जाता है? अगर नहीं, तो आइए इस लेख में जानने की कोशिश करते हैं।

12 बजे बंद होने का रहस्य

Kolkata bridge in hindi

हावड़ा ब्रिज को 12 बजे कुछ देर के लिए बंद कर दिया जाता है क्योंकि स्थानीय लोगों का मानना है कि इस वक्त ब्रिज का गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। अब सवाल यह है कि आखिर इस ब्रिज को 12 बजे ही क्यों बंद किया जाता है? क्या सच में 12 बजे पुल का गिरने का खतरा अधिक रहता है?

अंग्रेजों द्वारा बनाया गया यह पुल वास्तुकला का प्रमुख नमूना है। इसको लेकर कई कहानियां प्रसिद्ध हैं। कहा जाता है कि 12 बजे कुछ देर के लिए पुल के ऊपर ट्रेन, कार और नीचे नाव पर रोक लगा दी जाती है। अंग्रेजों की थ्योरी के अनुसार हावड़ा ब्रिज को सिर्फ दो खंभे पर खड़ा किया गया है। वजन अधिक होने के कारण अक्सर पुल का गिरने का खतरा अधिक रहता है।

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हावड़ा ब्रिज के इंजीनियर्स ने इस पुल के बन जाने के बाद कहा था कि ये पोल अगर कभी गिरता है तो 12 बजे ही गिरेगा। (सबसे बड़े और लंबे पुलों की तस्वीरें)

यह फैक्ट भी है प्रचालित

howrah bridge facts

कहा जाता है कि हावड़ा पुल एक कैंटिलीवर पुल है, जो पश्चिम बंगाल में हुगली नदी पर फैला हुआ है। यह एक ब्रैकट ब्रिज एक कैंटिलीवर का उपयोग करके बनाया गया है। इसकी संरचनाएं क्षैतिज रूप से अंतरिक्ष में प्रोजेक्ट करती हैं। इस ब्रिज की संरचना दूर से दिखने में गणितीय संरचना को प्रस्तुत करती है।

इसकी खासियत यह है कि यह ब्रिज 280 फीट ऊंचे दो पिलरों पर टिका हुआ है। इन दोनों पिलरों के बीच की दूरी डेढ़ हजार फीट है।

ब्रिज पर चलते हैं लाखों यात्री

Howrah bridge facts and history in hindi

आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन इस पुल से हर रोज लगभग 1 लाख वाहन एवं लगभग डेढ़ लाख पैदल यात्री हुगली नदी को पार करते हैं। पुल का उपयोग करने वाला पहला वाहन ट्राम था। इसके निर्माण के समय, यह तीसरा सबसे लंबा कैंटिलीवर पुल था। अब यह दुनिया में अपने प्रकार का आठवां सबसे लंबे पुल में से एक है।

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इस पुल का यह मिथक पूरे विश्व में काफी प्रचलित है। अगर आपको यकीन नहीं होता, तो एक बार कोलकाता जाकर खुद एक्सपीरियंस ले सकते हैं।

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