दिवाली को हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। दिवाली अपने साथ खूब सारी खुशियां, प्यार और रोशनी लेकर आता है। इस अवसर पर माता लक्ष्मी की पूजा होती है। मां लक्ष्मी की पूजा और स्वागत के लिए घर को दीयों से सजाया जाता है। इस साल दिवाली का त्योहार 31 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।
दिवाली को दीपों का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन घर के साथ-साथ मेन गेट से लेकर खिड़कियों और बालकनी में दीए जलाए जाते हैं। दीयों की रोशनी सभी प्रकार के अंधकार को दूर करने का प्रतीक है और यह ज्ञान, सुख-समृद्धि का संचार भी करता है।
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के समय एक बड़ा और अन्य छोटे दीए जलाए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है? अगर नहीं, तो आइए यहां जानते हैं कि आखिर एक बड़ा और अन्य छोटे दिए जलाने के पीछे का महत्व क्या है।
दिवाली पूजा में क्यों जलाया जाता है एक बड़ा दीपक?
दिवाली पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए दीपक जलाए जाते हैं। लेकिन एक बड़ा और अन्य छोटे दीपक जलाने के पीछे की वजह क्या है, इस बारे में हमें ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बताया है।
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ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, बड़ा दीपक हम जिन देवी-देवता की पूजा करते हैं, उनके निमित होता है। दिवाली पर विशेषकर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है, इसलिए बड़ा दीपक उन्हीं के निमित होता है। यह दीपक को जलाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है और इसे पूरी रात जलाकर रखा जाता है।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, दिवाली पर अनेक छोटे दिये जलाए जाते हैं। यह सभी छोटे दिये ग्रह, नक्षत्र, सप्तऋषि, गंधर्व और पितृों के प्रतीक होते हैं। छोटे दीपक जलाकर हम ग्रहों, नक्षत्रों समेत पितृों को प्रसन्न करते हैं, जिससे वह हमपर आशीर्वाद बनाएं और खुशियां बरसाएं।
छोटे दीपक जलाने के नियम
- दिवाली पर छोटे दीपक जलाते समय कुछ बातों का विशेषतौर पर ध्यान रखने की जरूरत होती है।
- दिवाली पर सबसे पहले मंदिर में ही दीपक जलाएं।
- सरसों के तेल या घी का दीपक जलाना ही शुभ माना जाता है। इसी के साथ दीपक रखते समय दिशा का खास ध्यान रखना चाहिए।
- लक्ष्मी पूजा पर छोटे दीपक जलाते समय ध्यान रखें कि एक दीपक से दूसरा ना जलाया जाए। हमेशा माचिस या मोमबत्ती से ही दीपक जलाएं। ऐसा इसलिए, क्योंकि छोटे दीपक अलग-अलग ग्रहों, नक्षत्रों, सप्तऋषियों आदि को समर्पित होते हैं। ऐसे में एक का प्रभाव दूसरे पर पड़ सकता है।
- इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर मुख्य द्वार पर बड़ा दीपक जला दिया है, तो वहां छोटे दीये न लगाएं। सीढ़ियों या कुछ दूरी पर आप छोटे दीयों से सजावट कर सकती हैं। लेकिन जिस जगह पर बड़ा दीपक रखें, वहां छोटे न रखें।
दिवाली पर क्यों जलाए जाते हैं दीपक?
घर में दीया जलाना एक महत्वपूर्ण हिंदू परंपरा है और इसे शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि घर में दीया जलाने से बुरी शक्तियां और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती हैं। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के समय एक बड़ा और अन्य छोटे दीपक जलाने की परंपरा है।
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आजकल अलग-अलग तरह के डिजाइन वाले दीये बाजार में मिलने लगे हैं। कोई फ्लोटिंग होता है, तो कोई जेल से बना होता है। लेकिन, पूजा के समय मिट्टी के दीपक ही जलाए जाते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है।
मिट्टी के दीपक जलाने के पीछे एक विशेष महत्व है। कहा जाता है कि मिट्टी और भूमि से मंगल ग्रह का कनेक्शन होता है और सरसों के तेल से शनि ग्रह का संबंध है। ऐसे में मिट्टी और सरसों के तेल वाले दीपक जलाने से मंगल और शनि प्रसन्न होते हैं और शुभ फल देते हैं।
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