हिंदू धर्म में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा के साथ कई पेड़-पौधों की भी पूजा की जाती है। दरअसल भारतीय संस्कृति में ऐसी कई परंपराएं हैं जो सदियों से चली आ रही हैं। ऐसी ही परम्पराओं में से एक है पवित्र पौधों की विधि-विधान के साथ पूजा करना।
जब पौधों की पूजा की बात करते हैं तब सबसे ज्यादा प्रमुख है तुलसी की पूजा। तुलसी को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है और कई ऐसी पूजन हैं जो इसकी पत्तियों के बिना अधूरे माने जाते हैं।
हम सभी तुलसी का पूजन श्रद्धा से करते हैं लेकिन शायद इस बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होगी कि इस पौधे का पूजन क्यों किया जाता है और इसके लाभ क्या हैं। आइए आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इससे जुड़ी कुछ बातों के बारे में।
पुराणों में तुलसी को पवित्र पौधा बताया गया है और इसकी पूजा हम भगवान विष्णु से जुड़े होने की वजह से करते हैं जिसकी पूजा हम भगवान विष्णु से जुड़े होने की वजह से करते हैं। मान्यता है कि जब हम भगवान विष्णु को कुछ भी भोग अर्पित करते हैं तब तुलसी की पत्तियां जरूर उस भोग में शामिल करनी चाहिए अन्यथा उन्हें भोग स्वीकार्य नहीं होता है। संस्कृत में तुलसी शब्द का अर्थ है 'अतुलनीय'। इसके कई औषधीय उपयोग और स्वास्थ्य लाभ भी हैं। तुलसी की हिंदू धर्म में पूजा की कहानी बड़ी ही रोचक है।
तुलसी की कहानी के अनुसार एक समय की बात है, जालंधर नाम का एक असुर था, जो बहुत शक्तिशाली था। उसे अपनी शक्तियों के अलावा अपनी पत्नी वृंदा का भी संरक्षण प्राप्त था, जो बहुत ही गुणी थी।
वह भगवान विष्णु की बहुत बड़ी भक्त भी थीं। एक बार देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हुआ, लेकिन देवता इसे जीतने में असमर्थ थे क्योंकि वृंदा की आध्यात्मिक शक्तियां जालंधर की रक्षा कर रही थीं। उसे मारने के लिए उसकी पवित्रता भंग करना आवश्यक था। इसलिए, भगवान विष्णु जालंधर के रूप में वृंदा के पास पहुंचे, अपने पति के रूप में भगवान विष्णु को वृंदा नहीं पहचान पाईं और देवतागण जालंधर को मारने में समर्थ हो गए।
इसे जरूर पढ़ें: Tulsi Vastu Tips: वास्तु के अनुसार घर में कौन सी तुलसी लगाना है ज्यादा शुभ?
जालंधर के वध के बाद भगवान विष्णु अपने वास्तविक रूप में आए और वृंदा को एहसास हुआ कि उनके पति के रूप में स्वयं भगवान विष्णु थे। उसे यह भी पता चला कि उसका पति जालंधर अब जीवित नहीं रहा।
इससे वह क्रोधित हो गईं और उन्होंने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि वह पत्थर के बन जाएंगे। उसने उसके श्राप को पूरे दिल से स्वीकार किया और उसे अपने पति के पिछले जीवन की वास्तविक कहानी बताई और बताया कि उसे उसे क्यों मारना पड़ा। बाद में वृंदा ने अपने इष्टदेव को श्राप देने के लिए पश्चाताप किया और उनसे क्षमा मांगी। लेकिन चूंकि वह अपने पति के बिना नहीं रह सकती थीं, इसलिए वृंदा ने अपना शरीर त्यागने का निर्णय लिया।
वृंदा की भक्ति से प्रसन्न होकर, भगवान विष्णु ने उसे वरदान दिया कि उसकी राख से तुलसी का पौधापैदा होगा और पौधे का विवाह शालिग्राम से होगा, जो स्वयं भगवान विष्णु हैं। उसने उससे यह भी कहा कि वह तुलसी के पत्तों के बिना कोई भी प्रसाद स्वीकार नहीं करेंगे। इसलिए हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा होती है और कार्तिक महीने में तुलसी के पौधे का शालिग्राम के साथ विवाह होता है।
इसे जरूर पढ़ें: Tulsi Vastu Tips: तुलसी का पौधा घर में इस दिन लगाएं, खुल जाएंगे किस्मत के दरवाजे
मान्यता है कि माता लक्ष्मी भी तुलसी के पौधे से जुड़ी हुई हैं और ऐसा कहा जाता है कि जो लोग समृद्ध और शांतिपूर्ण जीवन चाहते हैं उनके लिए यह पौधा घर में नितांत आवश्यक है। जिस घर में तुलसी का पौधा लगा होता है वहां सदैव लक्ष्मी का वास रहता है और धन का आगमन होता है।
प्राचीन शास्त्रों में, तुलसी को स्वर्ग और पृथ्वी के बीच का प्रवेश द्वार माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि तुलसी की निचली शाखाओं में और इसके तने में अन्य सभी देवी-देवताओं और सभी हिंदू तीर्थों का वास होता है। तुलसी के पौधे के हर एक हिस्से को पूजनीय बताया गया है और इसलिए शास्त्रों में इसकी पूजा का विधान बताया गया है। तुलसी हिंदू धर्म में सबसे पवित्र पौधा है।
पौराणिक कथाओं और शास्त्रों में लिखी मान्यताओं की वजह से ही तुलसी को हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र पौधे के रूप में पूजा जाने लगा और इसकी पवित्रता से सभी नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit: Freepik.com, Unsplash.com
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।