दूध, पैक्ड फूड से लेकर कॉस्मैटिक और दवाईयों तक, बाजार में मिलने वाले पैक्ड प्रोडक्ट्स के लेबल पर कई सारी डिटेल्स लिखी होती हैं। इन डिटेल्स में मैनुफैक्चरेशन और एक्सपायरी डेट भी शामिल होती हैं। हम अक्सर प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट चेक करते हैं और उसे खरीद लेते हैं। लेकिन, कई बार प्रोडक्ट्स पर एक्सपायरी डेट की जगह बेस्ट बिफोर या शेल्फ लाइफ भी लिखा होता है। ऐसे में कई बार लोग कंफ्यूज हो जाते हैं और समझ नहीं पाते हैं कि प्रोडक्ट को कब तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
अगर आप भी एक्सपायरी डेट और शेल्फ लाइफ या बेस्ट बिफोर में कंफ्यूज हो जाते हैं और इनके बीच का अंतर नहीं समझ पाते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। जी हां, आज हम यहां एक्सपायरी डेट और शेल्फ लाइफ के बीच का अंतर आपको बताने जा रहे हैं। लेकिन, दोनों के बीच का अंतर जानने से पहले एक्सपायरी डेट और शेल्फ लाइफ क्या होते हैं यहां समझने की कोशिश करते हैं।
जब भी आप कोई प्रोडक्ट खरीदें, तो उसकी एक्सपायरी डेट चेक करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस तारीख से पता चलता है कि प्रोडक्ट को कब तक इस्तेमाल करना सुरक्षित है। वहीं, अगर प्रोडक्ट को एक्सपायरी डेट के बाद इस्तेमाल किया जाता है, तो उससे साइड इफेक्ट हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि एक्सपायरी डेट के बाद प्रोडक्ट के केमिकल्स में बदलाव हो सकता है, जो सेहत और शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
एक्सपायरी डेट खासतौर पर दवाई, कॉस्मैटिक, ब्यूटी प्रोडक्ट और खाने-पीने की कुछ चीजों पर लिखी होती है। एक्सपायरी डेट के बाद प्रोडक्ट को किसी भी तरह से इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी जाती है।
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शेल्फ लाइफ का मतलब है कि कोई प्रोडक्ट कितने समय तक अपनी क्वालिटी, टेस्ट, न्यूट्रिएंट्स और अफेक्ट को बनाकर रख सकता है। इसे आम भाषा में समझें तो पैक खोलने के बाद प्रोडक्ट को कितने समय या दिन तक इस्तेमाल किया जा सकता है, उसे शेल्फ लाइफ कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर, किसी स्नैक्स के पैकेट की शेल्फ लाइफ 3 दिन की हो सकती है और उसके बाद भले ही वह खराब न हो लेकिन उसके बाद स्वाद और कुरकुरापन बदल सकता है।
किसी भी प्रोडक्ट की शेल्फ लाइफ उसकी स्टोरेज की स्थिति, टेंपरेचर, नमी और पैकेजिंग पर निर्भर करती है। शेल्फ लाइफ खत्म होने के बाद प्रोडक्ट को इस्तेमाल तो किया जा सकता है, लेकिन उसकी क्वालिटी और टेस्ट में अंतर आ सकता है। शेल्फ लाइफ ज्यादातर पैक्ड फूड आइटम्स की होती है।
एक्सपायरी डेट और शेल्फ लाइफ क्या होते हैं यह तो आप समझ ही गए होंगे, लेकिन दोनों के बीच मुख्य अंतर क्या है। यह भी समझ लेना जरूरी है।
एक्सपायरी डेट किसी भी प्रोडक्ट की सुरक्षित उपयोग की अंतिम तिथि को कहा जाता है। वहीं, शेल्फ लाइफ प्रोडक्ट की क्वालिटी बनाए रखने की अवधि को कहा जाता है।
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एक्सपायरी डेट के बाद प्रोडक्ट को इस्तेमाल करना असुरक्षित हो सकता है। वहीं, शेल्फ लाइफ डेट के बाद प्रोडक्ट की क्वालिटी में गिरावट हो सकती है।
एक्सपायरी डेट के बाद प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। लेकिन, शेल्फ लाइफ के बाद प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य को खतरा होने की संभावना कम से कम होती है।
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