एक कहावत आपने सुनी होगी कि 'खूबसूरत लड़कियों का इतराना भी अच्छा लगता है'। ऐसी आम धारणा है कि अगर कोई खूबसूरत है तो उसकी जिंदगी आसान ही होगी क्योंकि कई काम ऐसे ही बन जाएंगे, लेकिन इतिहास में कई कहानियां ऐसी भी हैं जो बताती हैं कि किस तरह से खूबसूरती ही महिलाओं के लिए अभिशाप बन गई। ऐसी ही एक कहानी है आम्रपाली की कहानी जिसे वैशाली की नगरवधु बना दिया गया था। भारत के इतिहास की सबसे चर्चित कहानियों में से एक है आम्रपाली की कहानी।
आम्रपाली की कथा ऐसी है जिसमें उस दौर की सबसे खूबसूरत और हर मामले में दक्ष कन्या को पहले वैश्या की तरह देखा गया और नगरवधु बना दिया गया और बाद में उसने अपनी जिंदगी बौद्ध भिक्षुणी बनकर बिताना सही समझा।
इसलिए रखा गया था नाम आम्रपाली
आम्रपाली के असली माता-पिता कौन थे इसके बारे में कोई जानकारी किसी भी दस्तावेज में नहीं है। कहानी के मुताबिक आम्रपाली वैशाली नगर के एक गरीब दंपति को आम के पेड़ के नीचे मिली थी। नवजात बच्ची को इस तरह से देखकर उस दंपति ने उसे उठा लिया और आम के पेड़ के नीचे पड़े होने के कारण उसका नाम आम्रपाली रख दिया। आम्रपाली के घर में धन आदि नहीं था, लेकिन फिर भी उसके माता-पिता ने उसके लालन में कोई कमी नहीं की।
आम्रपाली जब तक 11 साल की हुई तब तक उसके रूप की चर्चा शुरू हो गई थी। आम्रपाली को देखते ही लोग उसकी खूबसूरती के दीवाने हो जाते थे। ये वो दौर था जब लोग उसकी एक झलक पाने के लिए दीवाने हो जाते थे। आम्रपाली की उम्र जैसे-जैसे बढ़ने लगी वैसे-वैसे उसके चाहने वाले बढ़ने लगे।
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खूबसूरती के कारण आम्रपाली के माता-पिता को होने लगी परेशानी
गौतम बुद्ध के समकालीन की सबसे सुंदर स्त्री आम्रपाली ही मानी जाती है। उस दौरान आम्रपाली की सुंदरता के इतने चर्चे होने लगे थे कि उसके लिए कई रिश्ते आने लगे। आम इंसान से लेकर साहुकार तक और व्यापारी से लेकर दरबारी तक सभी उसका साथ पाना चाहते थे। आम्रपाली के माता-पिता के सामने दुविधा खड़ी हो गई कि किसे स्वीकार करें क्योंकि अगर वो किसी एक को चुन लेते तो वैशाली नगर में आंतरिक युद्ध छिड़ जाता।
आम्रपाली बना दी गई नगरवधू
आम्रपाली की खूबसूरती के साथ-साथ उनके नृत्य के चर्चे भी बहुत थे। ऐसा माना जाता था कि अगर आम्रपाली का नृत्य कोई देख ले तो मंत्रमुग्ध हो जाता था। वैशाली के राजा मनु देव ने भी एक बार आम्रपाली का नृत्य देखा और उसके मन में उसे पाने की चाह जाग गई।
आम्रपाली को इसी कारण राजनर्तकी बना दिया गया और उन्हें रहने के लिए महल दे दिया गया।
उस वक्त तक आम्रपाली का दिल पुष्पकुमारा नामक एक आम युवक पर आ चुका था और आम्रपाली उसके साथ शादी भी करने वाली थी। राजा ने उनकी शादी के दिन ही पुष्पकुमारा को मार दिया।
इसके बाद आम्रपाली को राज वैशाली नगर की नगरवधु घोषित कर दिया। आम्रपाली ना अब शादी कर सकती थी और ना ही किसी एक व्यक्ति के साथ जिंदगी बिता सकती थी। उसे वो इंसान चुनने की इजाजत थी जिसके साथ वो संबंध बनाए, लेकिन वो किसी एक की नहीं हो सकती थी। (महाभारत काल की 5 सबसे खूबसूरत स्त्रियां)
नगरवधू की ये पदवी उन्हें 7 साल तक रखनी थी।
आम्रपाली और बिंबिसारा
आम्रपाली की जिंदगी में प्यार दोबारा आया जो था शत्रु देश मगध के राजा बिंबिसारा के रूप में। बिंबिसारा ने वैशाली राज्य पर हमला कर दिया और रूप बदलकर आम्रपाली के महल में शरण ले ली। बिंबिसारा को आम्रपाली ने जगह दी तब उसे नहीं पता था कि वैशाली का राज्य खतरे में है।
बिंबिसारा के साथ वो अगले कुछ हफ्ते रही और उसके बाद ही उसे सच्चाई का पता चला। तब तक दोनों प्यार में पड़ गए थे और आम्रपाली को सच्चाई का पता चलते ही उसने बिंबिसारा को युद्ध रोकने को कहा।
बिंबिसारा तब तक आम्रपाली से इतना प्यार कर बैठे थे कि उन्होंने युद्ध रोक दिया और आम्रपाली के साथ उनका प्यार परवान चढ़ा। आम्रपाली ने इसके बाद बिंबिसारा के बेटे विमल कोंडाना को जन्म दिया।
कुछ समय बाद बिंबिसारा को उसके बेटे अजातशत्रु के द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया।
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आम्रपाली और अजातशत्रु
बिंबिसारा के मरने के बाद अजातशत्रु ने वैशाली पर आक्रमण कर दिया। युद्ध में वैशाली का बहुत नुकसान हुआ और जब जायजा लेने अजातशत्रु पहुंचा तो वैशाली में घूमते हुए उसकी मुलाकात आम्रपाली से हुई। उसे देखते ही अजातशत्रु उसके प्यार में पड़ गया।
आम्रपाली को भी वो पसंद आया पर उसे ये नहीं पता था कि ये बिंबिसारा का बेटा है या बिंबिसारा को मारने में इसका हाथ है। आम्रपाली को अजातशत्रु पसंद आ गया, लेकिन वैशाली के लोगों को ये बात पसंद नहीं आई और इस कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया और अजातशत्रु ने इसका बदला लेने के लिए पूरे वैशाली में आग लगा दी। इसके बाद जब ये आम्रपाली को पता चला तो वो बहुत नाराज़ हो गईं। इसके बाद अजातशत्रु से उन्होंने नाता तोड़ लिया।
आम्रपाली बनीं बौद्ध भिक्षुणी
इसके बाद आम्रपाली को एक बौद्ध भिक्षु से प्यार हो गया। उस वक्त उसने भिक्षु को लुभाने की बहुत कोशिश की, लेकिन बौद्ध के धार्मिक ज्ञान के आगे आम्रपाली नतमस्तक हो गईं और खुद बौद्ध भिक्षुणी बनने का फैसला लिया। हालांकि, कुछ कथाएं मानती हैं कि आम्रपाली को महात्मा बुद्ध से ही प्यार हो गया था, लेकिन इसका कोई भी प्रमाण नहीं है। माना जाता है कि आम्रपाली पहली महिला बौद्ध भिक्षुणी थीं जिनके बाद अन्य महिलाओं ने भिक्षुणी बनने का फैसला लिया और इस तरह आम्रपाली को आखिर में जाकर शांति प्राप्त हुई।
अपनी पूरी जिंदगी में आम्रपाली ने बहुत दुख देखे और हमेशा उनकी खूबसूरती ही उनकी खुशियों के आड़े आई। आम्रपाली की ये कहानी आपको कैसी लगी ये हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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