Planet And Body Parts: ज्योतिष शास्त्र में नव ग्रहों का वर्णन मिलता है। ग्रहों का व्यक्ति और उसके जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। यहां तक कि व्यक्ति के शरीर के एक एक अंग पर ग्रहों की नजर होती है। यानी कि आपके शरीर का हर एक अंग हर एक ग्रह से मुख्य तौर पर प्रभावित होता है। हालांकि यह प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही रूप में हो सकता है।
हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स से जब हमने इस बारे में पूछा तो उन्होंने हमें इस विषय पर काफी गहन और दिलचस्प जानकारी दी जो आज हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं। आज हम आपको इस बात से अवगत कराएंगे कि किस ग्रह का शरीर के कौन हिस्से पर कब्जा होता है और ग्रहों का उस अंग पर कैसा प्रभाव पड़ता है।
- चंद्रमा: शरीर में मौजूद जल तत्व, खून और हार्मोन्स चंद्रमा की दृष्टि के अंतर्गत आते हैं। इसके अलावा, चंद्रमा को मन का कारक भी माना जाता है।

- सूर्य: आंखें, श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरी सिस्टम), शरीर की हड्डियां और जैव विद्युत (शरीर में उत्पन्न होने वाली इलेक्ट्रिकल ऊर्जा) सूर्य द्वारा संचालित होते हैं।
- बृहस्पति: इस ग्रह का पूर्णतः असर शरीर के नाड़ी तंत्र और बुद्धि पर पड़ता है। इस ग्रह के सकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति को तीव्र बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है तो वहीं, इसके नकारात्मक प्रभाव (नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के उपाय) से व्यक्ति को याददाश्त की शिकायत रहने लगती है।
- मंगल: व्यक्ति के पाचन तंत्र अर्थात डाइजेस्टिव सिस्टम, रक्त कोशिकाओं यानी कि ब्लड सेल्स और लिवर पर मंगल का असर देखने को मिलता है। अगर शरीर के ये भाग सुचारू रूप से काम करें तो आपका मंगल शुभ स्थिति में है और अगर इन में से किसी भी भाग में दिक्कतें आने लगें तो समझ लीजिए मंगल भारी होना शुरू हो गया है।

- बुध: बुध ग्रह शरीर की त्वचा और तांत्रिक तंत्र अर्थात नर्वस सिस्टम पर प्रभाव डालता है। अमूमन तौर पर ऐसा माना जाता है कि त्वचा से सम्बंधित होने वाले संक्रमण बुध ग्रह (कमजोर बुध ग्रह के लक्षण) की खराब दशा के कारण होते हैं।
- शनि: केंद्रीय नाड़ी तंत्र जिसे इंग्लिश में सेंट्रल नर्वस सिस्टम कहा जाता है, शनि द्वारा नियंत्रित होता है।
- शुक्र: शुक्र ग्रह का संबंध शरीर के निजी हिस्सों से होता है। सरल शब्दों में कहें तो शरीर में कफ, गुप्त अंग और वीर्य (सीमेन) शुक्र ग्रह द्वारा प्रभावित होते हैं।

- राहु और केतु: इन दोनों ग्रहों को काफी खतरनाक माना जाता है। राहु और केतु का असर शरीर के भीतर मौजूद अपानवायु (फार्ट) और आकाश तत्व (स्काई एलिमेंट) पर मुख्य रूप से देखने को मिलता है। ज्योतिष के अनुसार, व्यक्ति को गैस, कब्ज आदि जो समस्याएं होती हैं वो राहु-केतु के खराब होने की तरफ इशारा करती हैं।
तो ये था नव ग्रहों का शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रभाव। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Freepik, Herzindagi, Shutterstock
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