Mahabharat Katha: अपने ही भाई युधिष्ठिर के खून का क्यों प्यासा हो गया था अर्जुन

आज हम आपको महाभारत का वो किस्सा बताने जा रहे हैं जब अर्जुन ने अपने ही भाई युधिष्ठिर को मारने की कोशिश की थी।  

arjuna in mahabharat

Mahabharat Katha: महाभारत ग्रंथ में कई ऐसे दिलचस्प पात्र और किस्से हैं जो अभी भी रहस्य की परत लपेटे हुए हैं। इन्हीं में से एक किस्सा है अर्जुन और युधिष्ठिर का। महाभारत काल में एक समय ऐसा भी आया था जब अर्जुन ने अपने ही भाई युधिष्ठिर को मारने की कोशिश की थी।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें इस किस्से के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह युद्ध इतना भयंकर था कि श्री कृष्ण को हस्तक्षेप करना पड़ा था। अगर श्री कृष्ण नहीं होते तो अर्जुन युधिष्ठिर को मार ही डालते। आइये जानते हैं इस रोचक किस्से के बारे में।

कर्ण ने युधिष्ठिर को किया था घायल

yudhishthira in mahabharat

महाभारत युद्ध के दौरान जब कर्ण ने सेनापति की कमान संभाली थी तब उनका पहला लक्ष्य अर्जुन (अर्जुन के किन्नर बनने की कहानी) ही थे। लकिन बीच में युधिष्ठिर आ गए और कर्ण को उनसे युद्ध करना पड़ा। कर्ण ने युधिष्ठिर को बुरी तरह घायल कर दिया। घायल युधिष्ठिर वापस अपने शिविर में चले। जब अर्जुन को यह बात पता चली तो अर्जुन अपने भाई युधिष्ठिर से मिलने पहुंचे।

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युधिष्ठिर को आया क्रोध

जब अर्जुन और श्री कृष्ण युधिष्ठिर से मिलने गए तो युधिष्ठिर को लगा कि अर्जुन उनके पामान का बदला लेकर उन्हें कर्ण की हार की सूचना देने आए हैं। लेकिन जब युधिष्ठिर को पता चला कि अर्जुन तो मात्र उनके घायल होने की बात सुन उनसे मिलने आए हैं तब युधिष्ठिर क्रोधित हो उठे। गुस्से में युधिष्ठिर ने अर्जुन को अपने शस्त्र किसी को दान में देने की बात कह डाली।

arjuna and yudhishthir in mahabharat

अर्जुन की भीषण प्रतिज्ञा

यही बात सुन अर्जुन ने तलवार से युधिष्ठिर पर वार कर दिया। तब श्री कृष्ण (अट्रैक्टिव पर्सनैलिटी के लिए कृष्ण मंत्र) ने अर्जुन को रोकते हुए उनसे ऐसे व्यवहार का कारण पूछा। अर्जुन ने बताया कि उन्होंने प्रतिज्ञा ली थी कि जब भी कोई उन्हें उनके शस्त्र किसी और को देने को कहेगा तो वह उस व्यक्ति का सिर धड़ से अलग कर देंगे। इसी कारण से युधिष्ठिर के ऐसा बोलते ही अर्जुन ने अपने ही भाई पर तलवार तान दी।

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श्री कृष्ण ने बचाई जान

arjun in mahabharat

तब श्री कृष्ण ने अर्जुन को रोकते हुए इसका तोड़ बताया। श्री कृष्ण ने कहा कि अगर अर्जुन युधिष्ठिर का अपमान कर दें तो यह उनकी हत्या करने के बराबर ही होगा क्योंकि किसी सम्मानित व्यक्ति के लिए उसका आदर ही सब कुछ होता है। तब अर्जुन ने ऐसा ही किया और युधिष्ठिर को अर्जुन के हाथों से मरने से बचा लिया।

तो ये थी अर्जुन के युधिष्ठिर को मारने की कोशिश के पीछे की वजह। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Pinterest, Wikipedia

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