Aurangzeb Tomb Contorversy: मुगल शासकों ने लंबे वक्त तक देश में अपनी हुकूमत बनाए रखी थी। मुगल इतिहास के सबसे क्रूर शासक के तौर परऔरंगजेब का नाम लिया जाता है, जिसने साल 1658 से लेकर 1707 तक भारत में शासन किया था। कहा जाता है कि उसके कानून इस्लाम को लेकर काफी कट्टर थे और उसके शासनकाल में हिन्दुओं और हिन्दू शासकों के साथ काफी अत्याचार हुआ था। हाल ही में आई फिल्म छावा में भी छत्रपति महाराज के बेटे और मराठा शासक संभाजी महाराज और हिन्दुओं पर औरंगजेब के अत्याचारों को दिखाया था, जिसके बाद उसे लेकर काफी लोगों में रोष की लहर दौड़ गई। कई जगहों पर न केवल औरंगजेब के नाम वाले बोर्ड्स पर काला रंग लगाया गया, बल्कि उसकी कब्र को लेकर भी हलचल तेज हुई। यह कब्र औरंगाबाद में स्थित है और सभी के मन में यह सवाल भी है कि आखिर जब औरगंजेब ने दिल्ली और आगरा पर शासन किया था, तो उसकी कब्र महाराष्ट्र में क्यों है। इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि मुगल शासक औरंगजेब के मकबरे के संरक्षण में सरकार हर साल लाखों रुपये खर्च कर रही है। क्या वाकई ऐसा है और क्या है इसे लेकर छिड़ा पूरा विवाद, चलिए आपको बताते हैं।
आखिर औरंगाबाद में क्यों है औरंगजेब की कब्र?
इस समय महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत देश के कई हिस्सों में औरंगजेब की कब्र को लेकर सियासत तेज हो रही है। जहां काफी लोग औरंगजेब को एक सही शासक बता रहे हैं। वहीं, एक बड़ी आबादी का कहना है कि औरंगजेब का बर्ताव हिन्दुओं के लिए हमेशा खराब रहा था और उसने देश के कई मंदिरों और हिन्दुओं से जुड़े स्थलों को तोड़ा था। मुगल शासक औरंगजेब के मकबरे को लेकर भी इन दिनों बातें कहीं-सुनी जा रही हैं और एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि जब औरंगजेब ने मुख्य रूप से आगरा और दिल्ली पर राज किया था, तो उसकी कब्र महाराष्ट्र के औरंगाबाद से कुछ दूर खुल्दाबाद में क्यों है। दरअसल, औरंगजेब ने अपनी वसीयत में लिखा था कि उन्हें उनके गुरु सूफी संत सैय्यद जैनुद्दीन के पास ही दफनाया जाए। बताया जाता है कि औरंगजेब उन्हें अपना पीर मानते थे और इसलिए, उसकी ख्वाहिश के हिसाब से उसे वहीं दफन किया गया।
यह भी पढ़ें- संगीत से लेकर नृत्य तक इन चीजों पर औरंगजेब ने लगा दिया था बैन...उल्लंघन करने पर होती थी मौत की सजा
औरंगजेब की कब्र के संरक्षण पर क्या लाखों रुपये खर्च करती है सरकार?
एक आरटीआई के जवाब में इस बात का खुलासा हुआ है कि औरंगजेब की कब्र एक राष्ट्रीय धरोहर है और एएसआई इसका संरक्षण करती है। इसके संरक्षण में हर साल लगभग 2 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। इसे लेकर विवाद छिड़ गया है। कई राजनीतिक और धार्मिक संगठन इस समय इसे हटाने की मांग कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- क्या औरंगजेब सच में था मुगल इतिहास का सबसे क्रूर बादशाह? जानिए उसने हिंदुओं पर किस तरह से किए थे जुल्म
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ।
Image Credit:Her Zindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों