मुगलों का इतिहास काफी रोचक रहा है, जिसे पढ़ने का अपना अलग ही मजा है। आपने यकीनन कई मुगल बादशाहों के बारे में पढ़ा होगा और कई बादशाहों की प्रेम कहानियां भी सुनी होंगी, लेकिन आज हम आपको औरंगजेब और इनके मकबरे से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे।
हालांकि, औरंगजेब एक ऐसा बादशाह था जो हमेशा से ही विवादों में रहा है, खासकर इसकी कब्र को लेकर। कब्र को लेकर कई तरह के सवाल उठते रहते हैं जैसे- आगरा और दिल्ली से हिंदुस्तान में राज करने वाले बादशाह की कब्र औरंगाबाद में क्यों बनी? क्या आप इन सवालों के जवाब जानते हैं? नहीं तो आइए विस्तार सेऔरंगजेब की कब्र के बारे में जानते हैं।
कौन था बादशाह औरंगजेब?
कहा जाता है कि औरंगजेब मुगल साम्राज्य का सबसे प्रभावशाली बादशाह था। औरंगजेब का पूरा नाम मुहिउद्दीन मुहम्मद था लेकिन उन्हें प्रजा आलमगीर या औरंगजेब के नाम से पुकारते थे। यह मुगल साम्राज्य का छठा और अकबर के बाद सबसे शक्तिशाली बादशाह था, जिसने अपने शासनकाल में कई बड़े बदलाव भी किए थे।
बादशाह ने साम्राज्य पर शरियत आधारित फतवा-ए-आलमगीरी लागू कर दिया था और फिर कुछ समय के लिए गैर-मुसलमानों पर और ज़ियादा कर भी लगा दिया था। बता दें कि बादशाह ने लगभग 1658 से लेकर 1707 तक शासन किया था।
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कब्र महाराष्ट्र में क्यों बनाई गई?
मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र औरंगाबाद से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खुल्दाबाद में है। मगर सवाल यह है कि महाराष्ट्र में औरंगजेब बनाई गई? दिल्ली या आगरा में क्रब को क्यों नहीं बनाया गया? तो बता दें कि औरंगजेब मरने से पहले ही यह इच्छा जाहिर करके गए थे कि उनकी कब्र कैसी और कहां होनी चाहिए। (आगरा के आसपास भी है देखने के लिए बहुत कुछ)
इस विषय पर विस्तार से यह बात औरंगजेब ने अपनी वसीयत में लिख दिया था। उल्लेख मिलता है कि मेरी मौत पर कोई पछतावा न किया जाए और न ही किसी भी तरह का समारोह आयोजित किया जाए।
मकबरे का इतिहास
इतिहास के अनुसार मकबरा सन 1707 में औरंगजेब की मृत्यु के बाद बनाया गया था। पहले इस मकबरे को कच्ची मिट्टी से तैयार किया गया था, लेकिन बाद में इसे लॉर्ड कर्जन ने मार्बल चढ़ावा दिए थे।
इस मार्बल पर औरंगजेब का पूरा नाम अब्दुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन मुहम्मद औरंगजेब लिखा हुआ है। कहा जाता है कि औरंगजेब चाहते थे कि उनका मकबरा बिल्कुल सिंपल हो, जिसे बनाने में अधिक पैसा न खर्च किया जाए।
मकबरे की संरचना
इस मकबरे की संरचना इस्लामिक वास्तुकला के द्वारा बनाई गई है। संरचना बेहद सिंपल है और मकबरे का रंग सफेद है। मकबरे की दीवारों पर औरंगजेब के बारे में कुछ जानकारी संक्षिप्त जानकारी दी गई है।
बता दें कि औरंगजेब के मकबरे के पास ही उनके बेटे आजम शाह का मकबरा है। शेख जैनुद्दीन दरगाह भी यहां मौजूद है।
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कैसे जाएं?
औरंगजेब का मकबरा औरंगाबाद से महज 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप औरंगाबाद रेल से आ सकते हैं और इसके बाद यहां से टैक्सी या कैब ले सकते हैं। यहां आते समय औरंगाबाद के अन्य पर्यटक स्थलों पर घूमते हुए आ सकते हैं।
इसके अलावा बेहतर होगा कि आप इस मकबरे की सैर करने के लिए अक्टूबर से अप्रैल के बीच में जाएं। क्योंकि गर्मियों में यहां का मौसम बहुत गर्म होता है। आपको लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर और लाइक ज़रूर करें, साथ ही, ऐसी अन्य जानकारी पाने के लिए जुड़े रहें हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- (@Wikipedia)
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