महिलाओं के फिगर की बात की जाती है तो हमेशा 36–24–36 को सही माना जाता है। 36–24–36 इंच यानी 90-60-90 सेंटीमीटर फिगर को सबसे आकर्षक समझा जाता है। महिलाओं के लिए ऑवरग्लास फिगर का चलन 1960 के दशक से ही चल रहा है। इसे ही फिटनेस के लिहाज से भी सही माना जाता है। पर ऐसा क्यों? आखिर इस ऑवरग्लास का संबंध महिलाओं से कैसे हो गया? आखिर क्यों कर्वी शेप को ही आकर्षक माना जाने लगा?
कुछ समय पहले NCERT की कक्षा 12वीं की टेक्स्ट बुक में महिलाओं के परफेक्ट फिगर को लेकर बहुत ज्यादा विवाद हुआ था। किताब में लिखा था कि 36–24–36 ही महिलाओं के लिए परफेक्ट फिगर होता है। इस किताब में ये भी लिखा गया था कि परफेक्ट फिगर की वजह से ही ब्यूटी कॉम्पटीशन में एक तय शेप को प्रिफरेंस दी जाती है।
पर ऐसा क्यों? इसके पीछे भी एक कारण है। एक ऐसी घटना जिसने महिलाओं के फिगर को ही निर्धारित कर दिया। चलिए आज आपको इसी परफेक्ट फिगर के बारे में बताते हैं।
क्या है ऑवरग्लास फिगर?
इसे कर्वी फिगर कहा जाता है। बस्ट साइज 36, कमर का साइज 24, हिप्स साइज 36 ही परफेक्ट ऑवरग्लास शेप माना जाता है। हालांकि, किसी भी तरह के कर्वी फिगर को ऑवरग्लास ही कहा जाएगा। ऐसा कोई भी फिगर जिसमें पेट और कमर का हिस्सा काफी पतला है और हिप्स और बस्ट चौड़े हैं, वो इसके अंतर्गत आता है।
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आखिर क्यों 36–24–36 ही माना जाने लगा बेस्ट साइज?
असल में इस फिगर का श्रेय भी दुनिया की सबसे बड़े सेक्स सिंबल कही जाने वाली एक्ट्रेस मर्लिन मूनरो को दिया जाता है। 1950 का दौर था जब मर्लिन ने इस फिगर को इंडस्ट्री का सबसे चहीता फिगर बना दिया था। उस वक्त इसे 'Flesh in Proper Places' (सही जगह पर मांस) माना जाता था।
एक विज्ञापन में मर्लिन की तस्वीर भी छपी थी जिसमें उनके बॉडी शेप को डिफाइन किया गया था। इस विज्ञापन के बाद लोगों के दिलों में इस फिगर की चाह बढ़ने लगी। धीरे-धीरे हॉलीवुड की सभी एक्ट्रेस इस फिगर को अपनाने के पीछे चलने लगीं। उस वक्त मर्लिन सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में जानी जाती थीं। उन्हें सबसे सुंदर स्त्री माना जाता था, वो जो भी पहनती थीं वो ही फैशन बन जाता था। यही कारण है कि इसे सबसे आकर्षक फिगर माना जाने लगा।
उस जमाने में आज की तरह ट्राएंगल शेप, इन्वर्टेड ट्राएंगल, रेक्टेंगल, ऑवरग्लास शेप आदि को सही नहीं माना जाता था। अब भले ही एब्स और कट्स को परफेक्ट समझा जाने लगा हो, लेकिन उस जमाने में मर्लिन के बॉडी फिगर को ही सबसे बेस्ट समझते थे।
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पतली कमर लेकिन कर्वी बॉडी
वेस्ट के आस-पास चर्बी को बिल्कुल भी सही नहीं माना जाता है। अगर हम नॉर्मल ह्यूमन बॉडी की बात करें, तो मोटा पेट चर्बी और खराब हेल्थ को दिखाता है। ऐसे में पतली कमर और कर्वी बॉडी को उपयुक्त माना जाता है। ये दर्शाता है कि हमारे शरीर में किसी तरह का मालन्यूट्रिशन और ओबेसिटी नहीं है।
आज के समय में पतले लोगों को ही परफेक्ट माना जाता है। आपकी इस मामले में क्या राय है? अपने जवाब हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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