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What is the meaning of vote index finger

वोटिंग के समय बाएं हाथ की Index Finger पर क्यों लगाते हैं इंक?

Why voting ink is on left hand: हम सभी यह बात जानते हैं कि वोट डालते समय हाथ पर इंक क्यों लगाई जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि वोट डालते समय बाएं हाथ की तर्जनी पर ही इंक क्यों लगाई जाती है।
Editorial
Updated:- 2024-02-07, 12:10 IST

देश के सभी चुनावों की वोटिंग के समय वोटर के बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर अक्सर स्याही का निशान लगाया जाता है। हम सभी आराम से इंक लगाकर वोट डालकर चले जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा कि आखिर बाएं हाथ ही तर्जनी उंगली पर ही क्यों इंक का निशान लगाते हैं। अगर नहीं जो जानते हैं कि इसके पीछे का कारण क्या है।

1962 में पहली बार हुआ वोटिंग इंक का इस्तेमाल

What is the election marking ink

 साल 1962 में पहली बार देश के तीसरे आम चुनाव में इंक का प्रयोग किया गया था। चुनाव में इस्तेमाल होने वाली स्याही की निर्माण प्रक्रिया काफी गोपनीय रखा गया ताकि किसी को पता न चले। इस इंक को नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी ऑफ इंडिया के केमिकल फार्मूला का प्रयोग करके बनाया जाता था।

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इंडेक्स फिंगर पर ही क्यों लगाई जाती है इंक

 election marking ink

वोटिंग के समय दाएं हाथ की उंगली पर इंक इसलिए नहीं लगाई जाती है क्योंकि खाना खाने के लिए हम सभी ज्यादातर दाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं, जिस वजह से इंक में मौजूद केमिकल स्वास्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। यही कारण है कि बाएं हाथ की तर्जनी पर वोटिंग इंक लगाई जाती है। अगर कोई व्यक्ति हाथ से विकलांग है यानी उंगली नहीं है तो उसके हाथ के किसी हिस्से पर स्याही लगाई जाती है। इसके अलावा अगर किसी कारणवश व्यक्ति के दोनों हाथ नहीं है तो इस स्थिति में व्यक्ति के पैर की उंगली पर इंक लगाकर वोट डलवाया जाता है। (Voter ID  के लिए 17 साल की उम्र में कर सकेंगे अप्लाई)

किसने शुरू किया था इंक लगाने का नियम

voting mark on which finger in india

ऐसा कहा जाता है, कि मैसूर के राजा ने चुनाव के दौरान होने वाले फर्जी मतदान को रोकने के लिए इसकी शुरुआत की थी। इस इंक को सबसे पहले साल 1937 में मैसूर लैक एंड पेंट्स लिमिटेड कंपनी द्वारा इसे तैयार किया गया था। देश के आजाद होने के बाद यह कंपनी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बन गई। अब इस कंपनी को मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में कर्नाटक सरकार की यह कंपनी देश में होने वाले सभी चुनाव के लिए स्याही बनाती और निर्यात करती है। (क्या है वोट फॉर्म होम)

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