आपने अपने जीवन में साइकिल से लेकर हवाई जहाज तक आदि कई वाहन देखे होंगे। लेकिन इन सारे वाहनों में एक कॉमन चीज है और वह कॉमन चीज है इन वाहनों के टायर।
भले ही इन टायर का साइज हर वाहन के हिसाब से अलग अलग होता है लेकिन इन सभी टायरों का रंग काला ही होता है। पर ऐसा क्यों होता है इसके बारे में हम आपको इस लेख में बताएंगे।
क्या है टायरों का इतिहास?
आपको बता दें कि टायर का इतिहास साल 1800 से शुरू होता है। टायर एक फ्रेंच शब्द 'टायरर' से बना है। अब जो आम वाहनों में हम हवा वाले रबर के टायरों को देखते हैं वह पहले के समय में चमड़े के या लकड़ी के बने हुए होते थे। ये ऐसे इसलिए बने होते थे ताकि पहिया टूट न जाए और सुरक्षित रहें।
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रबर का पहला टायर किसने बनाया था?
व्हीलराइट नाम के एक व्यक्ति ने सबसे पहले रबर के टायरों को बनाया था। साल 1800 में चार्ल्स मैकेंतोष ने अमेजन के पेड़ों से निकलने वाली सफेद द्रव से इस रबर को बनाया था पर खराब मौसम की वजह से यह रबर का टायर सही से उपयोग में नहीं आ सका था।(OMG: एक ऑटो रिक्शा में बैठे 27 लोग, गिनती करते-करते थक गया पुलिसकर्मी)
आपको बता दें कि चार्ल्स गुडईयर ने वल्केनाइज्ड रबर का साल 1839 में आविष्कार किया। यह वल्केनाइज्ड रबर का टायर बहुत मजबूत था साथ ही उसे खींचने पर भी कोई परेशानी नहीं होती थी। आपको बता दें कि इसका सबसे पहला इस्तेमाल साइकिल में हुआ।
आपको बता दें कि साल 1845 में न्यूमेटिक या हवा भरे टायर बनाए गये थे।यह टायर रॉबर्ट विलियम थॉमसन ने बनाया था।
आपको बता दें कि उन्होंने चमड़े के कवर के अंदर हवा भरने के लिए कई आकार के पतले ट्यूब बनाए थे। उस समय में इतनी कम टेक्नोलॉजी होने के बावजूद ये ऐसे टायर थे जो झटकों को बर्दाश्त कर सकते थे।
लेकिन कुछ समय बाद इसमें कई दिक्कतें आ गई थी जिसकी वजह से इन टायरों का सभी वाहनों के लिए प्रोडक्शन नहीं हो पाया था।
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पहले रबर टायर का रंग सफेद था
आपको बता दें कि 125 साल पहले जब पहले रबर टायर का प्रोडक्शन किया गया तो ये सफेद रंग का था। जिस रबर का इस्तेमाल इसको बनाने के लिए किया वो सफेद रंग की थी। आपको बता दें कि टायर जिस रबर और मटेरियल के उपयोग से बनाया गया था वो इतना मजबूत नहीं था।(कार या बाइक की हेडलाइट्स पर लगे स्क्रैच को इन आसान हैक्स से करें दूर)
कार्बन ब्लैक मिलाने से काला हुआ टायर का रंग
यह टायर बहुत मजबूत नहीं था इसलिए इसमें कार्बन ब्लैक जैसे मटीरियल को मिलाया गया था। इस वजह से टायर का रंग पूरी तरह काला हो गया था।
टायर का रंग काला जरूर हो गया लेकिन टायर में मजबूती और इसके साथ ही यह टायर वाहनों के वजन को संभाल सकता था। इस वजह से हर वाहन में इन्हीं टायरों का इस्तेमाल किया जाता है। केवल यही नहीं कार्बन ब्लैक टायर की रक्षा और यूवी रेडिएशन को भी बचाने में मदद करता है। आपको बता दें कि सही टायर न होने परदुर्घटना होने की संभावना भी सबसे ज्यादा होती है।
तो यह था वो कारण जिसकी वजह से टायरों का रंग हमेशा काला होता है।
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Image Credit-freepik
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