Burning Of Bamboo: हिन्दू धर्म में बांस का अत्यधिक महत्व है। पूजा पाठ में बांस का इस्तेमाल किया जाता है। बांस की लकड़ी को पवित्र माना जाता है। वहीं, वास्तु और विज्ञान के अनुसार भी बांस की लकड़ी अनेकों प्रकार से फायदेमंद होती है। आपने कई बार सुना होगा कि बांस की लकड़ी को जलाना अशुभ माना जाता है। इसी कारण से हिन्दू धर्म में बांस की लकड़ी को जलाने की सख्त मनाही है लेकिन बांस न जलाने का कारण सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वास्तु शास्त्र के अंतर्गत और वैज्ञानिक धारणाओं से भी युक्त है।
हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स से जब हमने इस बारे में पूछा तो उन्होंने हमें बांस या उससे बनी लकड़ी न जलाने के पीछे के कई तर्कसंगत और हैरान कर देने वाले कारण बताए जो आज हम आपसे साझा करने जा रहे हैं। तो चलिए बिना देरी किए जानते हैं कि बांस न जलाने के बारे में क्या कहता है धर्म, वास्तु और साइंस।
बांस न जलाने के धार्मिक कारण (Not Burning Bamboo Religious Reason)
- बांस की लकड़ी को किसी भी हवन या पूजन में नहीं जलाया जाता।
- यहां तक कि जब शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है तो बांस की काठ पर शव को रखा जाता है लेकिन शव को जलाने से पूर्व बांस निकाल लिया जाता है और सिर्फ शव को ही मृत्यु शैय्या पर रखते हैं।
- बांस की लकड़ी जलाने से पितृ दोष (पितृ ऋण कम करने के उपाय) लगता है।
- बांस की लकड़ी जलाने से आर्थिक संकट घेर लेता है।
- भगवान श्री कृष्ण के पास बांसुरी थी जो बांस से बनी थी। इसलिए बांस को जलाना वर्जित माना गया है।
बांस न जलाने के वास्तु कारण (Not Burning Bamboo Vastu Reason)
- वास्तु शास्त्र में बांस को अत्यंत शुभ माना गया है।
- बांस या उससे बनने वाली लकड़ी घर की नकारात्मकता तो खत्म करने में कारगर मानी जाती है।
- बांस की लकड़ी में नेगेटिव एनर्जी (नेगेटिव एनर्जी को हटाने के उपाय) को बांधे रखने की क्षमता होती है।
- बांस के प्रभाव से वास्तु दोष नहीं लगता।
- जिस भी काम में बांस का प्रयोग किया जाता है वह काम सुचारू रूप से हो जाता है। इसी कारण से शादी, जनेऊ, मुण्डन आदि में बांस की पूजा और बांस का मंडप बांधने का रिवाज है।
- सिर्फ हिन्दू वास्तु शास्त्र में ही नहीं बल्कि फेंगशुई में भी बांस या बांस के पौधे को जलाना घर में अशांति, कलेश और अशुभता को बढ़ावा देने के समान है।
बांस न जलाने के वैज्ञानिक कारण (Not Burning Bamboo Scientific Reason)
- साइंस के अनुसार, बांस की लकड़ी में लेड और अन्य कई प्रकार की धातुएं होती हैं जो जलाने पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं।
- विज्ञान कहता है कि बांस जलाने से उत्पन्न ये विषाक्त धुआं व्यक्ति के अंदर न्यूरो और लिवर संबंधी परेशानियों को बढ़ाता है।
- इस जहरीले धुंए से व्यक्ति को अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी भी घेर लेती है।
तो ये थे बांस न जलाने के धार्मिक, वास्तु और वैज्ञानिक कारण। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Freepik, Pixabay
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