आपने अक्सर यह देखा होगा कि परिवार के सदस्यों की अंतिम यात्रा में पुरुष तो जाते हैं लेकिन महिलाओं का श्मशान घाट तक जाना वर्जित होता है। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में 16 संस्कार होते हैं जिसमें व्यक्ति की मृत्यु के होने के बाद अंतिम संस्कार यानी 16वें संस्कार की क्रिया जाती है।
हिन्दुओं में मृत्यु के पश्चात अंतिम यात्रा निकाली जाती है। इसके बाद दाह संस्कार किया जाता है। मृत व्यक्ति की शव यात्रा और अंतिम संस्कार में परिवार के सभी पुरुष शामिल होते हैं। लेकिन हिन्दू रिवाज के अनुसार औरतों को श्मशान घाट तक जाना सख्त मना होता है।
बहुत कम लोग ही जानते है कि औरतों को अंतिम संस्कार में क्यों शामिल नहीं किया जाता है। ऐसा क्यों होता है इसके पीछे भी कुछ कारण और मान्यताएं हैं वो इस लेख में हम आपको बताएंगे।
1) बुरी प्रेत आत्माएं करती हैं श्मशान घाट में वास
श्मशान घाट एक ऐसी जगह होती है जहां पर सैकड़ों मृतकों के शव जलाये जाते हैं। यह जरुरी नहीं है कि सभी की आत्माओं को शांति मिल जाए इसलिए कुछ आत्माएं वहीं पर घूमती रहती है। ये आत्माएं जीवित प्राणियों के शरीर पर कब्जा करने का हमेशा अवसर ढूंढती रहती हैं।
आपको बता दें ऐसे में लड़कियों और महिलाओं के शरीर में इन आत्माओं के प्रवेश होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती हैं। इस वजह से भी महिलाओं को श्मशान घाट नहीं ले जाया जाता है।
2)मृत शरीर अकड़ने लगता है
जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो घर में शौक का माहौल होता है। इसके अलावा जब उस मृतक के शरीर को श्मशान ले जाते है तो वह समय बहुत ही पीड़ादायक होता है। आपको बता दें कि जब चिता जलाई जाती है तो उस मृत शरीर में से हड्डियों के अकड़ने की आवाज आती है जिसे सुनकर महिलाएं और बच्चें भी डर सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि महिलाएं पुरूषों के मुकाबले कम कठोर मन की होती हैं। शमशान घाट में औरत के रोने से मरे हुए व्यक्ति की आत्मा को शांति नहीं मिलती है। इस वजह से भी महिलाओं को श्मशान घाट नहीं ले जाया जाता है।
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3) गंजा होने का रिवाज
वैसे तो हर धर्म की अपनी संस्कृति और मान्यताएं है। आपको बता दें कि हिन्दू रिवाज के हिसाब से जो व्यक्ति अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट जाता है उस व्यक्ति को गंजा होना पड़ता है।
ऐसा कहा जाता है कि औरतों को या लड़कियों को गंजापन नहीं कराना चाहिए। इसलिए एक यह भी वजह है कि औरतों को अंतिम संस्कार में नहीं ले जाया जा सकता।
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4) नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश
ऐसा माना जाता है कि शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के बाद घर में नकारात्मक शक्तियों का वास हो जाता है इसलिए घर को खाली नहीं छोड़ा जाता है। साथ ही अंतिम संस्कार के बाद पुरषों का घर में प्रवेश स्नान के बाद ही होता है उससे पहले घर को शुद्धिकरण करने के लिए महिलाएं को घर पर ही रहना पड़ता है।
तो यह थी वह मान्यताएं जिनकी वजह से महिलाओं का श्मशान घाट जाना वर्जित होता है।
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Image Credit- shutterstock
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