Mahabharat Katha: श्री कृष्ण के हाथों मरकर कैसे बना भीम का पोता भगवान? जानें महाभारत से जुड़ा रोचक किस्सा

आज हम आपको महाभारत के एक ऐसे किरदार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने श्री कृष्ण के हाथों मरकर भगवान होने का स्थान प्राप्त किया था।  

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Mahabharat Katha: महाभारत कथा से जुड़े ऐसे कई किरदार हैं जिनके बारे में किसी को भी ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्हीं किरदारों में से एक है भीम का पोता। हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आज हम आपको भीम के पोते से जुड़ी बड़ी ही रोचक कथा बताने जा रहे हैं। माना जाता है कि भीम के पोते का वध श्री कृष्ण ने किया था और श्री कृष्ण के हाथों मरने के बाद उन्हें भगवान का स्थान प्राप्त हो गया। तो चलिए जानते हैं इस दिलचस्प किस्से के बारे में।

  • महाभारत युद्ध में एक बेहद शक्तिशाली योद्धा का वर्णन मिलता है जिसका नाम है बर्बरीक। बर्बरीक भीम पुत्र घटोत्कच की संतान थे। बर्बरीक को तीन बाणों का वरदान प्राप्त था। इन तीनों बाणों से वो तीनों लोक पर अपना आधिपत्य स्थापित कर सकते थे। बर्बरीक की मां ने उन्हें यह सिखाया था कि हमेशा कमजोर और हारने वाले की ओर से युद्ध करें।
  • श्री कृष्ण (श्री कृष्ण के नहीं हुए थे सोलह हजार विवाह) जानते थे कि यदि बर्बरीक ने युद्ध में हिस्सा लिया तो भले ही पांडव जीत जाएं लेकिन बाद में कौरवों को हारता देख बर्बरीक अपनी मां की सीख के अनुसार पांडवों की सेना को भी नहीं छोड़ेंगे। इसी कारण से जब बर्बरीक युद्ध में हिस्सा लेने के लिए पांडवों से भेंट करने हेतु आने लगे तब रास्ते में श्री कृष्ण ने उन्हें रोक दिया।
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  • श्री कृष्ण ने ब्राह्मण वेश धर बर्बरीक को चुनौती दी और अपने शक्ति प्रदर्शन को दिखाने के लिए मजबूर कर दिया। श्री कृष्ण ने बर्बरीक को एक ही बाण से पीपल के पेड़ के सभी पत्तों में छेद करने को कहा और इसी बीच उन्होंने एक पत्ता अपने पैर के नीचे दबा लिया। जब बर्बरीक ने बाण चलाया तो सभी पत्तों में छेद था और आश्चर्य यह था कि श्री कृष्ण के पैर के नीचे दबे पत्ते में भी छेद हो गया था जो पेड़ से जुड़ा भी नहीं था।
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  • श्री कृष्ण ने बर्बरीक की शक्ति का अनुमान लगाते हुए उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन बर्बरीक थे जिन्होंने युद्ध में भाग लेने का निर्णय ले लिया था। तब श्री कृष्ण ने ब्राह्मण होने का वास्ता देकर दान में बर्बरीक से उनका सिर मांग लिया। बर्बरीक ने भी बिना देर किये श्री कृष्ण को दान में अपना सिर काटकर दे दिया और तब श्री कृष्ण ने बर्बरीक के कटे सिर को महाभारत (महाभारत में अर्जुन क्यों बने थे स्त्री) युद्ध पूरा देखने और कलयुग में खाटू श्याम के रूप में पूजे जाने का वरदान दिया।
  • जी हां, जिन खाटू श्याम के दरबार में करोड़ों की भीड़ उमड़ती है, जिनके द्वार से आजतक कोई खाली नहीं गया वही खाटू श्याम जी भीम के पोते बर्बरीक हैं।

तो ये थी श्री कृष्ण द्वारा भीम के पोते की वध और उनके भगवान बनने की कथा। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Pinterest, Herzindagi

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