Pongal 2023 Kab Hai: दक्षिण भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक पोंगल है। पोंगल का त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार को पूरे चार दिनों तक मनाया जाता है। खासकर इस त्यौहार में तमिलनाडु, पुडुचेरी और श्रीलंका में इसे बड़े पैमाने में मनाया जाता है। यह त्यौहार 15 जनवरी से शुरू होता है और करीब 18 जनवरी तक चलता है।
क्या आप पोंगल पर्व का महत्व जानते हैं
चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को काफी अच्छे तरीके से मनाया जाता है। इस त्यौहार को लेकर मान्यता है कि इस अवधि में देवता पूरे छह माह की नींद लेने के बाद ही जगते हैं। ऐसे में इस पर्व को काफ़ी ज़्यादा शुभ माना जाता है।
बता दें कि पोंगल पर्व के चार प्रकार होते हैं
- भोगी पोंगल
- थाई पोंगल
- कानुम पोंगल
- कानुम पोंगल
इस दौरान यहां अनोखे रीति रिवाज निभाए जाते हैं
सबसे पहले लोग अपने घर की काफी अच्छे तरीके से सफाई करते हैं।
दूसरे दिन थाई पोंगल पर लोग सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हैं।
साथ ही इस दिन मिट्टी के बर्तन में लोग दूध, चावल और गुड़ से स्वादिष्ट पकवान बनाते हैं।
तीसरे दिन लोग जानवरों को आभार व्यक्त करते हैं और उनकी सेवा करते हैं।
इस दिन जानवरों के लिए खास पकवान भी बनते हैं।
पोंगल के अंतिम दिन कूनम पोंगल पर लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और एक-दूसरे को उपहार देकर खुशियां मनाते हैं।
इस दिन भी कई अन्य अन्य तरह का भोजन बनाया जाता है।
इसे भी पढ़ें:पोंगल के शुभ मौके पर अपने प्रियजनों को भेजें ये शुभकामनाएं और बधाई संदेश
आपको बता दें कि इस त्यौहार में इंद्र देव और सूर्य की उपासना की जाती है। पोंगल का त्योहार संपन्नता को समर्पित है। पोंगल में समृद्धि के लिए वर्षा, धूप और कृषि से संबंधित संबंधित चीजों की पूजा अर्चना की जाती है। इस त्यौहार के शुरू होने के साथ ही लोग प्रतिदिन पूजा करते हैं। इसके बाद ही कुछ भी भोजन का सेवन करते हैं।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Pic Credit: Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों