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How did Lakshman kill Meghnad

क्यों लक्ष्मण ही कर सकते थे मेघनाद का वध?

अक्सर मन में ये सवाल आता है कि मेघनाथ से क्यों श्री राम ने युद्ध नहीं लड़ा था, क्यों लक्ष्मण से ही युद्ध लड़ना चाहता था मेघनाथ और क्यों सिर्फ लक्ष्मण के हाथों ही हो सकता था मेघनाथ का वध। आइये जानते हैं इन सवालों के जवाब। 
Editorial
Updated:- 2024-11-01, 08:00 IST

त्रेता युग में श्री राम और रावण के बीच हुए युद्ध के बारे में रामायण में विस्तार से बताया गया है। ऐसी कई घटनाएं इस युद्ध के दौरान हुई थीं जो बेहद रोचक और रहस्यमयी मानी गईं। ठीक ऐसे ही एक घटना थी लक्ष्मण और रावण के सबसे बड़े पुत्र मेघनाथ के युद्ध से जुड़ी। अक्सर मन में ये सवाल आता है कि मेघनाथ से क्यों श्री राम ने युद्ध नहीं लड़ा था, क्यों लक्ष्मण से ही युद्ध लड़ना चाहता था मेघनाथ और क्यों सिर्फ लक्ष्मण के हाथों ही हो सकता था मेघनाथ का वध। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इन सवालों के जवाब।

क्यों सिर्फ लक्ष्मण ही मेघनाथ को मार सकते थे?

kyu sirf lakshman hi kar sakte the meghnath ka vadh

रामायण के अनुसार, मेघनाथ ने 14 महा यज्ञ किये थे ताकि ब्रह्म देव को प्रसन्न कर सके। मेघनाथ के इन 14 महा यज्ञों से ब्रह्म देव प्रसन्न हुए भी और उसे दर्शन भी दिए। जब ब्रह्म देव ने मेघनाथ से वरदान मांगने को कहा तब मेघनाथ ने ब्रह्मा जी से 2 वरदान मांगें।

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मेघनाथ का पहला वरदान यह था कि उसने 14 महा यज्ञ किये हैं ऐसे में उसकी मृत्यु उसी व्यक्ति के हाथों से होगी जिसने 14 वर्षों तक निद्रा न ली हो यानी कि जो 14 सालों से सोया न हो। इसके अलावा, मेघनाथ का दूसरा वरदान था देवी निकुंभला से जुड़ा हुआ।

मेघनाथ ने अपने दूसरे वरदान में यह मांगा था कि जब भी मेघनाथ को जरूरत होगी वह देवी निकुंभला का यज्ञ कर विजय रथ प्राप्त करेगा और जब तक वह उस रथ पर होगा कोई भी मेघनाथ को न तो हरा पाएगा और न ही युद्ध के दौरान मृत्यु दे पाएगा।

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मेघनाथ के इन दोनों वरदान के अंतर्गत लक्ष्मण आते थे। भाई राम को वनवास मिलने के बाद लक्ष्मण ने श्री राम का साथ चुना और जब तक श्री राम एवं माता सीता की सेवा में रहे तब तक वह 14 वर्षों तक सोए नहीं थे। लक्ष्मण ने पलक तक नहीं झपकाई थी।

lakshman hi kyu maar sakte the meghnath ko

वहीं, जब लक्ष्मण को पता चला कि युद्ध से पहले मेघनाथ देवी निकुंभला का यज्ञ करने वाला है विजय रथ की प्राप्ति के लिए तब लक्ष्मण जी ने हनुमान जी और वानर सेना की एक टुकड़ी को भेज कर वह यज्ञ खंडित करा दिया था। इसी वजह से लक्ष्मण के हाथों ही मेघनाथ मारा गया।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर क्यों सिर्फ लक्ष्मण के हाथों से हो सकता था मेघनाथ का वध।

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