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Ravan In Mahabharat: महाभारत में कब और कैसे हुआ था रावण का पुनर्जन्म

धर्म ग्रंथों में यह स्पष्ट लिखा है कि त्रेता युग में श्री राम ने रावण का वध किया था लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रावण ने महाभारत के दौरान दोबारा जन्म लिया था। आइये जानते हैं इस विषय में विस्तार से।  
Editorial
Updated:- 2023-04-13, 11:10 IST

Ravan Ke Dobara Janm Ke Bare Mein: महाभारत से जुड़े कई किस्से ऐसे हैं जो आज के समय में भी रहस्यमयी माने जाते हैं। इन्हीं में से एक है रावण के पुनर्जन्म की घटना। धर्म-ग्रंथों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि त्रेता युग में रावण का वध श्री राम ने किया था और उसके बाद छोटे भाई विभीषण द्वारा रावण का अंतिम संस्कार हुआ था।

वहीं, इस बात का भी उल्लेख है कि रावण ने द्वापर युग में पुनः जन्म लिया था और तब भी उसकी मृत्यु श्री हरि नारायण यानी कि भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण के हाथों हुई थी। आखिर किसके रूप में रावण ने दोबारा जन्म लिया था और कैसे हुई थी महाभारत के दौरान उसकी भीषण मृत्यु, आइये जानते हैं ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से।

  • महाभारत के अनुसार, जहां श्री राम (कौन थे श्री राम के जीजा जी) के शत्रु के रूप में त्रेता युग में रावण जन्मा था तो वहीं, द्वापर में रावण का पुनर्जन्म श्री कृष्ण के रिश्तेदार के रूप में हुआ था।

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  • महाकाव्य में वर्णित जानकारी के मुताबिक रावण ने श्री कृष्ण की बुआ के गर्भ से जन्म लिया था और उसके जन्म के समय ही उसकी मृत्यु की घोषणा भी हुई थी।

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  • असल में जब रावण ने श्री कृष्ण की बुआ के घर जन्म लिया तब उसका रूप सामान्य बालक की तरह नहीं बल्कि राक्षस जाती में जन्में विचित्र शिशु की भांति था।
  • उसके चार हाथ और माथे पर एक सींघ था। रावन के पुनर्जन्म के समय एक भयंकर आकाशवाणी भी हुई थी जो नए जन्म में रावण की मृत्यु से जुड़ी हुई थी।
  • आकाशवाणी के अनुसार जिसकी भी गोद में जानें से उसके हाथ और सींघ गायब होंगे उसके हाथों ही रावण का इस नए जन्म में वध होगा।
  • श्री कृष्ण जब अपनी बुआ के बेटे को देखने पहुंचे तब उन्होंने ही उसका नाम कारन किया और उसका नाम शिशुपाल रखा।
  • श्री कृष्ण की गोद में जाने से शिशुपाल के हाथ और सींघ गायब हो गए जिससे यह सिद्ध हुआ कि कृष्ण के हाथों ही शिशुपाल का अंत निश्चित है।
  • तभी श्री कृष्ण की बुआ ने शिशुपाल के 100 अपराध माफ़ करने का वचन श्री कृष्ण से लिया और महाभारत के समय श्री कृष्ण ने अपना वचन निभाया भी।

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  • जब शिशुपाल ने कृष्ण को अपशब्द बोले तब श्री कृष्ण (श्री कृष्ण के जिंदा सबूत) ने उसके 100 अपराधों को माफ़ करने के बाद उसका शीश सुदर्शन चक्र से काट दिया।

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  • तो इस परकार रावण ने महाभारत कल में पुनर्जन्म लिया था और वह श्री कृष्ण की बुआ का बेटा शिशुपाल कहलाया था जिसका उद्धार श्री कृष्ण ने किया था।

तो ऐसे हुआ था रावण का महाभारत काल में पुनर्जन्म और इस कारण से हुई थी श्री कृष्ण के हाथों मृत्यु। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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