हिंदुओं के प्रमुख ग्रंथ महाभारत का जिक्र जब भी आता है एक नाम जहन में अपने आप ही उभर आता है। यह नाम है द्रोपदी का। जी हां, वही द्रौपदी जिसे महाभारत की वजह माना जाता है। कहते हैं द्रौपदी जन्म से ही बेहद अनोखी थी और विश्व के इतिहास में द्रौपदी जैसी दूसरी महिला और कोई न हो सकी। वैसे तो महाभारत की कहानी कौरवों और पांडवों के बीच हुए युद्ध की कहानी है। मगर यह युद्ध हुआ क्यों? इसकी वजह हमेशा से द्रौपदी को ही माना गया। आपको जानकर हैरानी होगी घर में लड़ाई झगड़ा न हो इसलिए न तो कोई अपने घर में महाभारत ग्रंथ रखता है और न ही कोर्इ भी माता पिता अपनी बेटी का नाम द्रौपदी रखते हैं। मगर, जो बाद कोई नहीं जानता वो यह है कि द्रौपदी का एक नाम नहीं बल्कि नौ नाम थे। आज हम आपको द्रौपदी के इन्हीं नाम के बारे में बताएंगे।
द्रौपदी का जब जन्म हुआ तो उनकी त्वचा का रंग सांवला और चमकदार था इसलिए उनके पिता ने उनका नाम कृष्णा रखा था।
द्रौपदी का जन्म एक यज्ञ कुंड से हुआ था। दरअसल द्रौपदी के पिता ने पुत्र की इच्छा से पुत्राकामेष्टि यज्ञ किया था । वह चाहते थे कि जो पुत्र इस यज्ञ कुंड से निकलेगा वह द्रोण से बदला लेगा। दरअस अर्जुन की वजह से द्रोण ने उत्तर पांचाल पर कब्जा कर रखा था । अपने राज्य को वापिस पाने की इच्छा से किया था। मगर यज्ञ से दृष्टाद्युमना के साथ उसकी बहन द्रौपदी का भी जन्म हुआ । इसलिए द्रौपदी को यज्ञासनी भी कहा जाता है।
द्रौपदी को द्रौपदी इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि वो राजा द्रुपद की पुत्री थी। इसलिए उनके पिता ने उन्हें अपना नाम दिया था। आज पूरी दुनिया में द्रौपदी को इसी नाम से ज्यादतर लोग जानते हैं। यह भी कहा जाता है कि जब यज्ञ से द्रौपदी का जन्म हुआ तो राज द्रुपद को खुशी नहीं हुई क्योंकि वह केवल लड़का ही चाहते थे मगर बाद में जब उन्हें बेटी से स्नेह हुआ तो उन्होंने उसे अपना नाम दे दिया।
द्रौपदी का जन्म पांचाल राज्य में हुआ था और वह वहां कि राजकुमारी थी। इसलिए लोग उन्हें प्यार से पांचाली भी कहते थे।
द्रौपदी को पंचमणी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने पांच पुरुषों विवाह किया था। आपको बता दें कि वनवास के समय द्रौपदी अपने पांच पतियों के साथ जिन गुफायों में रहीं उस जगह का नाम भी पंचमणी रख दिया गया। यह जगह आज भी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीक है।
द्रौपदी एक शक्तिशाली पिता कि पुत्री थी परिशता का अर्थ भी शक्तिशाली ही होता है इसलिए द्रौपदी को कई लोग परशाति नाम से भी पुकारते थे।
द्रौपदी को भगवान शिव का एक वरदान मिला था। वरदान के तहत वह हर रात अपनी वर्जिनिटी वापिस हासिल कर लेती थीं। दरअसल द्रौपदी को अपने पांचों पतियों से संबंध बनाने होते थे जिस वजह से उन्होंने भगवान शिव से हर दिन वर्जिन होने का वरदान मांगा था।
मालिनी का अर्थ होता है स्टाइलिस्ट और द्रौपदी को सजने संवरने का बेहद शौक था। वह चाहती थी कि दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला का खिताब उसे मिल जाए और वास्तव में द्रौपदी बेहद सुंदर और सुसज्जित महिला थी।
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