हिन्दू धर्म में तेरहवीं के समय सबसे पहले ब्राह्मण को ही क्यों खिलाते हैं खाना?

तेहरवीं के दिन ब्राह्मण द्वारा घर में पूजा कराई जाती है बल्कि ब्राह्मण भोज भी होता है। तेरहवीं का खाना सबसे पहले ब्राह्मण को ही खिलाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण। 
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हिन्दू धर्म में तेहरवीं का बहुत महत्व माना जाता है। तेरहवीं के दिन भोजन का आयोजन किया जाता है और सब वही चीजें खाने में बनती हैं जो मृतक को पसंद होती हैं। तेहरवीं के दिन ब्राह्मण द्वारा घर में पूजा कराई जाती है बल्कि ब्राह्मण भोज भी होता है। तेरहवीं का खाना सबसे पहले ब्राह्मण को ही खिलाया जाता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर क्यों तेरहवीं के दिन सर्व प्रथम ब्राह्मण भोजन ग्रहण करते हैं।

तेरहवीं में सबसे पहले ब्राह्मण ही क्यों करते हैं भोजन? (Terhi Ke Din Sabse Pehle Brahman Hi Kyu Karte Hain Bhojan?)

terhi ke din sabse pehle kise khila sakte hain

शास्त्रों के अनुसार, समाज में ब्राह्मणों का स्थान विशेष माना गया है क्योंकि पहले के समय में वह पूजा-पाठ कर अपने भीतर दिव्य ऊर्जा का संचार करते थे और उसी ऊर्जा के साथ जब वह किसी के घर जाया करते थे भिक्षा के लिए तो उस व्यक्ति के घर में भी सकारात्मकता का संचार हो जाता था।

तभी से यह परंपरा बनी कि सिर्फ शुभ कामों में ही नहीं बल्कि मृत्यु से जुड़े कार्यों में भी ब्राह्मण को घर पर बुलाकर भोज किया जाए। ऐसा माना जाता है कि तेरहवीं के दिन जब आत्मा पृथ्वी लोक को छोड़कर दूसरे लोक में जा रही होती है तब ब्राह्मण द्वारा पूजा कराने से उसे शांति मिलती है।

terhi ke din sabse pehle kise khilate hain

सिर्फ और सिर्फ ब्राह्मण द्वारा पूजा कराने से पितृ प्रसन्न बने रहते हैं और कभी भी क्रोध में आकर अपने परिवार के लोगों को परेशान नहीं करते हैं। यहां तक कि अगर मृतक की तेरहवीं के दिन विधिवत पूजा ब्राह्मण से कराई जाती है तो ब्राह्मण की सकारात्मक ऊर्जा से पितृ तृप्त होकर अपने लोक जाते हैं।

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इसके अलावा, ब्राह्मणों को भोज इसलिए सबसे पहले करवाया जाता है क्योंकि ब्राह्मणों के माध्यम से ही पितृरों तक उस दिन का भोग पहुंचता है। शास्त्रों में बताया गया है कि अगर कोई पितृ ऐसा हो जिसकी आतम घर छोड़ने को तैयार न हो तो ब्राह्मण भोज कराने से वह अपने लोक लौट जाते हैं।

terhi ke din brahman ko sabse pehle khilane se kya hota hai

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जन सकते हैं कि आखिर मृत्यु के तेरहवें दिन सबसे पहले ब्राह्मणों को ही क्यों कराया जाता है भोजन।

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image credit: herzindagi

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