क्यों दवाई के पत्ते पर बनी होती है लाल लाइन? वजह है बड़ी दिलचस्प

कई दवाईयों के रैपर पर किनारे में लाल रंग की लाइन बनी होती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह लाल लाइन कुछ दवाईयों के रैपर पर होती है  और कुछ पर नहीं। आइए, यहां जानते हैं दवाईयों के रैपर और लाल लाइन के बीच क्या कनेक्शन है। 
What is the red line on medicine rapper

हमारी जिंदगी के इर्द-गिर्द ऐसी कई चीजे हैं, जिनका हम रोजाना इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, उनके पीछे क्या लॉजिक है यह नहीं जानते हैं। इन्हीं में से एक दवाइयों के रैपर बनी लाल लाइन भी है। अगर आपने कभी दवाई का पत्ता ध्यान से देखा है, तो उसके किनारे पर बनी लाल लाइन या लाल बॉक्स भी देखा होगी। दवाई के रैपर पर बनी यह लाल लाइन या लाल बॉक्स कोई डिजाइन नहीं होता है, बल्कि इसके पीछे एक दिलचस्प लॉजिक होता है। जी हां, दवाई के रैपर बनी लाल लाइन का सीधा-सीधा कनेक्शन उसके उपयोग और सावधानियों से जुड़ा होता है। आइए, यहां जानते हैं दवाई के रैपर पर लाल लाइन के पीछे क्या वजह होती है।

दवाई के रैपर पर क्यों बनी होती है लाल लाइन?

भारत सरकार के ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 के तहत दवाइयों के रैपर पर लाल लाइन या बक्सा बना होता है। लाल लाइन का सीधा मतलब होता है कि वह दवाई एक खास कैटेगरी की है और उसे बिना डॉक्टर की पर्चे, रिकमेंडेशन के ना बेचा जा सकता है और ना ही कोई मरीज इसे खरीद सकता है।

दवाई के रैपर पर लाल लाइन या बॉक्स इसलिए बनाया जाता है, जिससे उनका गलत इस्तेमाल रोका जा सके। लाल लाइन या बॉक्स के अलावा दवाई के रैपर पर अलग-अलग तरह के कई साइन होते हैं, जिनके मुताबिक ही कोई केमिस्ट या मेडिकल स्टोर वाला दवा देता है।

दवा के रैपर पर लाल लाइन क्यों जरूरी होती है?

गलत इस्तेमाल से बचाव

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लाल लाइन या बॉक्स, जिन दवाइयों के रैपर पर बना होता है वह शेड्यूल H कैटेगरी में आती हैं। ऐसे में यह लाल लाइन संकेत देती है कि दवा केवल डॉक्टर के पर्चे पर ही बेची या इस्तेमाल की जा सकती है।

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साइड इफेक्ट्स से सुरक्षा

जिन दवाइयों के रैपर पर लाल लाइन बनी होती है, वह आमतौर पर स्ट्रांग मानी जाती है। जिनका गलत तरह से इस्तेमाल करने पर नेगेटिव इम्पैक्ट हो सकता है। साइड इफेक्ट्स से सुरक्षा और वॉर्निंग देने के लिए दवाई के रैपर पर लाल लाइन बनाई जाती है।

फार्मासिस्ट को जानकारी

लाल लाइन से फार्मासिस्ट को जानकारी मिलती है कि किस दवाई को डॉक्टर की पर्ची के साथ बेचना है और किसे नहीं। यह आसानी से पहचान करने में मदद करती है।

किन दवाइयों पर होती है लाल लाइन?

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लाल लाइन आमतौर पर उन दवाइयों के रैपर पर होती है, जो बहुत ज्यादा स्ट्रांग होती हैं। यह ज्यादातर एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉयड्स, मानसिक रोगों की दवाएं- जैसे डिप्रेशन, एंग्जायटी या फिर पेन किलर या एडिक्शन बनाने वाली दवाओं पर हो सकती है।

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लाल लाइन के अलावा दवा के रैपर पर क्या लिखा होता है?

लाल लाइन और बॉक्स के अलावा दवाई के रैपर पर अन्य भी कई चीजें लिखी होती हैं, जिसमें Rx और NRx बहुत कॉमन है। आइए, यहां जानते हैं कि दवाई के रैपर पर लिखे Rx और NRx का क्या मतलब होता है।

  • Rx का मतलब: जिन दवाइयों के रैपर के पीछे Rx लिखा होता है, उसका मतलब है कि इसे केवल डॉक्टर की रिकमेंडेशन या पर्चे पर ही लिया जा सकता है। अगर आपको कोई मेडिकल स्टोर वाला Rx लिखे पत्ते की दवाई देता है, तो इसे लेने से पहले सावधान हो जाने की सलाह दी जाती है।

  • NRx का मतलब: अगर आपकी किसी दवाई के पत्ते पर NRx का निशान बना है, तो इसे लेने से पहले दो बार जरूर सोच लें। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह दवाई केवल वही डॉक्टर लिख सकता है जिनके पास इन्हें रिकमेंड करने का लाइसेंस होगा। अब इस बात से आप दवाई के नेगेटिव इम्पैक्ट के बारे में सोच सकते हैं।

  • XRx का मतलब: अगर किसी दवाई के रैपर पर XRx का साइन बना है, तो इसे केवल डॉक्टर से ही लेना चाहिए। इस दवाई बाहर से नहीं खरीदने की सलाह दी जाती है।

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Image Credit: Freepik and Herzindagi

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